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रांची में बीजेपी नेता जीतराम मुंडा की हत्या - Jitram Munda murdered in Ranchi

रांची में अपराधियों ने बीजेपी नेता पर फायरिंग की है. गोलीबारी में बीजेपी नेता बुरी तरह घायल हो गए. इलाज के लिए उन्हें अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

रांची में बीजेपी नेता जीतराम मुंडा की हत्या
रांची में बीजेपी नेता जीतराम मुंडा की हत्या
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Published : Sep 23, 2021, 2:56 AM IST

रांची : झारखंड की राजधानी रांची में अपराधियों ने दुस्साहस दिखाते हुए भाजपा नेता जीतराम मुंडा को सरेआम गोली मार दी. घटना उस समय हुई जब जीतराम मुंडा एक कार्यक्रम से लौट रहे थे. इसी दौरान बाइक पर सवार अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. गोली मारने के बाद अपराधी फरार हो गए.

गोलीबारी में घायल भाजपा नेता को आनन-फानन में ओरमांझी के मेदांता अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जीतराम मुंडा के करीबी मित्र और भाजपा मीडिया मंडल प्रभारी राज किशोर साहू भी गोली लगने से घायल हो गए हैं. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मेदांता अस्पताल पहुंचे हैं. जीतराम मुंडा केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के बेहद करीबी थे. भाजपा के कई अन्य नेता भी अस्पताल पहुंचे.

क्या है पूरा मामला
जितराम मुंडा ओरमांझी के ब्लॉक चौक पर भाजपा द्वारा आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम में भाग लेकर वापस लौट रहे थे. उस समय उनके साथ मीडिया मंडल प्रभारी राज किशोर साहू भी थे. दोनों में यह तय किया कि चाय पी कर फिर घर लौटा जाए. जिसके बाद दोनों ओरमांझी के आर्यन होटल के पास पहुंचे और चाय का आर्डर देकर बातचीत करने लगे.

गौरतलब है कि आर्यन होटल भी मंडल मीडिया प्रभारी राज किशोर साहू का ही है. दोनों चाय पी रहे थे कि तभी दो अपराधी मौके पर पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग में जीतराम मुंडा को गोली लगी और वह मौके पर गिर पड़े. वहीं एक गोली राज किशोर साहू के पंजे को चीरती हुई निकल गई.

आनन-फानन में घायल राजकिशोर ही जीतराम को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें वहां मृत घोषित कर दिया. घायल राजकिशोर ने बताया कि वे लोग चाय पी रहे थे इसी दौरान सड़क की दूसरी तरफ बाइक खड़ा कर दो युवक उनके पास पहुंचे और अचानक पिस्टल निकालकर फायरिंग कर दी. फायरिंग के बाद मौके पर भगदड़ मच गई जिसका फायदा उठाकर दोनों अपराधी फरार हो गए.

अर्जुन मुंडा, संजय सेठ सहित कई नेता पहुंचे अस्पताल
जीतराम मुंडा की हत्या की खबर सुनकर अस्पताल में भीड़ जमा हो गई. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ सहित कई भाजपा नेता भागे-भागे अस्पताल पहुंचे. राजधानी में हुए इस जघन्य हत्याकांड को लेकर भाजपा नेताओं में काफी आक्रोश है. सांसद सेठ ने कहा कि राज्य में अपराधियों का राज कायम हो गया है. यहां कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. अपराधी प्रशासन को ठेंगा दिखा कर अपराध कर रहे हैं. राज्य में कोई भी सुरक्षित नहीं है. इस राज्य में जज, पत्रकार, व्यापारी, सहित सभी वर्ग अपराधियों से त्रस्त हैं. राज्य में माफिया राज कायम है. सांसद संजय सेठ ने सरकार और प्रशासन से 24 घंटे में हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की है अन्यथा मामले में बड़ा आंदोलन करने की बात कही.

पढ़ें - छत्तीसगढ़ में नक्सल से बड़ी समस्या 'कुपोषण', आखिर क्यों ?

अर्जुन मुंडा ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की

रांची जिला ग्रामीण एसटी युवा मोर्चा के अध्यक्ष जीतराम मुंडा की ओरमांझी में गोली मारकर हत्या पूरी तरह प्रशासनिक विफलता का परिणाम है. जीतराम को पहले से ही जानलेवा हमले की आशंका थी. उनपर पहले भी हमला हो चुका था. इसकी सूचना पूरे प्रशासनिक अमले को थी. उन्होंने आर्म लाइसेंस के लिए भी आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने न तो उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करायी और न ही आर्म्स लाइसेंस दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पूरे मामले की जांच कराएं और इस मामले में हुई प्रशासनिक चूक को सार्वजनिक करें.

रांची : झारखंड की राजधानी रांची में अपराधियों ने दुस्साहस दिखाते हुए भाजपा नेता जीतराम मुंडा को सरेआम गोली मार दी. घटना उस समय हुई जब जीतराम मुंडा एक कार्यक्रम से लौट रहे थे. इसी दौरान बाइक पर सवार अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. गोली मारने के बाद अपराधी फरार हो गए.

गोलीबारी में घायल भाजपा नेता को आनन-फानन में ओरमांझी के मेदांता अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जीतराम मुंडा के करीबी मित्र और भाजपा मीडिया मंडल प्रभारी राज किशोर साहू भी गोली लगने से घायल हो गए हैं. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा मेदांता अस्पताल पहुंचे हैं. जीतराम मुंडा केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के बेहद करीबी थे. भाजपा के कई अन्य नेता भी अस्पताल पहुंचे.

क्या है पूरा मामला
जितराम मुंडा ओरमांझी के ब्लॉक चौक पर भाजपा द्वारा आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम में भाग लेकर वापस लौट रहे थे. उस समय उनके साथ मीडिया मंडल प्रभारी राज किशोर साहू भी थे. दोनों में यह तय किया कि चाय पी कर फिर घर लौटा जाए. जिसके बाद दोनों ओरमांझी के आर्यन होटल के पास पहुंचे और चाय का आर्डर देकर बातचीत करने लगे.

गौरतलब है कि आर्यन होटल भी मंडल मीडिया प्रभारी राज किशोर साहू का ही है. दोनों चाय पी रहे थे कि तभी दो अपराधी मौके पर पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग में जीतराम मुंडा को गोली लगी और वह मौके पर गिर पड़े. वहीं एक गोली राज किशोर साहू के पंजे को चीरती हुई निकल गई.

आनन-फानन में घायल राजकिशोर ही जीतराम को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें वहां मृत घोषित कर दिया. घायल राजकिशोर ने बताया कि वे लोग चाय पी रहे थे इसी दौरान सड़क की दूसरी तरफ बाइक खड़ा कर दो युवक उनके पास पहुंचे और अचानक पिस्टल निकालकर फायरिंग कर दी. फायरिंग के बाद मौके पर भगदड़ मच गई जिसका फायदा उठाकर दोनों अपराधी फरार हो गए.

अर्जुन मुंडा, संजय सेठ सहित कई नेता पहुंचे अस्पताल
जीतराम मुंडा की हत्या की खबर सुनकर अस्पताल में भीड़ जमा हो गई. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ सहित कई भाजपा नेता भागे-भागे अस्पताल पहुंचे. राजधानी में हुए इस जघन्य हत्याकांड को लेकर भाजपा नेताओं में काफी आक्रोश है. सांसद सेठ ने कहा कि राज्य में अपराधियों का राज कायम हो गया है. यहां कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. अपराधी प्रशासन को ठेंगा दिखा कर अपराध कर रहे हैं. राज्य में कोई भी सुरक्षित नहीं है. इस राज्य में जज, पत्रकार, व्यापारी, सहित सभी वर्ग अपराधियों से त्रस्त हैं. राज्य में माफिया राज कायम है. सांसद संजय सेठ ने सरकार और प्रशासन से 24 घंटे में हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की है अन्यथा मामले में बड़ा आंदोलन करने की बात कही.

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अर्जुन मुंडा ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की

रांची जिला ग्रामीण एसटी युवा मोर्चा के अध्यक्ष जीतराम मुंडा की ओरमांझी में गोली मारकर हत्या पूरी तरह प्रशासनिक विफलता का परिणाम है. जीतराम को पहले से ही जानलेवा हमले की आशंका थी. उनपर पहले भी हमला हो चुका था. इसकी सूचना पूरे प्रशासनिक अमले को थी. उन्होंने आर्म लाइसेंस के लिए भी आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने न तो उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करायी और न ही आर्म्स लाइसेंस दिया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पूरे मामले की जांच कराएं और इस मामले में हुई प्रशासनिक चूक को सार्वजनिक करें.

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