गुवाहाटी : भाजपा असम में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं करेगी और इस सिलसिले में फैसला सरकार गठन के समय पार्टी संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा. पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख रंजीत कुमार दास ने सोमवार को यह जानकारी दी.
राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और राज्य के प्रभावशाली मंत्री एवं पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन(एनईडीए) के संयोजक हिमंत बिस्व सरमा ने भी कहा है कि नयी सरकार में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी व्यक्ति का चयन करने के बारे में अंतिम फैसला पार्टी संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.
हालांकि, यह 2016 के रुख से ठीक उलट है, जब भाजपा ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को राज्य विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाया था.
दास ने कहा, 'जब (पार्टी की) सरकार नहीं होती है, तब मुख्यमंत्री पद के लिए कोई नाम पेश किया जाता है. जब (पार्टी की) सरकार मौजूद है, तब हम मुख्यमंत्री पद के लिए कोई नाम नहीं पेश करेंगे.'
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के एक भी कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में नहीं पूछा है और सिर्फ मीडिया ही इस बारे में पूछताछ कर कर रही है.
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दास ने कहा, 'सरकार गठन के समय इस मुद्दे पर पार्टी का संसदीय बोर्ड फैसला करेगा.'
यह पूछे जाने पर कि भाजपा नीत गठबंधन के सत्ता में लौटने पर क्या इस शीर्ष पद के लिए वह एक संभावित उम्मीदवार होंगे, दास ने कहा, ' मैं इस दौड़ में शामिल नहीं हूं. मैंने इस बारे में कभी नहीं बोला है.'
सरमा के कई विश्वस्तों को पार्टी से टिकट मिलने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर दास ने इसे स्वीकार किया, लेकिन कहा कि सरमा के करीबी सहयोगी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में पिछले दो साल से काम कर रहे हैं.
भाजपा के इस बार असम विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को पेश नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि इसपर पार्टी और संसदीय बोर्ड को फैसला करना है.
यह पूछे जाने पर कि शीर्ष पद ऊपरी असम के व्यक्ति के पास ही रहेगा या कहीं और के व्यक्ति के पास जाएगा तो इसपर सोनोवाल ने कहा, 'आपको यह सवाल नहीं उठाना चाहिये. भाजपा वास्तव में लोकतांत्रिक पार्टी है और हम वास्तव में लोकतंत्र में विश्वास करते हैं. बस.'
पढ़ें - पश्चिम बंगाल : ममता को बड़ा झटका, पांच तृणमूल विधायक भाजपा में शामिल
सोनोवाल डिब्रूगढ़ से आते हैं, जो ऊपरी असम में है. वहीं, हिमंत विश्व सरमा नलबाड़ी जिले से आते हैं, जो निचले असम में है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह (सरमा) भाजपा से अगले मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं, सरमा ने कहा, 'उम्मीदवार की घोषणा करना संसदीय बोर्ड का विशेषाधिकार है. '
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें दिल्ली से इसकी घोषणा होने का इंतजार करना चाहिए. ' उनके कई विश्वस्तों को टिकट मिलने के आरोपों और इससे अगली सरकार का नेतृत्व उन्हें सौंपे जाने के संकेत मिलने के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने इन अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि सिर्फ भाजपा के विश्वस्तों को टिकट मिला है.
राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में--27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को--चुनाव होने हैं.