नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता रजनी पाटिल ने बुधवार को कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव प्रस्ताव को आगे बढ़ाने और देश का नाम बदलकर केवल 'भारत' करने की भाजपा की कथित योजना को राज्यसभा में 'INDIA' की बाधा का सामना करना पड़ेगा. हालांकि 18-22 सितंबर तक संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा दो विवादास्पद योजनाओं को आगे बढ़ा सकती है.
कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रजनी पाटिल ने ईटीवी भारत को बताया कि संविधान में स्पष्ट रूप से देश का नाम 'इंडिया दैट इज़ भारत, राज्यों का एक संघ होगा' लिखा है. हमारे लिए दोनों शब्द एक जैसे हैं. लेकिन अगर सरकार देश का नाम बदलकर केवल 'भारत' करना चाहती है, तो उसे संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से विधेयक पारित करना होगा.
उन्होंने कहा कि उच्च सदन में उनके पास उस तरह का बहुमत नहीं है और वहां उन्हें सड़क अवरोध का सामना करना पड़ेगा. इंडिया की पार्टियां मिलकर बिल का विरोध करेंगी. उन्होंने कहा कि यदि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार को आगे बढ़ाने के लिए एक और विधेयक लाया जाता है, तो उसे भी राज्यसभा में उसी बाधा का सामना करना पड़ेगा. इतना ही नहीं, किसी भी संवैधानिक संशोधन को 50 प्रतिशत से अधिक राज्य विधानसभाओं द्वारा अनुमोदित भी करना होगा. ऐसा करना मुश्किल लेकिन कहना आसान है.
पाटिल के अनुसार, यह अजीब था कि सरकार एजेंडा के साथ सामने नहीं आ रही थी लेकिन विशेष संसद सत्र की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं होता. यदि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लेती है, तो वे विपक्षी दलों से पहले से परामर्श करते हैं और एजेंडा को सांसदों के बीच प्रसारित करते हैं ताकि वे तैयार होकर आएं और उचित चर्चा हो सके. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.
पाटिल ने कहा कि हमें पता नहीं है कि सत्र का एजेंडा क्या है, लेकिन हम मीडिया में उन विभिन्न प्रस्तावों के बारे में पढ़ते रहते हैं, जिन्हें वहां उठाया जा सकता है. कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल भी रजनी पाटिल से सहमत थे. उन्होंने कहा कि राष्ट्र का नाम भारत अर्थात इंडिया से बदलकर केवल भारत करने के लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता है. लेकिन राज्यसभा में बीजेपी के पास दो तिहाई बहुमत नहीं है. तो फिर ये गुब्बारा क्यों उड़ाया जा रहा है?
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, देश का नाम बदलकर भारत करने और एक राष्ट्र, एक चुनाव से संबंधित भाजपा के कथित प्रस्तावों पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के 24 दलों ने 5 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में एक संयुक्त रणनीति सत्र के दौरान विस्तार से चर्चा की. उससे कुछ घंटे पहले, कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने विशेष संसद सत्र के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी.
इसके बाद, विपक्षी दलों ने निर्णय लिया कि 'भारत' मुद्दे को सावधानी से निपटाया जाना चाहिए और तकनीकी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने कहा कि हां, 'इंडिया यानी भारत राज्यों का एक संघ होगा' ये संविधान में लिखा है. हम जो कह रहे हैं वह यह है कि भाजपा राज्यों के इस संघ पर हमला कर रही है. यह संघीय ढांचे और निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है. ये वे मुद्दे हैं जिन्हें हम विशेष सत्र के दौरान उठाना चाहेंगे.