नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने इंडिया की बैठक से ठीक पहले गठबंधन पर सवाल उठाए हैं. पार्टी ने कहा है कि उनका एजेंडा अभी तक साफ नहीं है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक हिंदू विरोधी मालूम होती है, क्योंकि डीएमके ने जो बयान दिया है, उसकी किसी ने आलोचना नहीं की है. पार्टी ने कहा कि क्या इंडिया ने अपनी बैठक में इस एजेंडे को शामिल किया है या नहीं, इस पर तस्वीर साफ नहीं है.
पात्रा ने कहा कि बैठक शरद पवार के घर पर है. यहां पर किस तरह से हिंदुओं को खत्म किया जाए, इस पर चर्चा होगी. पात्रा ने कहा कि बैठक से पहले ही खींचतान शुरू हो गई. गठबंधन के किसी सदस्य ने कहा कि शिव की पूजा करना मलेरिया है, क्या भगवान की पूजा करना कोरोना है, जो देश के नहीं हो सके, वो जनता के प्रति क्या होंगे. पात्रा ने कहा कि अगर ऐसी ही बातें किसी और धर्म के लिए की गई होती, तो आज संयुक्त राष्ट्र पहुंच गए होते. पात्रा ने कहा कि मुझे तो लगता है कि ये साजिश है और यह साजिश राम के खिलाफ है. पात्रा ने सोनिया गांधी के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी बहुत ही घृणित बयान दिया था.
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#WATCH | Delhi: On INDIA coordination committee meeting, BJP leader Sambit Patra says, "...If such words were used against any other religion, they would have reached the United Nations with a complaint that India is intolerant... This is not by mistake, it is a well-designed… pic.twitter.com/3Bab4bJiEe
— ANI (@ANI) September 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 13, 2023
इंडिया गठबंधन की बैठक - एनडीए के खिलाफ 'इंडिया' गठबंधन की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं. पहली बैठक पटना में, दूसरी बेंगलुरु और तीसरी मुंबई में. आज गठबंधन के को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक है. इसमें कुल 14 सदस्यों के भाग लेने की उम्मीद है. हालांकि, बैठक से सीपीएम पहले ही पीछे हट चुकी है.
समन्वय समिति में जिन नेताओं को जगह दी गई है, उनमें शरद पवार, अभिषेक बनर्जी, राघव चड्ढा, डी राजा, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, संजय राउत, तेजस्वी यादव, जावेद अली खान, हेमंत सोरेन, टीआर बालू, केसी वेणुगोपाल, ललन सिंह शामिल हैं. अभी तक की जानकारी के अनुसार इनमें से कुछ नेताओं की व्यस्तता की वजह से वे बैठक में शामिल नहीं होंगे.
सीटों को लेकर किस तरह से सामंजस्य स्थापित की जाए, इस पर विचार हो सकता है. पीएम पद को लेकर गठबंधन पहले ही साफ कर चुका है कि इस पर कोई फैसला नहीं होगा. हां, समन्वय समिति के प्रमुख के तौर पर किसी एक चेहरे को आगे किया जाए, या फिर एक से अधिक चेहरे पर फोकस किया जाए, इस पर विचार जरूर होगा.
पिछली बार इंडिया गठबंधन की बैठक जब मुंबई में खत्म हुई थी, तब वहां भी एक से अधिक समन्वयकों के बनाए जाने को लेकर बातचीत हुई थी. हालांकि, इंडिया गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती आपस में तालमेल बिठाने की है. यह तो सबको पता है कि पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली और पंजाब में इंडिया के ही घटक दल एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं. ऐसे में वे किस तरह से इसकी तोड़ निकाल पाएंगे, शायद इस पर कोई पहल हो सके.
बात दिल्ली की करें तो आम आदमी पार्टी के नेता गाहे-बगाहे इस तरह के बयान देते रहे हैं कि उनकी पार्टी दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस के नेता भी इस तरह के बयान दे चुके हैं. कांग्रेस के लोकल कार्यकर्ता किसी भी तरीके से आप को छूट देने के मूड में नहीं दिखते हैं. इसी तरह से हरियाणा की स्थिति है. यहां पर भी आप ने घोषणा कर दी है कि वो अकेले ही चुनाव लड़ेंगे. इसको लेकर हरियाणा कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस भी यहां की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि पिछले साल उपचुनाव में यहां पर आप के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी. पंजाब को लेकर भी लगभग ऐसी ही स्थिति है. यहां पर आप ने कांग्रेस से सत्ता छीनी है. ऐसे में लोकसभा में भी वह कांग्रेस को कोई रियायत देगी, ऐसा प्रतीत नहीं होता है.
केरल की स्थिति सबके सामने है. केरल में भाजपा की उपस्थिति नाम मात्र की है. यहां पर कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन बारी-बारी से सत्ता में आते रहते हैं. प.बंगाल की स्थिति थोड़ी जटिल है. टीएमसी नेता नहीं चाहते हैं कि वो कांग्रेस या लेफ्ट को किसी भी तरह से गठबंधन में जगह दें. आए दिन कांग्रेस और टीएमसी नेताओं के बीच बयानबाजी से आप अंदाजा लगा सकते हैं.
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