पटनाः दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा. नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया गया और न ही पीएम उम्मीदवार के लिस्ट में शामिल हो सके. इसको लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गयी है. बैठक को लेकर यह भी चर्चा है कि कांग्रेस अक्ष्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम उम्मीदवार बनाया जा सकता है. इसको लेकर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने नीतीश कुमार और खड़गे पर तंज कसा है.
'मल्लिकार्जुन खड़गे डम्मी': बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने इंडिया गठबंधन की बैठक हुए फैसले पर मल्लिकार्जुन खड़गे को डम्मी बताया है. उन्होंने कहा कि खगड़े तो डम्मी हैं, सत्ता तो सोनिया गांधी चलाएंगी. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक में सबसे बुरा हाल अगर किसी का हुआ तो वह नीतीश कुमार हैं. नीतीश कुमार न घर के रहे न घाट के रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर सहानुभूति प्रकट की.
"खड़गे हैं डम्मी, चलाएंगी मम्मी, नीतीश जी का हो गया काम तमाम. पता नहीं किस हाल में कहां पड़े होंगे? सबसे बड़ा झटका तो नीतीश कुमार को लगा है. Indi Alliance ने नीतीश कुमार को कहीं का नहीं छोड़ा. न घर के हुए और न ही घाट के रहे. उन्हें मेरी सहानुभूति है." -मनोज तिवारी, भाजपा सांसद
दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठकः मंगलवार को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई, जिसमें बिहार से नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव सहित अन्य राज्य के कई नेता शामिल हुए. बैठक में संजोयक और प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ. राज्य स्तर पर सीट बंटवारे को लेकर बात बनी है, लेकिन जनवरी के मध्य में इसपर चर्चा होगी. बैठक में कोई निर्णय नहीं आने पर विपक्ष के नेता इंडिया गठबंधन के नेताओं पर जमकर निशाना साध रहे हैं.
'जैसा करेगा, वैसा भरेगा': दरअसल, मनोज तिवारी पटना में मीडिया को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने नीतीश कुमार और मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर तंज कसा. उन्होंने पिछले दो दिनों में 141 सांसदों का निलंबन को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. कहा कि जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा. सदन के अंदर जिस तरह का काम सांसदों ने किया है कहीं ना कहीं पूरे सांसदों की गरिमा को खत्म किया है.
'विपक्षी के लोग कर रहे तानाशाही': तानाशाही के सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा कि तानाशाही हम लोग नहीं कर रहे हैं. तानाशाही विपक्ष में जो बैठे हुए लोग हैं, वह कर रहे हैं. किस तरह से TMC सांसद क्लाण बनर्जी ने उपराष्ट्रपति का अपमान किया है. समझ लीजिए कितना बड़ा अपमानजनक काम कर रहे हैं. जनता सब देख रही है. सबका पोल खुलेगा.
सांसदों का निवलंबन क्यों? 141 सांसद में 95 लोकसभा और 46 राज्यसभा के हैं. दरअसल, संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर यह कार्रवाई की गई है. इतिहास में अब तक इतने सांसदों को निलंबित नहीं किया गया है. इससे पहले 1989 में इंदिरा गांधी की हत्या की जांच के दौरान न्यायमूर्ति ठक्कर समिति की रिपोर्ट सदन में पेश किया गया था. इसपर जमकर हंगामा हुआ था. इस दौरान 15 मार्च को लोकसभा के 63 सांसदों को निलंबित किया गया था.
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