नई दिल्ली: अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक बड़ी बैठक की गई. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में बुलाई गई, इस बैठक में अलग-अलग राज्यों से आए पार्टी के पदाधिकारियों ने भाग लिया. हालांकि इस बैठक में गृह मंत्री अमितशाह को भी शामिल होना था, लेकिन अंतिम समय में उनके शामिल होने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया.
राम मंदिर को लेकर हुई इस बड़ी बैठक में भाजपा द्वारा पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए गए. सूत्रों की माने तो भाजपा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरे देश में दिवाली जैसा मनाने की योजना पर काम कर रही है. इसके अलावा लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पार्टी ने एक बार फिर अबकी बार 400 पार का नारा दिया. सूत्रों की माने तो बैठक में जो निर्णय और चिंतन कर निर्देश दिए गए वो कुछ इस तरह हैं...
- 22 जनवरी को दिवाली जैसा माहौल बनाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को कहा गया है.
- 22 जनवरी को सभी लोगों को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का प्रसारण लाइव दिखाने के लिए कहा गया है.
- बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राज्य और केंद्र के पदाधिकारियों को संबोधित किया, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि सबको अच्छे से दर्शन करना है. किसी को असुविधा ना हो.
- ये भी निर्देश दिए गए की रामभक्तों को बिना भेदभाव के पार्टी नेताओं द्वारा दर्शन करवा जाए.
- बैठक में राज्यों के पदाधिकारियों को ये खास निर्देश दिए गए कि वे भक्तों को 22 जनवरी के बाद राम मंदिर के दर्शन करने में सहयोग करें.
- बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पार्टी के हर बूथ लेवल के कार्यकर्ता, लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराने में सहयोग करेंगे, इसके लिए बीजेपी 25 जनवरी से 25 मार्च तक मुहिम चलाएगी.
- ना सिर्फ रामभक्तों को बल्कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को भी राम मंदिर के दर्शन कराएगी और पार्टी द्वारा चलाए गए राम मंदिर आंदोलन में सहभागिता की तस्वीर दिखाएगी.
- एक दिन में तकरीबन 50 हजार लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराने की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें अलग-अलग राज्यों से रामभक्त आयेंगे.
- 50 हजार लोगों की रुकने की व्यवस्था अयोध्या में भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही है. 35 ट्रेनें रोजाना चलाएगी जाएगी. 430 शहरों से ट्रेन चलाएगी जाएगी. अभी 37 ट्रेन रोजाना अयोध्या से गुजर रही है.
- बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि हर बूथ से आम लोगों को राम मंदिर के दर्शन करने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता बगैर भेदभाव के भेजें, मगर इसका खर्च भक्त खुद उठाएंगे. भाजपा नेता सिर्फ़ सहयोग और व्यवस्था करेंगे.
- इसके लिए राज्य, लोकसभा और विधानसभा लेवल पर संयोजक नियुक्त किए गए हैं. राम मंदिर के दर्शन के लिए जाने वाले लोग भाजपा का झंडा का इस्तेमाल नहीं करेंगे.