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राहुल गांधी के बाद भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को सजा से मिली राहत, सांसदी पर खतरा टला - भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया सजा का मामला

बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया को आगरा कोर्ट ने सजा से राहत दे दी है. उनकी सजा के आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी गई है. ऐसे में राहुल गांधी की तरह अब उनकी भी सांसदी से खतरा फिलहाल टल गया है. उन पर कोर्ट ने 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

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Published : Aug 7, 2023, 3:36 PM IST

आगरा: एमपी एमएलए कोर्ट ने इटावा के सांसद डाॅ. रामशंकर कठेरिया को दो साल की सजा सुनाई थी, जिससे भाजपा सांसद की संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा था. भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने सोमवार सुबह जिला जज की अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी. इस पर कोर्ट ने सजा के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है. इससे उनकी सांसदी जाने का खतरा फिलहाल टल गया है. कोर्ट ने सांसद पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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कोर्ट का आदेश.

बता दें कि इटावा के भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया पूर्व में आगरा के सांसद रहे हैं. मामला 16 नवंबर 2011 का है. जब यूपी में बसपा की सरकार थी. आगरा के सांसद रहते हुए डॉ. राम शंकर कठेरिया ने लोगों के साथ मिलकर साकेत मॉल में टोरेंट के कार्यालय पर प्रदर्शन किया था. इसमें जमकर बवाल हुआ था. मारपीट भी हुई थी. टोरेंट पाॅवर के सुरक्षा अधिकारी समेधी लाल की तहरीर पर तब थाना हरीपर्वत में सांसद राम शंकर कठेरिया सहित अन्य पर मारपीट, धमकी देने के साथ ही अन्य धाराओं में दर्ज किया गया था. इस मामले में हरीपर्वत थाना पुलिस ने सांसद राम शंकर कठेरिया के विरुद्ध ही आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया गया था. जिस पर इस मामलें में गवाही एवं बहस की प्रक्रिया पूर्ण होने पर शनिवार को फैसला सुनाया गया.

सांसद डाॅ. रामशंकर कठेरिया का कहना है कि बसपा सरकार में आगरा में टोरंट ने काम शुरू किया था. इसका जनता विरोध कर रही थी. तभी शमशाबाद रोड निवासी कमलेश कुमारी मुझसे मिलीं. उन्होंने बताया कि वो कपड़ों पर प्रेस किया करती हैं. मेरा बिजली का बिल एक लाख रुपये टोरेंट कंपनी ने बनाया है. बिल कम नहीं हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगी. इस पर मैं एक बार कंपनी के ऑफिस गया था. जहां कोई भी ऐसी बात नहीं हुई थी. लेकिन, प्रदेश की बसपा सरकार चाहती थी कि टोरेंट कंपनी का कोई विरोध ना करे. इसलिए, मेरे ऊपर एफआईआर कर यह संदेश देने का प्रयास किया गया था, जिससे उनका कोई विरोध न कर सके. उन्होंने कहा कि उन्होंने आगरा की एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. इसके खिलाफ जिला जज के यहां अपील करने की बात कही थी. जिला जज की कोर्ट ने सोमवार को सजा के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही उन पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया.

यह भी पढ़ें: माॅल की तर्ज पर सभी गांवों में बनाएं विश्वकर्मा संकुल : मुख्यमंत्री

आगरा: एमपी एमएलए कोर्ट ने इटावा के सांसद डाॅ. रामशंकर कठेरिया को दो साल की सजा सुनाई थी, जिससे भाजपा सांसद की संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा था. भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने सोमवार सुबह जिला जज की अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी. इस पर कोर्ट ने सजा के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है. इससे उनकी सांसदी जाने का खतरा फिलहाल टल गया है. कोर्ट ने सांसद पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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कोर्ट का आदेश.

बता दें कि इटावा के भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया पूर्व में आगरा के सांसद रहे हैं. मामला 16 नवंबर 2011 का है. जब यूपी में बसपा की सरकार थी. आगरा के सांसद रहते हुए डॉ. राम शंकर कठेरिया ने लोगों के साथ मिलकर साकेत मॉल में टोरेंट के कार्यालय पर प्रदर्शन किया था. इसमें जमकर बवाल हुआ था. मारपीट भी हुई थी. टोरेंट पाॅवर के सुरक्षा अधिकारी समेधी लाल की तहरीर पर तब थाना हरीपर्वत में सांसद राम शंकर कठेरिया सहित अन्य पर मारपीट, धमकी देने के साथ ही अन्य धाराओं में दर्ज किया गया था. इस मामले में हरीपर्वत थाना पुलिस ने सांसद राम शंकर कठेरिया के विरुद्ध ही आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया गया था. जिस पर इस मामलें में गवाही एवं बहस की प्रक्रिया पूर्ण होने पर शनिवार को फैसला सुनाया गया.

सांसद डाॅ. रामशंकर कठेरिया का कहना है कि बसपा सरकार में आगरा में टोरंट ने काम शुरू किया था. इसका जनता विरोध कर रही थी. तभी शमशाबाद रोड निवासी कमलेश कुमारी मुझसे मिलीं. उन्होंने बताया कि वो कपड़ों पर प्रेस किया करती हैं. मेरा बिजली का बिल एक लाख रुपये टोरेंट कंपनी ने बनाया है. बिल कम नहीं हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगी. इस पर मैं एक बार कंपनी के ऑफिस गया था. जहां कोई भी ऐसी बात नहीं हुई थी. लेकिन, प्रदेश की बसपा सरकार चाहती थी कि टोरेंट कंपनी का कोई विरोध ना करे. इसलिए, मेरे ऊपर एफआईआर कर यह संदेश देने का प्रयास किया गया था, जिससे उनका कोई विरोध न कर सके. उन्होंने कहा कि उन्होंने आगरा की एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. इसके खिलाफ जिला जज के यहां अपील करने की बात कही थी. जिला जज की कोर्ट ने सोमवार को सजा के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही उन पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा दिया.

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