लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी स्वयंभू उम्मीदवारों को ब्लैक लिस्ट करेगी. ऐसे नेता जो कि अभी से खुद को किसी सीट का उम्मीदवार बताने लगे हैं, उनकी राजनैतिक सेहत के लिए यह ठीक नहीं होगी. समय से पहले औपचारिक रूप से टिकट का दावेदार बताने वालों को सूचीबद्ध किया जा रहा है. गाड़ियों और होर्डिंगों में टिकट दावेदारी का स्पष्ट संकेत देने वालों को भितरघात का जिम्मेदार माना जाएगा और उनको टिकट मिलना तो दूर पार्टी की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा.
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में अभी से बहुत सारे नेता खुद को विधानसभा प्रत्याशी घोषित कर रहे हैं. लखनऊ की सड़कों पर घूमती दूसरे जिलों की गाड़ियों के शीशों पर यह दावेदारी साफ देखी जा सकती है. यही नहीं शहर से लेकर कस्बों की सड़कों पर होर्डिंग कुछ ऐसा ही बता रहे हैं. भाजपा इस तरह का व्यवहार संभावित प्रत्याशी का राजनैतिक करियर डांवाडोल कर सकती है.
भाजपा संगठन की ओर से नेताओं को यह स्पष्ट संकेत दिया गया है कि अगर उन्होंने अधिकृत सूची जारी होने से पहले खुद को प्रत्याशी घोषित किया, तो मिलता हुआ टिकट भी कट जाएगा. पार्टी की सदस्यता भी जा सकती है. इस संबंध में पार्टी की अलग अलग बैठकों में स्पष्ट संकेत दिए जा चुके हैं.
चुनाव में करीब छह माह का समय बाकी है। इसलिए भाजपा के प्रदेश कार्यालय में रोजाना जिलों से आने वाले सैकड़ों नेताओं का तांता लगा रहता है. प्रदेश अध्यक्ष से लेकर अन्य नेताओं से मिल कर लोग गुहार लगाते हैं कि उनको अमुक विधानसभा से टिकट दिया जाए और अपनी तैयारियों और जातीय समीकरणों की दुहाई नेता यहां आकर देते हैं, ताकि चुनाव के दौरान उनकी दावेदारी तय हो.
150 टिकट बदले जाने की संभावना
भाजपा में 325 में से 100 टिकट काटे जाएंगे और 50 टिकटों पर दावेदारों को दूसरी जगहों से लड़ाया जाएगा, ताकि बेहतर सीटें भाजपा को मिल सकें. ऐसे में भाजपा से टिकट की उम्मीद बहुत अधिक लगाई जा रही है और अभी से जमावड़ा लगना भी शुरु हो गया है.
सबसे आखिर में घोषित होंगे टिकट
भाजपा सभी पार्टियों के प्रत्याशी देखने के बाद अपने प्रत्याशी घोषित करेगी. पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले अगर किसी ने भी खुद को पार्टी प्रत्याशी घोषित किया, तो उसका टिकट हर हाल में काट दिया जाएगा. सभी को शांत रहने की हिदायत दी गई है. पार्टी प्रदेश स्तर पर टिकट घोषित करेगी, जिसके बाद हिदायत यह भी है कि सभी दावेदारों को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का समर्थन करना पड़ेगा, वरना उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का एक्शन लिया जाएगा.
"भाजपा के अनुशाषित राजनैतिक दल है. यहां जब तक किसी प्रत्याशी का टिकट घोषित न हो जाए उसको खुद को टिकट पाया होना नहीं बताना चाहिए. समय आने पर जब टिकट तय होंगे तब औपचारिक घोषणा होगी और सभी को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की मदद करनी होगी"
-संजीव मिश्र, प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट, बीजेपी