श्रीनगर: गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर के दौरे से पहले पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने निशाना साधा है. दरअसल शाह के दौरे के दौरान पहाड़ी लोगों के लिए आरक्षण की घोषणा की जा सकती है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष ने गुर्जरों और पहाड़ी लोगों से एकजुट रहने और एक-दूसरे से न लड़ने का आग्रह किया है. महबूबा ने कहा कि भाजपा सरकार ने पहाड़ी समुदाय को आरक्षण की कथित बात कर पीर पंजाल में तनावपूर्ण माहौल बना दिया है.
महबूबा ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, 'भाई-भाई का दुश्मन हो रहा है, एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं. उन्हें एक-दूसरे से लड़ाया जा रहा है. ये लोग सदियों से एक साथ रहते आए हैं और एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. मैं गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों से लड़ाई बंद करने का अनुरोध करती हूं. याद रखें कि सब कुछ ईश्वर देते हैं.'
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री आएंगे और जाएंगे, बीजेपी आज है, लेकिन कल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि 'अपने राजनीतिक लाभ के लिए विभिन्न समुदायों और धर्मों के बीच वह दरार पैदा करते हैं. इसलिए, मैं आप सभी से इसे रोकने का अनुरोध करती हूं और जो जिसकी किस्मत में है, वह उसे मिलेगा. एक साथ रहें और उनके मंसूबों को विफल करें. पहले उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया और अब गुर्जरों और पहाडि़यों के बीच विभाजनकारी माहौल बनाया जा रहा है.'
महबूबा का यह बयान गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले आया है. अमित शाह कश्मीर के दौरे पर आने वाले हैं, जिसके दौरान वह राजौरी और बारामूला में पहाड़ी रैलियों को संबोधित करेंगे. केंद्र शासित प्रदेश की पहाड़ी आबादी को आरक्षण की घोषणा करने की संभावना है.
आरक्षण के मुद्दे ने जम्मू और कश्मीर में गुर्जरों और पहाड़ियों को विभाजित कर दिया है. गुर्जरों का तर्क है कि पहाड़ी रोजगार और विधानसभा सीटों में अपने हिस्से के आरक्षण में कटौती करेंगे जो उन्हें विकास के अपने हिस्से से वंचित कर देगा.
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