नई दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीयमंत्री स्मृति ईरानी ने कोविड-19 की वजह से अनाथ हुए बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाएं घोषित करने पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि निर्णय देश के भविष्य को मजबूत करने में मदद करेगा.
नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री के ये निर्णय बहुत संवेदनशील हैं और ये भारत के भविष्य को मजबूत करेंगे. मैं इसके लिए मोदी जी का धन्यवाद व्यक्त करता हूं.'
नड्डा ने कहा, 'मोदी सरकार इन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराएगी. बच्चों को 18 साल का होने पर मासिक भत्ता मिलेगा और 23 साल का होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये मिलेंगे.'
उन्होंने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने इस तरह की योजनाओं की घोषणा की है.
नड्डा ने कहा, 'ये बच्चे हमारा परिवार और हमारी जिम्मेदारी हैं. हम रास्ते में हर कदम पर उनके साथ रहेंगे. प्रिय बच्चो, भविष्य के लिए शुभकामनाएं.'
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित कल्याणकारी योजनाओं से यह सुनिश्चित होगा कि ये बच्चे किसी भी अवसर से वंचित नहीं होंगे और उनके सुरक्षित भविष्य का रास्ता खुलेगा.
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने ट्वीट किया, 'कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के संरक्षण एवं सशक्तीकरण के लिए बड़ी योजनाओं की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री का आभार। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ये बच्चे किसी अवसर से वंचित नहीं होंगे और उनके सुरक्षित भविष्य का रास्ता खुलेगा.'
गौातलब है कि अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की. इसमें ऐसे बच्चों के 18 वर्ष पूरा होने पर उन्हें 10 लाख रुपये दिए जाने और उनकी शिक्षा को लेकर प्रावधान शामिल हैं.
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इस तरह के बच्चों का सहयोग करने के लिए उपायों पर विचार-विमर्श की खातिर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत उनका सहयोग किया जाएगा.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि इस तरह के बच्चों के नाम पर सावधि जमा योजना शुरू की जाएगी और पीएम केयर्स फंड से एक विशेष योजना के तहत इसमें योगदान दिया जाएगा ताकि 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर प्रत्येक के लिए 10 लाख रुपये का कोष बनाया जा सके.