नई दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले (Birbhum District ) के रामपुरहाट में तृणमूल नेता भादू शेख (Trinamul leader Bhadu Sheikh murder) की हत्या के बाद भड़की हिंसा में कई लोगों की जान चली गई. गुस्साए लोगों ने 5 से अधिक घरों में आग लगा दी, जिसमें कम से कम 12 लोग जिंदा जल गए हैं. हालांकि आधिकारिक रूप से 8 की पुष्ट हुई है. घटना को लेकर बंगाल के भाजपा सांसदों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. शाह ने गृह सचिव को निर्देश दिया है कि संयुक्त सचिव के नेतृत्व में प्रभावित क्षेत्रों में टीम भेजकर 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करें.
भाजपा नेता गौरव भाटिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में एक TMC नेता की हत्या हुई, लेकिन उस हत्या के बाद जो हुआ, वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. वह बेहद दुःखद और चिंताजनक है. पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. कानून व्यवस्था ध्वस्त है और ममता बनर्जी मस्त हैं. ये पहली घटना नहीं है, ऐसा पहले भी होता रहा है. बंगाल में सबसे ज्यादा अपराध वो लोग करते हैं, जिन्हें वहां की सत्तारूढ़ पार्टी की मुखिया ममता बनर्जी का राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है.
बंगाल में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी है? : गौरव भाटिया
गौरव भाटिया ने कहा कि ये लोग आए और 10-12 घरों के दरवाजों पर बाहर से ताला लगा दिया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि उन घरों में जब आग लगाई जाए, उनमें रहने वाले निर्दोष लोग कहीं भाग न सकें. उन घरों में आग लगाई गई और नृशंस हत्या की गई. खबर के अनुसार मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. एक ही घर से 7 शव निकाले गए हैं. भाटिया ने कहा कि भाजपा ममता बनर्जी से पूछती है कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी बंगाल में किसकी है? क्या पश्चिम बंगाल में इंसान की जान की कोई कीमत नहीं है? क्या लोगों पर बम फेंकना वहां आम बात है? पश्चिम बंगाल में हत्याएं हो रही हैं, घर जलाए जा रहे हैं, निर्दोष लोगों की हत्या हो रही है और सरकार खामोश है. 2 मई को वहां विधानसभा चुनाव के परिणाम वाले दिन भी खून की होली खेली गई.
जो लोग बंगाल में ये कृत्य कर रहे हैं, उन्हें सजा देना तो दूर, बल्कि आम लोगों को एक प्रकार से ये संदेश दिया जाता है कि ये टीएमसी के ही लोग हैं, इनसे डरकर रहना और अगर विरोध की हिम्मत की तो तुम्हें मार दिया जाएगा, तुम्हारे घर जला दिए जाएंगे. लॉकेट चटर्जी ने कहा, ममता बनर्जी एक महिला मुख्यमंत्री होकर महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे जघन्य कृत्य को बढ़ावा दे रहीं हैं. 2 मई के बाद पूरे देश ने देखा कि विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में तृणमूल कांग्रेस द्वारा भाजपा के 100 के आसपास कार्यकर्ताओं की हत्या की गई. पूरा पश्चिम बंगाल आज बारूद के ढेर पर बैठा है.
भाजपा विधायकों ने विधानसभा में ममता के बयान की मांग की, बहिर्गमन किया
उधर, पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा में बयान देने की मांग की और फिर सदन से बहिर्गमन भी किया. भाजपा विधायक शंकर घोष ने इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाने की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि इसे प्रश्नों में सूचीबद्ध नहीं किया गया है.
'वंदे मातरम' और 'धिक्कार, धिक्कार' के नारों के साथ ही घोष और 40 अन्य भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया. बाद में घोष ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक हत्याएं की जा रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां तक कि सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों की भी हत्या की जा रही है और कानून-व्यवस्था विभाग का प्रभार संभाल रहीं मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुई हैं.
पढ़ें- सियासी बदले के तौर पर 5 से ज्यादा घरों में आग लगाई, रामपुरहाट में तकरीबन 12 की मौत