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पंजाब : विधानसभा की तैयारियाें में जुटी भाजपा, क्या कैप्टन के साथ गठबंधन में होगा फायदा ?

जैसे-जैसे पंजाब विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारी में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है क्योंकि इस बार पंजाब में भारतीय जनता पार्टी के लिए जीत आसान नहीं होगी. एक ओर कृषि बिल पर नाराज किसान वहीं दूसरी तरफ अकाली दल का साथ भी छूट चुका है.ऐसे में बीजेपी विकल्प के तौर पर अमरिंदर सिंह की तरफ देख रही है और उन्हें गठबंधन में लाने की भरपूर कोशिश कर रही है. आइए जानते हैं पंजाब के लिए बीजेपी के क्या है रणनीति, वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में.

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Published : Oct 29, 2021, 8:57 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 9:18 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सहारे चुनावी नैया पार करने की कोशिश में लग गई है. हालांकि अमरिंदर सिंह को अपने पाले में लाना, पार्टी के लिए इतना आसान नहीं है मगर पार्टी इसके लिए जी जान से जुट गई है.
सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में पूरी मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है. पार्टी को यह पता है कि इस बार उनके साथ अकाली दल का गठबंधन नहीं है. ऐसे में पार्टी के लिए हर सीट पर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं और इसके लिए पार्टी के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी बनाने के ऐलान के बाद किसी तरह उन्हें गठबंधन में शामिल करने की कोशिश कर रही है. किसान आंदोलन की वजह से भाजपा के कार्यकर्ता और नेताओं में काफी नाउम्मीदी है.

हालांकि बीजेपी के आला नेता पंजाब में संगठन को मजबूत करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी कार्यक्रम भी तेज कर दिए हैं बावजूद इसके, पार्टी को पूरी मजबूती नजर नहीं आ रही है. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें, तो पार्टी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्रियों और पंजाब से जुड़े नेताओं को पंजाब के लिए अपने दौरे तेज कर देने के निर्देश भी दिए हैं और इसका असर दिखाई भी देने लगा है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी ने उन मंत्रियों को लगातार पंजाब में रहने और जनता से जुड़े रहने के निर्देश दिए हैं जिन्हें पंजाब का प्रभारी चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किया गया है.

चुनाव प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने सांसदों, विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और चुनावी ड्यूटी में लगाए गए कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर, उनसे सलाह मशवरा करें और उन्हें अपने भरोसे में लेने की कोशिश करें, ताकि चुनाव आने पर दलबदल की स्थिति ना आए.

यही नहीं पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पार्टी के अंदर इस बात को लेकर भी तैयारी चल रही है कि यदि चुनाव से पहले अमरिंदर सिंह की बनने वाली पार्टी के साथ तालमेल होता है तो किन इलाकों में और कौन-कौन सी सीटें भारतीय जनता पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, इन सीटों को चिन्हित कर पार्टी मुख्यालय में रिपोर्ट भेजने की भी सलाह दी गई है. पंजाब के प्रभारी दुष्यंत गौतम और पार्टी के पंजाब से आने वाले नेता तरुण चुग लगातार पंजाब में बैठक कर रहे हैं.

साथ ही बीजेपी और अकाली दल के गठबंधन से टूटने के बाद और किसान आंदोलन के परिपेक्ष में कौन-कौन से मुद्दे चुनावी प्रचार प्रसार में ज्यादा इस्तेमाल किये जाए इन पर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. पार्टी के रणनीतिकार कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनावी समझौता करने के लिए कई प्रस्ताव भी दे चुके हैं अब देखना यह है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह आगे की रणनीति भाजपा से इतर होकर बनाते हैं या फिर बीजेपी की तरफ हाथ बढ़ाते हैं.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सहारे चुनावी नैया पार करने की कोशिश में लग गई है. हालांकि अमरिंदर सिंह को अपने पाले में लाना, पार्टी के लिए इतना आसान नहीं है मगर पार्टी इसके लिए जी जान से जुट गई है.
सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में पूरी मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है. पार्टी को यह पता है कि इस बार उनके साथ अकाली दल का गठबंधन नहीं है. ऐसे में पार्टी के लिए हर सीट पर मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं और इसके लिए पार्टी के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी बनाने के ऐलान के बाद किसी तरह उन्हें गठबंधन में शामिल करने की कोशिश कर रही है. किसान आंदोलन की वजह से भाजपा के कार्यकर्ता और नेताओं में काफी नाउम्मीदी है.

हालांकि बीजेपी के आला नेता पंजाब में संगठन को मजबूत करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी कार्यक्रम भी तेज कर दिए हैं बावजूद इसके, पार्टी को पूरी मजबूती नजर नहीं आ रही है. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें, तो पार्टी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्रियों और पंजाब से जुड़े नेताओं को पंजाब के लिए अपने दौरे तेज कर देने के निर्देश भी दिए हैं और इसका असर दिखाई भी देने लगा है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी ने उन मंत्रियों को लगातार पंजाब में रहने और जनता से जुड़े रहने के निर्देश दिए हैं जिन्हें पंजाब का प्रभारी चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किया गया है.

चुनाव प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने सांसदों, विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और चुनावी ड्यूटी में लगाए गए कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर, उनसे सलाह मशवरा करें और उन्हें अपने भरोसे में लेने की कोशिश करें, ताकि चुनाव आने पर दलबदल की स्थिति ना आए.

यही नहीं पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पार्टी के अंदर इस बात को लेकर भी तैयारी चल रही है कि यदि चुनाव से पहले अमरिंदर सिंह की बनने वाली पार्टी के साथ तालमेल होता है तो किन इलाकों में और कौन-कौन सी सीटें भारतीय जनता पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, इन सीटों को चिन्हित कर पार्टी मुख्यालय में रिपोर्ट भेजने की भी सलाह दी गई है. पंजाब के प्रभारी दुष्यंत गौतम और पार्टी के पंजाब से आने वाले नेता तरुण चुग लगातार पंजाब में बैठक कर रहे हैं.

साथ ही बीजेपी और अकाली दल के गठबंधन से टूटने के बाद और किसान आंदोलन के परिपेक्ष में कौन-कौन से मुद्दे चुनावी प्रचार प्रसार में ज्यादा इस्तेमाल किये जाए इन पर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. पार्टी के रणनीतिकार कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनावी समझौता करने के लिए कई प्रस्ताव भी दे चुके हैं अब देखना यह है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह आगे की रणनीति भाजपा से इतर होकर बनाते हैं या फिर बीजेपी की तरफ हाथ बढ़ाते हैं.

Last Updated : Oct 29, 2021, 9:18 PM IST
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