लखनऊ : मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर के बेटे पर फायरिंग के मामले में नया ट्विस्ट सामने आया है.
पुलिस ने दावा किया कि इस मामले में हिरासत में लिए गए आयुष के साले आदर्श ने पूछताछ में बताया कि इस घटना को कुछ लोगों को फंसाने के लिए जानबूझकर अंजाम दिया गया था. पुलिस के अनुसार आदर्श ने गोली चलाने की बात कबूल की है.
पुलिस आयुक्त डी.के. ठाकुर ने बताया, 'अब तक हुई जांच में पाया गया है कि सांसद कौशल किशोर के बेटे आयुष ने अपने साले आदर्श से खुद पर गोली चलवायी थी. आदर्श ने घटना को कुबूल करते हुए कहा कि उसने आयुष के कहने पर ही उस पर गोली चलायी थी.'
इस सवाल पर कि आयुष की तरफ से पुलिस को अभी कोई तहरीर मिली है या नहीं और क्या इस सिलसिले में मामला दर्ज किया जाएगा, ठाकुर ने कहा, 'चूंकि किसी ने भी मामला दर्ज नहीं कराया है और वारदात में इस्तेमाल किया गया असलहा बरामद किया जा चुका है इसलिये हम प्राथमिकी दर्ज करायेंगे.'
इस बीच, सांसद कौशल किशोर ने संवाददाताओं को बताया, 'ट्रॉमा सेंटर में मेरे बेटे ने मुझे किसी का नाम नहीं बताया. उसने यह जरूर बताया था कि वह अपने साले के साथ घर से बाहर निकला था, तभी यह घटना हुई.'
उन्होंने कहा, 'आयुष और उसका साला आदर्श जो भी कह रहे हैं, उसे वे ही बेहतर जानते होंगे. उनकी किसी से रंजिश नहीं थी. न जाने वह किसी को क्यों फंसाना चाहेंगे.'
रात में ही ले ली छुट्टी
लखनऊ के मड़ियावा इलाके में गोली लगने के बाद आयुष को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में रात 2:30 बजे लाया गया था. सांसद पुत्र के घायल होने पर सीनियर डॉक्टरों की टीम जुट गई.
तत्काल एंटीजेन रेपिड कोविड टेस्ट कराया गया. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने पर एक्स-रे कराया गया. इसके बाद 3 बजे उसे सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट किया गया.
सुबह 4:30 पर ड्रेसिंग और इंजेक्शन लगवाकर आयुष चला गया.
लामा कराकर ले गए घर
बताया जाता है कि परिवारीजन आयुष का लामा (लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइज) कराकर चले गए. ट्रॉमा के स्टाफ के मुताबिक परिजनों ने आयुष को भर्ती कराने से मना कर दिया. ऐसे में सादे कागज पर खुद को भाई बताकर विकास, किशोर और चचेरे भाई के तौर पर अमर ने हस्ताक्षर किए. इसमें आयुष को खुद की जिम्मेदारी पर अस्पताल से ले जाने की बात कही गई. वहीं दिक्कत होने पर डॉक्टर-नर्स की किसी भी जिम्मेदारी से इनकार किया.
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ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक आयुष के एक्सरे में गोली नहीं दिखी. गोली उसके कंधे के आर-पार हो गई. परिजन मरीज की हालत ठीक बताकर लामा कराकर उसे ट्रॉमा सेंटर से लेकर चले गए.