लखनऊ : पहले लखीमपुर खीरी और फिर पीलीभीत की मंडी में किसान ने अपनी फसल को आग के हवाले कर दिया. इस घटना के प्रकाश में आने के बाद एक बार फिर से पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने सूबे की योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने ट्वीट किया कि जब तक एमएसपी की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा. इस पर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए.
वहीं, अपने ट्विटर पर उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया है, जिनमें वे एक अधिकारी से किसानों की समस्याओं को लेकर बात करते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने तो यह भी कहा कि किसानों द्वारा उनकी फसल में आग लगाए जाने की घटना को कमतर कर नहीं देखा जा सकता है. पहले लखीमपुर खीरी फिर पीलीभीत और अब देखते ही देखते 17 जिलों से किसानों के फसल जलाने से संबंधित मामले सामने आए हैं. आज किसानों को एक साथ कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है.
इतना ही नहीं सांसद ने मंडी अधिकारी पर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि आपके लोग किसानों से बाहर 1200 रुपये में फसल की खरीद करते हैं और फिर आप उस फसल को 1900 रुपये की दर से खरीद लेते हैं. ऐसे में अब सारी चीजे खुलकर सामने आ रही हैं. इतना ही नहीं आगे उन्होंने अधिकारी को लताड़ लगाते हुए कहा कि किसान पहले से ही परेशान हैं और अब आप उन्हें परेशान न करें. कृपया किसानों की बद्दुआ मत लें.
आगे उन्होंने कहा कि अब उनका एक प्रतिनिधि प्रत्येक क्रय केंद्र पर तैनात रहेगा, जो रिकॉर्ड व साक्ष्य एकत्रित करने का काम करेगा और इसके बावजूद भी अगर भ्रष्टाचार व किसानों के साथ क्रूरता की घटनाएं सामने आई तो फिर वे सरकार के पास हाथ-पैर नहीं जोड़ेंगे, बल्कि कोर्ट का रूख करेंगे और आरोपियों को गिरफ्तार कराएंगे.
हालांकि, यह पहला मौका नहीं था, जब सांसद ने योगी सरकार के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार किया हो, बल्कि इससे पहले ही वे किसानों के मुद्दे को लेकर योगी सरकार को घेरते रहे हैं. असल में वरूण गांधी का ये ट्वीट कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद आया है और दोनों ने ही किसानों के मुद्दे पर राज्य की योगी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.
वरुण गांधी ने सूबे में धान की फसल को लेकर मंडियों में किसानों की उपेक्षा से जुड़े मुद्दे पर ट्वीट किया और उनके ट्वीट के बाद योगी सरकार विपक्षी दले के निशाने पर आ गई है.