मुंबई : भाजपा सांसद संभाजी छत्रपति ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय से जुड़ी उनकी मांगों को छह जून तक मंजूर नहीं करती तो वह कोरोना वायरस महामारी के बीच भी आंदोलन शुरू कर देंगे.
मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के वंशज संभाजी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शुक्रवार को अपनी मांगों की सूची सौंपी है.
न्यायालय ने 'असंवैधानिक' बताया था
करीब तीन सप्ताह पहले ही उच्चतम न्यायालय ने दाखिलों और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को निष्प्रभावी कर दिया था और इसे 'असंवैधानिक' बताया था.
न्यायालय ने कहा कि इस तरह की अपवादपूर्ण परिस्थितियां नहीं हैं कि 1992 में मंडल आयोग द्वारा तय की गई आरक्षण की अधिकतम 50 फीसदी का सीमा का उल्लंघन करना पड़े.
संभाजी ने कहा, 'आज मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पांच मांगों की सूची सौंपी है. राज्य सरकार यदि छह जून तक उसे मंजूर नहीं करती है तो कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के बावजूद मैं रायगढ़ किले से व्यक्तिगत तौर पर आंदोलन शुरू करूंगा.'
उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार का मराठा आरक्षण कानून पांच मई को निष्प्रभावी कर दिया था और मैंने लोगों से अनुरोध किया था कि वे इस पर किसी भी तरह कि कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दें. लेकिन इस बार मैं ऐसा नहीं करूंगा.'
सांसद ने गुरुवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और उनसे मराठा आरक्षण मुद्दे पर चर्चा की थी तथा इस मामले में कुछ पहल करने का अनुरोध किया था.
छह जून तक फैसले का इंतजार
बीते कुछ दिन में वह राज्य के कई हिस्सों में गए जहां उन्होंने आगे के कदमों के बारे में मराठा समुदाय के स्थानीय लोगों से चर्चा की. संभाजी ने कहा, 'मैंने मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांगें रख दी हैं. मैं छह जून तक फैसले का इंतजार करूंगा.'
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संभाजी भाजपा द्वारा मनोनीत राज्यसभा सदस्य हैं तथा उनका कार्यकाल मई 2022 तक है. (पीटीआई-भाषा)