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गंभीर आरोप लगाने वाले बसवनगौड़ा पाटिल यतनाल के खिलाफ कार्रवाई के बजाय मनाने का फैसला

MLA Basavangouda patil Yatnal : कर्नाटक के भाजपा नेता बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने अपनी ही पार्टी के नेताओं और पूर्व सीएम येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि पार्टी ने कार्रवाई करने के बजाए उन्हें मनाने का फैसला किया है. decision to persuade instead of action, karnataka BJP.

Meeting of state BJP leaders
प्रदेश बीजेपी के नेताओं की बैठक
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 28, 2023, 9:44 PM IST

बेंगलुरु: विजयपुर सीट से बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने राज्य बीजेपी नेताओं और पूर्व सीएम येदियुरप्पा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. हालांकि, प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने बैठक में यतनाल के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें आलाकमान के जरिए मनाने और पार्टी में इनवॉल्व करने का फैसला लिया.

Meeting of state BJP leaders
बैठक में मौजूद भाजपा नेता

पूर्व डिप्टी सीएम अश्वथ नारायण ने गुरुवार को मल्लेश्वर में राज्य भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि 'पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. लोकसभा चुनाव में सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को जीत दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने में सभी का सहयोग जरूरी है. इसलिए सभी को पार्टी संगठन में शामिल किया गया और पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए जरूरी तैयारियां करने पर मंत्रणा की गई. नेताओं ने सलाह दी है कि तैयारी कैसे करनी है. जेडीएस के सहयोग से मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया.'

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि 'बैठक में विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल मुद्दे पर भी चर्चा हुई. हाईकमान के माध्यम से यतनाल से बात कर उन्हें मनाए जाने का निर्णय लिया गया. यतनाल को खुला बयान न देने के लिए मनाने का फैसला लिया गया है. हम यतनाल और वी सोमन्ना को विश्वास में लेने जा रहे हैं. एक बार फिर मोदी फिर बहुमत के साथ सत्ता में आएं उसके लिए सभी 28 में से 28 सीटें जीतने पर चर्चा हुई.'

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 'भाषा को लेकर बीजेपी स्पष्ट है. सभी व्यापारिक बोर्डों में 60 प्रतिशत कन्नड़ को बरकरार रखा जाए. लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. राज्य शांति और सद्भाव के लिए जाना जाता है. इसलिए कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए.' डीसीएम ने कहा, इस मुद्दे पर भाजपा का रुख स्पष्ट है.

अश्वथनारायण ने कहा, सेवानिवृत्ति पर पुनर्विचार की मांग को लेकर हम सभी डीवीएस आवास पर गए थे. हमने कहा है कि पार्टी के फैसले का सम्मान करें. हमने वरिष्ठ नेताओं की भावनाओं को बताने का काम किया है.

बीजेपी नेता ने प्रतिक्रिया दी कि समय-समय पर सभी परिवर्तन स्वाभाविक हैं. संसदीय बोर्ड मानदंडों के आधार पर तय करेगा कि किसे टिकट दिया जाएगा. 75 साल की उम्र सीमा के पालन पर संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति लेगी फैसला.

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Meeting of state BJP leaders
बैठक में मौजूद भाजपा नेता

पूर्व डिप्टी सीएम अश्वथ नारायण ने गुरुवार को मल्लेश्वर में राज्य भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि 'पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. लोकसभा चुनाव में सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को जीत दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने में सभी का सहयोग जरूरी है. इसलिए सभी को पार्टी संगठन में शामिल किया गया और पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए जरूरी तैयारियां करने पर मंत्रणा की गई. नेताओं ने सलाह दी है कि तैयारी कैसे करनी है. जेडीएस के सहयोग से मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया.'

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि 'बैठक में विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल मुद्दे पर भी चर्चा हुई. हाईकमान के माध्यम से यतनाल से बात कर उन्हें मनाए जाने का निर्णय लिया गया. यतनाल को खुला बयान न देने के लिए मनाने का फैसला लिया गया है. हम यतनाल और वी सोमन्ना को विश्वास में लेने जा रहे हैं. एक बार फिर मोदी फिर बहुमत के साथ सत्ता में आएं उसके लिए सभी 28 में से 28 सीटें जीतने पर चर्चा हुई.'

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 'भाषा को लेकर बीजेपी स्पष्ट है. सभी व्यापारिक बोर्डों में 60 प्रतिशत कन्नड़ को बरकरार रखा जाए. लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. राज्य शांति और सद्भाव के लिए जाना जाता है. इसलिए कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए.' डीसीएम ने कहा, इस मुद्दे पर भाजपा का रुख स्पष्ट है.

अश्वथनारायण ने कहा, सेवानिवृत्ति पर पुनर्विचार की मांग को लेकर हम सभी डीवीएस आवास पर गए थे. हमने कहा है कि पार्टी के फैसले का सम्मान करें. हमने वरिष्ठ नेताओं की भावनाओं को बताने का काम किया है.

बीजेपी नेता ने प्रतिक्रिया दी कि समय-समय पर सभी परिवर्तन स्वाभाविक हैं. संसदीय बोर्ड मानदंडों के आधार पर तय करेगा कि किसे टिकट दिया जाएगा. 75 साल की उम्र सीमा के पालन पर संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति लेगी फैसला.

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