नई दिल्ली : भाजपा नेताओं ने आपातकाल की 46वीं बरसी पर कांग्रेस की जमकर निंदा की और आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले 'सत्याग्रहियों' को याद किया.
देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू रहा. इंदिरा गांधी उस समय देश की प्रधानमंत्री थीं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी.
उन्होंने कहा, 'असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैद कर प्रेस पर ताले जड़ दिए. नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया.'
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है. उन्होंने कहा, '21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन.'
आपातकाल लोकतंत्र पर काला धब्बा : नड्डा
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने राजनीतिक स्वार्थों के लिए आपातकाल की घोषणा की थी जो भारत के महान लोकतंत्र पर काला धब्बा है.
उन्होंने कहा, 'मैं उन सभी सत्याग्रहियों को नमन करता हूं, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का विरोध किया, और लोकतांत्रिक मूल्यों की आस्था को संजोकर रखा.'
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस का नाम पाखंड है. आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करने वाली कांग्रेस ने ही देश में आपातकाल लगाया था और सारी स्वतंत्रता ख़त्म कर दी थी. आपातकाल ही कांग्रेस का सही स्वरुप है.'
इतिहास का सबसे काला दिन : गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आपातकाल को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन बताया और कहा, 'लोकतंत्र की रक्षा के लिए देश के करोड़ों लोगों ने अपना सर्वस्व लगाकर संघर्ष किया. उन्होंने यातनाएं झेली और जेल गए। उन सभी लोकतंत्र के रक्षकों को मेरा नमन.'
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि 'गरीबी हटाओ' का नारा देने वाली कांग्रेस ने आपातकाल लागू कर गरीबों के मुंह का निवाला छीनने का घनघोर पाप किया था और उस दौरान सच्चाई के लिए उठने वाली हर आवाज पर जुल्म ढाये गए थे.
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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'समय होत बलवान. समय ने करवट बदली और आपातकाल लगाकर जनता की शक्ति छीनने वाले स्वयं शक्तिहीन होकर कहीं के न रहे.'