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बिहार में जातीय जनगणना कराने का BJP समर्थन करेगी या नहीं? गुरु प्रकाश ने दिया ये जवाब

बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच जंग छिड़ी है. जहां सभी विपक्षी पार्टियां इसे कराने पर तुली हैं, वहीं बीजेपी जातीय जनगणना को कमजोर वर्ग के विकास का मापदंड नहीं मानती. जानिए भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने 'ईटीवी भारत' से खास बातचीत में क्या कहा.

BJP Leader Guru Prakash Paswan  (Photo: ETV Bharat)
गुरु प्रकाश पासवान (फोटो-ईटीवी भारत)
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Published : Dec 30, 2021, 4:15 PM IST

नयी दिल्ली/पटना : केंद्र के मना करने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Cm Nitish Kumar) ने एलान किया है कि बिहार सरकार खुद से बिहार में जातीय जनगणना कराएगी. क्या बीजेपी इसका समर्थन करेगी? इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान (BJP Leader Guru Prakash Paswan) ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से ही सिर्फ कमजोर वर्ग के लोगों का विकास नहीं होगा. जातीय जनगणना ही कमजोर वर्ग के विकास का मापदंड नहीं हो सकता.

जानिए गुरु प्रकाश पासवान ने क्या कहा

बीजेपी नेता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि मोदी सरकार ने 7 साल में कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कई काम किए हैं. नेशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस एनसीबीसी (NCBC) को संवैधानिक दर्जा दिया गया. एनईईटी (NEET) में आरक्षण दिया गया. आईआईटी, आईआईएम में शिक्षकों को आरक्षण मिले. एससी-एसटी समाज के लोग शिक्षक, वीसी बने. इसके लिए मोदी सरकार ने काम किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में ओबीसी समाज के नेता मंत्री हैं. जन धन योजना के तहत 44 करोड़ लोगों का बैंक खाता खुला, जिसमें सबसे ज्यादा ओबीसी समाज का खाता खुला.

गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि 30 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन दिया गया, ताकि लोग अपना स्टार्टअप शुरू कर सकें. इससे एससी, एसटी, ओबीसी समाज को सबसे ज्यादा लाभ हुआ. 2014 से पहले देश में शौचालय का कवरेज 30% था. आज 98 फीसदी है. इसका सबसे ज्यादा लाभ एससी-एसटी ओबीसी समाज को हुआ. सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक मजबूती कमजोर वर्ग को मोदी सरकार के शासनकाल में ही मिली.

ये भी पढ़ेंः सम्राट चौधरी ने तेजस्वी से पूछा- रेचल से आपने शादी कर ली, अब जातीय जनगणना की मांग क्यों?

लालू-अखिलेश पर साधा निशाना

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 'लालू यादव जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने भी कहा कि यूपी में उनकी सरकार बनेगी तो जातीय जनगणना कराएंगे. यह सब क्षेत्रीय दल हैं. अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. जातीय जनगणना का मुद्दा उठाकर जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार में लालू के दोनों बेटे मंत्री थे. उपमुख्यमंत्री थे. बेटी राज्यसभा सांसद है. अखिलेश यादव के परिवार में कई लोग सांसद और बड़े पद पर रहे. यह लोग सामाजिक न्याय की बात ना करें'

बता दें देश में जातीय जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है. केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने जातीय जनगणना नहीं कराई है, कराना संभव भी नहीं है. उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान किया है कि बिहार सरकार खुद इसको बिहार में कराएगी. राजद सुप्रीमो लालू यादव, कांग्रेस भी इस मुद्दे पर नीतीश का समर्थन कर रहे हैं. लालू ने यहां तक कहा है कि पूरे देश भर के विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर एकजुट करेंगे.

ये भी पढ़ेंः नीतीश-तेजस्वी को मोदी का झटका, केंद्र सरकार नहीं कराएगी जातीय जनगणना

उधर, अखिलेश यादव ने एलान किया कि यूपी में सरकार बनी तो 3 महीने के अंदर जातीय जनगणना करा देंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इसकी मांग कर रहे हैं. जातीय जनगणना पर इन लोगों का तर्क है कि कमजोर वर्ग के लोगों की कितनी संख्या है यह पता चलना चाहिए. जातीय जनगणना से कमजोर वर्ग के लोगों तक सरकार की योजनाएं पहुचेंगी. वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रमों को बनाने में मदद मिलेगी लेकिन बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है.

नयी दिल्ली/पटना : केंद्र के मना करने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Cm Nitish Kumar) ने एलान किया है कि बिहार सरकार खुद से बिहार में जातीय जनगणना कराएगी. क्या बीजेपी इसका समर्थन करेगी? इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान (BJP Leader Guru Prakash Paswan) ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से ही सिर्फ कमजोर वर्ग के लोगों का विकास नहीं होगा. जातीय जनगणना ही कमजोर वर्ग के विकास का मापदंड नहीं हो सकता.

जानिए गुरु प्रकाश पासवान ने क्या कहा

बीजेपी नेता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि मोदी सरकार ने 7 साल में कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कई काम किए हैं. नेशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस एनसीबीसी (NCBC) को संवैधानिक दर्जा दिया गया. एनईईटी (NEET) में आरक्षण दिया गया. आईआईटी, आईआईएम में शिक्षकों को आरक्षण मिले. एससी-एसटी समाज के लोग शिक्षक, वीसी बने. इसके लिए मोदी सरकार ने काम किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में ओबीसी समाज के नेता मंत्री हैं. जन धन योजना के तहत 44 करोड़ लोगों का बैंक खाता खुला, जिसमें सबसे ज्यादा ओबीसी समाज का खाता खुला.

गुरु प्रकाश पासवान ने कहा कि 30 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन दिया गया, ताकि लोग अपना स्टार्टअप शुरू कर सकें. इससे एससी, एसटी, ओबीसी समाज को सबसे ज्यादा लाभ हुआ. 2014 से पहले देश में शौचालय का कवरेज 30% था. आज 98 फीसदी है. इसका सबसे ज्यादा लाभ एससी-एसटी ओबीसी समाज को हुआ. सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक मजबूती कमजोर वर्ग को मोदी सरकार के शासनकाल में ही मिली.

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लालू-अखिलेश पर साधा निशाना

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 'लालू यादव जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने भी कहा कि यूपी में उनकी सरकार बनेगी तो जातीय जनगणना कराएंगे. यह सब क्षेत्रीय दल हैं. अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. जातीय जनगणना का मुद्दा उठाकर जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार में लालू के दोनों बेटे मंत्री थे. उपमुख्यमंत्री थे. बेटी राज्यसभा सांसद है. अखिलेश यादव के परिवार में कई लोग सांसद और बड़े पद पर रहे. यह लोग सामाजिक न्याय की बात ना करें'

बता दें देश में जातीय जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठ रहा है. केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने जातीय जनगणना नहीं कराई है, कराना संभव भी नहीं है. उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान किया है कि बिहार सरकार खुद इसको बिहार में कराएगी. राजद सुप्रीमो लालू यादव, कांग्रेस भी इस मुद्दे पर नीतीश का समर्थन कर रहे हैं. लालू ने यहां तक कहा है कि पूरे देश भर के विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर एकजुट करेंगे.

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उधर, अखिलेश यादव ने एलान किया कि यूपी में सरकार बनी तो 3 महीने के अंदर जातीय जनगणना करा देंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इसकी मांग कर रहे हैं. जातीय जनगणना पर इन लोगों का तर्क है कि कमजोर वर्ग के लोगों की कितनी संख्या है यह पता चलना चाहिए. जातीय जनगणना से कमजोर वर्ग के लोगों तक सरकार की योजनाएं पहुचेंगी. वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रमों को बनाने में मदद मिलेगी लेकिन बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं है.

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