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बीजेपी ने उड़ाया राहुल गांधी का 'मजाक', कांग्रेस ने जेपी नड्डा पर किया पलटवार

भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मजाक बनाया था. इस पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पलटवार किया है. एआईसीसी के गुजरात प्रभारी सचिव संदीप कुमार ने कहा कि नड्डा को हमारे नेता का मजाक उड़ाने की जगह पर अपनी पार्टी का ध्यान देना चाहिए. Congress Party, Congress leader Rahul Gandhi, BJP President JP Nadda.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 19, 2023, 4:50 PM IST

Updated : Nov 19, 2023, 6:20 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने रविवार को राहुल गांधी का मजाक उड़ाने के लिए भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा पर पलटवार किया और कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख, प्रमुख प्रचारक थे, जिनकी रैलियों ने 2017 और 2018 के राज्य चुनावों में महत्वपूर्ण संख्या में सीटें जीती थीं. भाजपा प्रमुख ने हाल ही में एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी की थी कि राज्य चुनावों के दौरान राहुल का प्रचार करना एक तरह से भगवा पार्टी के लिए अच्छा था.

एआईसीसी के गुजरात प्रभारी सचिव बीएम संदीप कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि नड्डा को हमारे नेता का मजाक उड़ाने के बजाय अपनी पार्टी पर ध्यान देना चाहिए. भाजपा प्रमुख पिछले साल अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश और बाद में कर्नाटक में पार्टी की जीत सुनिश्चित नहीं कर सके. वह अब हताशा में हमारे नेता का मजाक उड़ा रहे हैं, क्योंकि उनकी पार्टी पांच राज्यों के चुनावों में जमीन पर संघर्ष कर रही है.

उन्होंने कह कि राहुल गांधी हमारे प्रमुख प्रचारक हैं. पार्टी ने तीन मध्य भारतीय राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की, जहां उन्होंने 2018 में आक्रामक रूप से प्रचार किया था. पार्टी ने तीनों राज्यों में सरकार बनाई लेकिन मध्य प्रदेश में हमारी सरकार को 2020 में भाजपा ने गिरा दिया. इससे पहले 2017 में राहुल गांधी ने गुजरात अभियान का नेतृत्व किया था और पार्टी को जीत के अंतर के करीब ले गए थे.

संदीप ने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा और बाद में प्रचार अभियान ने पार्टी को कर्नाटक चुनावों में महत्वपूर्ण सीटें जीतने में मदद की. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, 2018 में राहुल ने मध्य प्रदेश में 25 रैलियां और चार रोड शो किए, जहां पार्टी ने 65 फीसदी सीटें जीतीं, राजस्थान में 19 रैलियां और 2 रोड शो किए और 66 फीसदी सीटें जीतीं, छत्तीसगढ़ में 19 रैलियां और 1 रोड शो किया और 75 फीसदी सीटें जीतीं.

2017 में कांग्रेस प्रमुख बनने से ठीक पहले, राहुल ने गुजरात में एक आक्रामक अभियान का नेतृत्व किया था, जहां बड़ी पार्टी भाजपा के लिए एक मजबूत चुनौती बनकर उभरी थी. इस साल मई में कर्नाटक चुनाव में राहुल ने 25 से अधिक रैलियां कीं और 224 में से 135 सीटों पर प्रचंड बहुमत हासिल किया.

एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का असर कर्नाटक चुनावों और हाल ही में लद्दाख में देखा गया, जहां वायनाड सांसद के कई दिनों तक प्रचार करने के कुछ हफ्तों बाद कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने लद्दाख स्वायत्त परिषद की 26 सीटों में से 22 पर जीत हासिल की. कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने एलएसी चुनाव परिणाम को भाजपा की अस्वीकृति, अनुच्छेद 370 को हटाने और 2019 में यूटी के निर्माण के रूप में वर्णित किया था.

संदीप कुमार ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने देशभर के लोगों को प्रभावित किया और इसका असर कर्नाटक में देखने को मिला. यह राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में पांच राज्यों के चुनावों में भी देखा जाएगा, जहां कांग्रेस के पक्ष में जमीन तैयार हो रही है. भाजपा हर जगह कमजोर स्थिति में है और यही बात उन्हें परेशान कर रही है.

संदीप ने कहा कि वे हमारे नेता पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. दरअसल, उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में जमकर प्रचार किया है और राजस्थान के बाद तेलंगाना में भी उनका व्यस्त कार्यक्रम है. उनकी रैलियों और रोड शो में उमड़ी भीड़ इस बात का सूचक है कि चुनावी हवा किस तरफ बह रही है, लेकिन नतीजा 3 दिसंबर को ही पता चलेगा.

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने रविवार को राहुल गांधी का मजाक उड़ाने के लिए भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा पर पलटवार किया और कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख, प्रमुख प्रचारक थे, जिनकी रैलियों ने 2017 और 2018 के राज्य चुनावों में महत्वपूर्ण संख्या में सीटें जीती थीं. भाजपा प्रमुख ने हाल ही में एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी की थी कि राज्य चुनावों के दौरान राहुल का प्रचार करना एक तरह से भगवा पार्टी के लिए अच्छा था.

एआईसीसी के गुजरात प्रभारी सचिव बीएम संदीप कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि नड्डा को हमारे नेता का मजाक उड़ाने के बजाय अपनी पार्टी पर ध्यान देना चाहिए. भाजपा प्रमुख पिछले साल अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश और बाद में कर्नाटक में पार्टी की जीत सुनिश्चित नहीं कर सके. वह अब हताशा में हमारे नेता का मजाक उड़ा रहे हैं, क्योंकि उनकी पार्टी पांच राज्यों के चुनावों में जमीन पर संघर्ष कर रही है.

उन्होंने कह कि राहुल गांधी हमारे प्रमुख प्रचारक हैं. पार्टी ने तीन मध्य भारतीय राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की, जहां उन्होंने 2018 में आक्रामक रूप से प्रचार किया था. पार्टी ने तीनों राज्यों में सरकार बनाई लेकिन मध्य प्रदेश में हमारी सरकार को 2020 में भाजपा ने गिरा दिया. इससे पहले 2017 में राहुल गांधी ने गुजरात अभियान का नेतृत्व किया था और पार्टी को जीत के अंतर के करीब ले गए थे.

संदीप ने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा और बाद में प्रचार अभियान ने पार्टी को कर्नाटक चुनावों में महत्वपूर्ण सीटें जीतने में मदद की. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, 2018 में राहुल ने मध्य प्रदेश में 25 रैलियां और चार रोड शो किए, जहां पार्टी ने 65 फीसदी सीटें जीतीं, राजस्थान में 19 रैलियां और 2 रोड शो किए और 66 फीसदी सीटें जीतीं, छत्तीसगढ़ में 19 रैलियां और 1 रोड शो किया और 75 फीसदी सीटें जीतीं.

2017 में कांग्रेस प्रमुख बनने से ठीक पहले, राहुल ने गुजरात में एक आक्रामक अभियान का नेतृत्व किया था, जहां बड़ी पार्टी भाजपा के लिए एक मजबूत चुनौती बनकर उभरी थी. इस साल मई में कर्नाटक चुनाव में राहुल ने 25 से अधिक रैलियां कीं और 224 में से 135 सीटों पर प्रचंड बहुमत हासिल किया.

एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का असर कर्नाटक चुनावों और हाल ही में लद्दाख में देखा गया, जहां वायनाड सांसद के कई दिनों तक प्रचार करने के कुछ हफ्तों बाद कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने लद्दाख स्वायत्त परिषद की 26 सीटों में से 22 पर जीत हासिल की. कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने एलएसी चुनाव परिणाम को भाजपा की अस्वीकृति, अनुच्छेद 370 को हटाने और 2019 में यूटी के निर्माण के रूप में वर्णित किया था.

संदीप कुमार ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने देशभर के लोगों को प्रभावित किया और इसका असर कर्नाटक में देखने को मिला. यह राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में पांच राज्यों के चुनावों में भी देखा जाएगा, जहां कांग्रेस के पक्ष में जमीन तैयार हो रही है. भाजपा हर जगह कमजोर स्थिति में है और यही बात उन्हें परेशान कर रही है.

संदीप ने कहा कि वे हमारे नेता पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. दरअसल, उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में जमकर प्रचार किया है और राजस्थान के बाद तेलंगाना में भी उनका व्यस्त कार्यक्रम है. उनकी रैलियों और रोड शो में उमड़ी भीड़ इस बात का सूचक है कि चुनावी हवा किस तरफ बह रही है, लेकिन नतीजा 3 दिसंबर को ही पता चलेगा.

Last Updated : Nov 19, 2023, 6:20 PM IST
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