कोलकाता/नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में वापसी कर ली है. मुकुल के साथ उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय भी टीएमसी में शामिल हो गए हैं. इस मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि मुकुल घर का लड़का है, घर वापस आ गया है. यह भाजपा में काम नहीं कर पा रहा था, लेकिन यहां पर अच्छा करेगा. इन्हें बड़ी जिम्मेवारी दी जाएगी.
कुछ दिन पहले ही तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी एक अस्पताल में मुकुल रॉय की बीमार पत्नी को देखने गए थे. उसके बाद से अटकलें तेज हो गई थीं. पार्टी की बैठक से भी मुकुल रॉय नदारद रहे थे. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी पत्नी का हाल जानने के लिए उनसे बात की थी. उम्मीदें लगाई जा रहीं थीं कि उनका असंतोष खत्म हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
टीएमसी में शामिल होने पर मुकुल रॉय ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ' मैं आज टीएमसी में शामिल हुआ हूं. वर्तमान परिस्थितियों में कोई भी भारतीय जनता पार्टी में नहीं रहेगा.'
मुकुल रॉय ने कहा कि भाजपा में कोई भी नेता नहीं टिकेगा. आज न कल, वे वापस आएंगे.
ममता बनर्जी ने कहा कि हम मुकुल रॉय का स्वागत करते हैं. वह पार्टी में अहम भूमिका निभाएंगे. ममता बनर्जी यह पूछे जाने पर कि क्या और लोग टीएमसी में शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी की आलोचना की, उन्होंने बीजेपी के लिए चुनाव से पहले पार्टी को धोखा दिया, हम उन पर विचार नहीं करेंगे. बाकी लोग पार्टी में आ सकते हैं.ममता ने कहा कि भाजपा में बहुत अधिक शोषण होता है. ऐसे में वहां लोगों का रहना मुश्किल है.
मुकुल रॉय के भाजपा में शामिल होने पर पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा है कि राजनीति में अवसरवादी ऐसा करते हैं. अभिषेक बनर्जी और उनके बीच एक दरार थी... तो वह भाजपा में शामिल हो गए ... वे आते-जाते रहेंगे. भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने पहली बार चुनाव जीता, वह भी भाजपा के चुनाव चिह्न पर. जाने से पहले उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि मुकुल रॉय कभी भी एक पब्लिक नेता नहीं थे. पश्चिम बंगाल में एसी रूम से राजनीति नहीं हो सकती. राजनीति में उनका समय समाप्त हो गया है. कोई उन पर भरोसा नहीं करता. सभी को जानकारी थी कि वह बीजेपी की अंदरूनी जानकारी टीएमसी को देते हैं. यदि प्रतिद्वंद्वियों को आपकी योजना का पता चल जाता है, तो इससे आपको नुकसान होता है.
बता दें कि भाजपा के लिए रॉय का टीएमसी में जाना बहुत बड़ा झटका है. विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद से ही कई नेताओं के सुर बदल गए हैं. कुछ नेताओं ने तो चिट्ठी लिखकर ममता से माफी मांग ली. कई कार्यकर्ताओं का वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें वे सार्वजनिक तौर पर भाजपा में जाने को गलती बता चुके हैं.
सूत्र बताते हैं कि शुभेंदु अधिकारी के आने से मुकुल रॉय असुरक्षित महसूस करने लगे थे. वे एक तरीके से अलग-थलग पड़ गए थे. हालांकि, भाजपा ने रॉय के उपाध्यक्ष बना रखा था, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें कोई बड़ी जिम्मेवारी नहीं मिली थी. इस बाबत जब उनसे पूछा गया था कि वे विधानसभा में विपक्ष के नेता नहीं बनाए जाने से नाराज तो नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है.
मुकुल रॉय ने तब कहा कि बतौर बीजेपी सिपाही राज्य में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी. मैं सभी से अपील करता हूं कि लोग ऐसी अफवाहों पर विराम लगाएं. मैं अपने राजनीतिक मार्ग को लेकर संकल्पित हूं. लेकिन उनके बेटे ने कुछ दिन पहले ही ट्वीट कर संकेत दे दिए थे कि वे भाजपा से खुश नहीं हैं.
मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था. इसमें उन्होंने ममता सरकार की आलोचना करने वालों को नसीहत दी थी. उन्होंने कहा था कि जनता के समर्थन से सत्ता में आई सरकार की आलोचना करने वालों को पहले अपने भीतर झांकना चाहिए.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा था कि भाजपा के कई नेता अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं. वे फिर से टीएमसी में आना चाहते हैं. उचित समय पर उनके बारे में निर्णय लिया जाएगा.
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई में चल रही अंतर्कलह और कुछ दल-बदलुओं के तृणमूल में लौटने की इच्छा प्रकट करने के बीच भगवा पार्टी के एक सांसद ने कहा कि 'जिनकी रीढ़ नहीं है', वे ही सत्तारूढ़ दल में फिर शामिल होने का प्रयास करेंगे.
बता दें कि, दल-बदलने वाले तृणमूल कांग्रेस के कई पूर्व नेताओं ने पिछले कुछ सप्ताह में ममता बनर्जी के खेमे में लौटने की इच्छा प्रकट की है. उनमें पूर्व विधायक सोनाली गुहा एवं दीपेंदु विश्वास आदि प्रमुख नेता हैं. कुछ अन्य भी कथित रूप से तृणमूल नेतृत्व को संकेत दे रहे हैं और उन्हें तृणमूल में वापसी की आस है.
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रॉय भाजपा में आने से पहले तृणमूल कांग्रेस में महासचिव थे. हाल ही में अभिषक बनर्जी को महासचिव बनाया गया है. रॉय 2017 में भाजपा में शामिल हो गये थे. राय प्रदेश भाजपा नेतृत्व द्वारा मंगलवार को बुलायी गयी बैठक में भी नहीं पहुंचे थे.
तृणमूल कांग्रेस ने मुकुल रॉय को पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए बाहर निकाल दिया था. उनका नाम नारदा मामले में आया था. इस मामले में नाम आने के बाद वे भाजपा नेताओं से संपर्क में आए थे. उसके बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. मुकुल रॉय ने युवा कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.