लखनऊ : सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बयान में आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को भाजपा ने बंधक बना लिया है. ब्लॉक प्रमुख (क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष) चुनाव में नामांकन के दौरान भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं द्वारा अराजकता और हिंसा किया जाना लोकतंत्र का उपहास है. सत्ताधारी भाजपा के लोग सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशा देखती रही. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के एजेंट की भूमिका में है.
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के 825 क्षेत्र पंचायतों में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन पत्र दाखिल करने का समय निर्धारित था और इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच शुरू हुई. शुक्रवार को नामांकन पत्रों की वापसी और शनिवार 10 जुलाई को मतदान होना है. इस बीच सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाया कि सिद्धार्थनगर के इटवा ब्लॉक में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनकी गाड़ी तोड़ दी गई.
उन्होंने हरदोई, सम्भल, बस्ती के गौर, झांसी के बड़ागांव, सीतापुर में कसमण्डा, कानपुर के बिल्हौर और शिवराजपुर, सहित कई स्थानों पर सपा समर्थित प्रत्याशियों के नामांकन में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा अवरोध पैदा करने का आरोप लगाया.
यादव ने यह भी आरोप लगाया कि बहराइच में नामांकन के दौरान पुलिस ने सपा नेताओं पर लाठीचार्ज किया जिससे पूर्व विधायक शब्बीर बाल्मीकि और जिलाध्यक्ष राम हर्ष यादव सहित कई कार्यकर्ता घायल हो गए. उन्होंने दावा किया कि महाराजगंज के घुघली ब्लॉक के समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी का पर्चा भाजपा नेताओं ने छीन लिया और घटना का विरोध करने पर सपा कार्यकर्ताओं को पीटा गया.
यह भी पढ़ें-मोदी सरकार के मंत्रियों को 15 अगस्त तक दिल्ली में रहने के निर्देश !
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की कि उत्तर प्रदेश में जिन प्रत्याशियों का नामांकन नहीं हुआ है, उन्हें अवसर देकर नामांकन कराने की व्यवस्था की जाए अथवा पूरी प्रक्रिया फिर से की जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
(पीटीआई-भाषा)