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यूपी की सियासत : ब्राह्मणों को रिझाने के लिए बीजेपी चली सपा-बसपा की राह, जानिए क्या है 'पॉलिटिक्स' - up Politics

विधानसभा चुनाव से पहले हर स्तर पर चुनावी तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 5 से 20 सितंबर तक प्रबुद्ध सम्मेलन करने का फैसला किया है. इन सम्मेलनों में भाजपा के मंत्री के साथ संगठन के पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे.

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Published : Sep 1, 2021, 8:21 PM IST

लखनऊ : 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों की तरफ से जातीय गठजोड़ दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. सपा-बसपा की तरफ से ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन किए जा रहे हैं, तो अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी 5 से 20 सितंबर तक प्रबुद्ध सम्मेलन करने का बड़ा फैसला किया है. विधानसभा चुनाव से पहले हर स्तर पर चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने में जुटी भाजपा अब प्रबुद्धजनों को भी जोड़ने और उन्हें पार्टी के साथ बनाए रखने को लेकर सम्मेलन करने का फैसला किया है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी प्रबुद्धजन सम्मेलन करेगी और प्रबुद्धजनों से संवाद करते हुए उनकी परेशानी उनकी आकांक्षाएं और उनके लिए सरकार ने क्या कुछ किया है, इसकी जानकारी दी जाएगी. इन प्रबुद्ध सम्मेलनों में चिकित्सक, शिक्षक, अधिवक्ता, इंजीनियर व समाज के अन्य प्रबुद्धजनों को बुलाया जाएगा.

जानिए बीजेपी की 'पॉलिटिक्स'

इन सम्मेलनों में बीजेपी सरकार के मंत्री शामिल होंगे, तो बीजेपी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे और प्रबुद्ध सम्मेलनों में शिरकत करेंगे. पार्टी नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी जाति की राजनीति नहीं करती है. समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है और समाज के जो प्रबुद्ध जन हैं, जिनमें अधिवक्ता, चिकित्सक, शिक्षक, इंजीनियर या अन्य जो लोग हैं. उनके साथ बात करते हुए उनके मन को तक टटोलने हुए उनके मन में क्या चल रहा है और उनकी अगर कहीं कोई परेशानियां है, तो उन्हें दूर करने को लेकर बीजेपी आगे काम करेगी. चुनाव से पहले जो कहा जा रहा है भारतीय जनता पार्टी के स्तर पर ब्राह्मणों में नाराजगी है, उसको लेकर भी मन टटोलने को लेकर इन सम्मेलनों के माध्यम से फीडबैक लेने की कोशिश की जाएगी.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी प्रबुद्ध सम्मेलन के नाम पर जातियों के सम्मेलन आयोजित करने का काम कर रहे हैं. भाजपा समाज के जो प्रबुद्ध लोग हैं, जो नीतियां तय करने का काम करते हैं, अलग-अलग विषयों पर अपनी राय रखने का काम करते हैं, वह चाहे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक हैं, जो समाज को आगे ले जाने का काम करते हैं. ऐसे लोगों के साथ लगातार संवाद करने का काम भाजपा करेगी. सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर 5 सितंबर से भाजपा एक शृंखला के रूप में प्रबुद्ध सम्मेलन करने का फैसला किया है.

पढ़ेंः कांग्रेस का बीजेपी पर तंज- हम दो हमारे दो, जो भी मिले उसे बेच दो की नीति पर हो रहा काम

लखनऊ : 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों की तरफ से जातीय गठजोड़ दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. सपा-बसपा की तरफ से ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन किए जा रहे हैं, तो अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी 5 से 20 सितंबर तक प्रबुद्ध सम्मेलन करने का बड़ा फैसला किया है. विधानसभा चुनाव से पहले हर स्तर पर चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने में जुटी भाजपा अब प्रबुद्धजनों को भी जोड़ने और उन्हें पार्टी के साथ बनाए रखने को लेकर सम्मेलन करने का फैसला किया है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी प्रबुद्धजन सम्मेलन करेगी और प्रबुद्धजनों से संवाद करते हुए उनकी परेशानी उनकी आकांक्षाएं और उनके लिए सरकार ने क्या कुछ किया है, इसकी जानकारी दी जाएगी. इन प्रबुद्ध सम्मेलनों में चिकित्सक, शिक्षक, अधिवक्ता, इंजीनियर व समाज के अन्य प्रबुद्धजनों को बुलाया जाएगा.

जानिए बीजेपी की 'पॉलिटिक्स'

इन सम्मेलनों में बीजेपी सरकार के मंत्री शामिल होंगे, तो बीजेपी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे और प्रबुद्ध सम्मेलनों में शिरकत करेंगे. पार्टी नेताओं का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी जाति की राजनीति नहीं करती है. समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है और समाज के जो प्रबुद्ध जन हैं, जिनमें अधिवक्ता, चिकित्सक, शिक्षक, इंजीनियर या अन्य जो लोग हैं. उनके साथ बात करते हुए उनके मन को तक टटोलने हुए उनके मन में क्या चल रहा है और उनकी अगर कहीं कोई परेशानियां है, तो उन्हें दूर करने को लेकर बीजेपी आगे काम करेगी. चुनाव से पहले जो कहा जा रहा है भारतीय जनता पार्टी के स्तर पर ब्राह्मणों में नाराजगी है, उसको लेकर भी मन टटोलने को लेकर इन सम्मेलनों के माध्यम से फीडबैक लेने की कोशिश की जाएगी.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी प्रबुद्ध सम्मेलन के नाम पर जातियों के सम्मेलन आयोजित करने का काम कर रहे हैं. भाजपा समाज के जो प्रबुद्ध लोग हैं, जो नीतियां तय करने का काम करते हैं, अलग-अलग विषयों पर अपनी राय रखने का काम करते हैं, वह चाहे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक हैं, जो समाज को आगे ले जाने का काम करते हैं. ऐसे लोगों के साथ लगातार संवाद करने का काम भाजपा करेगी. सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर 5 सितंबर से भाजपा एक शृंखला के रूप में प्रबुद्ध सम्मेलन करने का फैसला किया है.

पढ़ेंः कांग्रेस का बीजेपी पर तंज- हम दो हमारे दो, जो भी मिले उसे बेच दो की नीति पर हो रहा काम

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