नई दिल्ली : कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान विशेष तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं होने संबंधी केंद्र सरकार के बयान को लेकर मचे बवाल के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने विरोधियों पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि उसके विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने अदालतों में दावा किया कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई और उन्होंने केंद्र को दिए अपने जवाब में भी इसी प्रकार के दावे किए.
केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि दूसरी लहर के दौरान विशेष रूप से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की भी मौत होने की जानकारी नहीं दी. इसे लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की थी.
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केंद्र सरकार का उत्तर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के आंकड़ों पर आधारित है, क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है. किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत होने संबंधी कोई आंकड़ा जारी नहीं किया.
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल समेत विपक्षी नेताओं पर इस मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि जिन राज्यों में ये दल सत्ता में हैं, उन्होंने दावा किया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई.
पात्रा ने गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, 'आपने दो पंक्ति के झूठ बार-बार लिखकर वैश्विक महामारी के दौरान ट्विटर ट्रोलर के तौर पर काम किया. यह दु:ख की बात है कि सबसे बड़ी पार्टियों में शामिल एक पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने इतने गैरजिम्मेदाराना तरीके से व्यवहार किया है.'
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'आप' ने भी राज्यसभा में मोदी सरकार के उत्तर की आलोचना की थी. पात्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार की समिति ने उच्च न्यायालय को बताया था कि इस बात को साबित करने के कोई सबूत नहीं है कि 23 और 24 अप्रैल की रात जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से करीब 21 लोगों की मौत हुई.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने भी बंबई उच्च न्यायालय से कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने भी इसी प्रकार के दावे किए. उन्होंने कहा कि गांधी को ट्विटर पर 'झूठ बोलने' के बजाए उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करनी चाहिए, जहां उनकी पार्टी सत्ता में है.
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने दूसरी लहर में ऑक्सीजन संकट के कारण मरीजों की मौत का मामला उठाया था, क्योंकि वे मोदी सरकार को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अदालतों के समक्ष अपने अभिवेदन में अलग रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वे केवल पूरे मामले पर राजनीति करना चाहते हैं.
पात्रा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार ने उनके हाथ बांध दिए हैं और जब उनसे लिखित में अभिवेदन देने को कहा गया था, तो उन्हें सच बोलना चाहिए था. उन्होंने भाजपा शासित राज्यों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा कि लोगों को वहां भी दिक्कत हुई होगी, लेकिन उन्होंने विपक्ष शासित राज्यों की तरह न तो आरोप लगाए और ना ही वहां इस तरीके से मामले उच्च न्यायालयों में पहुंचे.
(पीटीआई-भाषा)