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भाजपा सांसद ने किया आगाह, अरुणाचल प्रदेश में लद्दाख जैसी घुसपैठ की ताक में चीन - Defence Minister Rajnath Singh

अरुणाचल प्रदेश से निर्वाचित भाजपा सांसद तापिर गाओ (BJP MP tapir gao) ने सरकार को आगाह किया है. उन्होंने कहा है कि चीन अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की ताक में (intrusion in Arunachal Pradesh) रहता है. सांसद तापिर गाओ ने आशंका जताई कि अरुणाचल में लद्दाख जैसी घुसपैठ (Ladakh type intrusion in Arunachal) हो सकती है.

BJP MP tapir gao
भाजपा सांसद तापिर गाओ
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Published : Jan 21, 2022, 7:52 PM IST

नई दिल्ली : पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा अरुणाचल प्रदेश के एक युवक के अपहरण (Arunachal youth abduction) का मुद्दा सुर्खियों में है. इसी बीच भाजपा सांसद तापिर गाओ (BJP MP tapir gao) ने अरुणाचल प्रदेश में लद्दाख जैसी स्थिति को लेकर आगाह किया है. अरुणाचल पूर्व लोकसभा सीट के मौजूदा भाजपा सांसद गाओ ने ईटीवी भारत से कहा कि भारत सरकार को चीनी सेना के साथ लद्दाख जैसा गतिरोध (Ladakh type intrusion in Arunachal) रोकने के लिए तत्काल और सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए.

अरुणाचल में चीनी घुसपैठ की आशंका (intrusion in Arunachal Pradesh) को लेकर शुक्रवार को तापिर गाओ ने कहा, 'सरकार को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में बाड़ लगाने और अन्य विकास गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए.' उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों की संवेदनशीलता को लेकर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि सरकार अगर अरुणाचल पर ध्यान नहीं देगी, तो यह सीमा भी लद्दाख जैसी स्थिति का गवाह बन सकती है.

सांसद तापिर गाओ ने कहा, वह सभी संबंधित अधिकारियों से मिलेंगे. उन्होंने कहा, मैं आगामी बजट सत्र के दौरान दिल्ली में रहूंगा, मैं निश्चित रूप से सभी संबंधित लोगों से मिलूंगा ताकि किसी भी घटना को टालने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकें. उन्होंने कहा कि वे दिल्ली दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से भी मुलाकात कर, मामले की गंभीरता बताएंगे.

बता दें कि मई, 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं की भिड़ंत हो गई थी. इस अप्रत्याशित घटना में दोनों पक्षों के सैनिक मारे गए थे. सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण गतिविधियों को लेकर आमने-सामने आए भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अब तक का सबसे लंबा गतिरोध देखने को मिला है. तापिर गाओ ने कहा, अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा अभी भी खुली है. चीनी सेना भारतीय पक्ष में आती रहती है. पिछले साल भी उन्होंने प्रवेश किया और हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी.

यह भी पढ़ें- अरुणाचल प्रदेश में होने वाली कथित घुसपैठ पर बीजेपी सांसद तापिर गाओ से खास बातचीत

बता दें कि तापिर गाओ ने बुधवार को चीनी सेना द्वारा अरुणाचल प्रदेश के एक युवक के 'अपहरण' का मुद्दा उठाया गया था. बुधवार को गाओ ने कहा था कि चीनी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के लुंगटा जोर के एक 17 वर्षीय लड़के मिराम तारोन का अपहरण (Arunachal Miram Taron abduction) कर लिया. उन्होंने बताया कि ऊपरी सियांग में क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश से अलग है. गाओ ने कहा, 'उसका दोस्त पीएलए के चंगुल से भाग गया और अधिकारियों को घटना की सूचना दी.' अरुणाचल में युवक के अपहरण की घटना के बाद भारतीय सेना तारोन की सुरक्षित रिहाई के लिए चीनी सेना के संपर्क में थी.

यह भी पढ़ें- राजीव गांधी की सरकार ने पीएलए को खदेड़ने की नहीं दी थी अनुमति : तापिर गाओ

गौरतलब है कि भारत और चीन की कुल लंबाई 3,488 किलोमीटर है. भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा करती है. अरुणाचल प्रदेश के अलावा, भारत-चीन सीमा सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के साथ चलती है. अक्सर चीन अरुणाचल प्रदेश के बहुसंख्यक हिस्से पर अपना अधिकार जताता रहता है जिसे भारत सरकार ने नकार दिया है.

नई दिल्ली : पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा अरुणाचल प्रदेश के एक युवक के अपहरण (Arunachal youth abduction) का मुद्दा सुर्खियों में है. इसी बीच भाजपा सांसद तापिर गाओ (BJP MP tapir gao) ने अरुणाचल प्रदेश में लद्दाख जैसी स्थिति को लेकर आगाह किया है. अरुणाचल पूर्व लोकसभा सीट के मौजूदा भाजपा सांसद गाओ ने ईटीवी भारत से कहा कि भारत सरकार को चीनी सेना के साथ लद्दाख जैसा गतिरोध (Ladakh type intrusion in Arunachal) रोकने के लिए तत्काल और सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए.

अरुणाचल में चीनी घुसपैठ की आशंका (intrusion in Arunachal Pradesh) को लेकर शुक्रवार को तापिर गाओ ने कहा, 'सरकार को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में बाड़ लगाने और अन्य विकास गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए.' उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों की संवेदनशीलता को लेकर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि सरकार अगर अरुणाचल पर ध्यान नहीं देगी, तो यह सीमा भी लद्दाख जैसी स्थिति का गवाह बन सकती है.

सांसद तापिर गाओ ने कहा, वह सभी संबंधित अधिकारियों से मिलेंगे. उन्होंने कहा, मैं आगामी बजट सत्र के दौरान दिल्ली में रहूंगा, मैं निश्चित रूप से सभी संबंधित लोगों से मिलूंगा ताकि किसी भी घटना को टालने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकें. उन्होंने कहा कि वे दिल्ली दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से भी मुलाकात कर, मामले की गंभीरता बताएंगे.

बता दें कि मई, 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं की भिड़ंत हो गई थी. इस अप्रत्याशित घटना में दोनों पक्षों के सैनिक मारे गए थे. सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण गतिविधियों को लेकर आमने-सामने आए भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अब तक का सबसे लंबा गतिरोध देखने को मिला है. तापिर गाओ ने कहा, अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा अभी भी खुली है. चीनी सेना भारतीय पक्ष में आती रहती है. पिछले साल भी उन्होंने प्रवेश किया और हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी.

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बता दें कि तापिर गाओ ने बुधवार को चीनी सेना द्वारा अरुणाचल प्रदेश के एक युवक के 'अपहरण' का मुद्दा उठाया गया था. बुधवार को गाओ ने कहा था कि चीनी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के लुंगटा जोर के एक 17 वर्षीय लड़के मिराम तारोन का अपहरण (Arunachal Miram Taron abduction) कर लिया. उन्होंने बताया कि ऊपरी सियांग में क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश से अलग है. गाओ ने कहा, 'उसका दोस्त पीएलए के चंगुल से भाग गया और अधिकारियों को घटना की सूचना दी.' अरुणाचल में युवक के अपहरण की घटना के बाद भारतीय सेना तारोन की सुरक्षित रिहाई के लिए चीनी सेना के संपर्क में थी.

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गौरतलब है कि भारत और चीन की कुल लंबाई 3,488 किलोमीटर है. भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा करती है. अरुणाचल प्रदेश के अलावा, भारत-चीन सीमा सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के साथ चलती है. अक्सर चीन अरुणाचल प्रदेश के बहुसंख्यक हिस्से पर अपना अधिकार जताता रहता है जिसे भारत सरकार ने नकार दिया है.

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