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भाजपा आलाकमान ने येदियुरप्पा के बेटे को एमएलसी चुनाव में उम्मीदवार बनाने की सिफारिश की अनदेखी की

पिछले साल जुलाई में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थक भी ऐसी ही मांग कर रहे थे. कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी विजयेंद्र को उम्मीदवार नहीं बनाने का फैसला किया, क्योंकि इससे 2023 विधानसभा चुनावों से पहले वंशवाद की राजनीति के खिलाफ भाजपा का रुख कमजोर हो जाता

b s yediyurappa
बीएस येदियुरप्पा
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Published : May 24, 2022, 4:12 PM IST

बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व ने तीन जून को कर्नाटक विधान परिषद की सात सीट पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को उम्मीदवार बनाने की पार्टी की राज्य इकाई की सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया है. भाजपा ने मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सावदी, पार्टी की राज्य इकाई के सचिवों हेमलता नायक व एस. केशवप्रसाद और एससी मोर्चे की राज्य इकाई के अध्यक्ष सी. नारायणस्वामी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की.

प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी ने केंद्रीय नेतृत्व को संभावित उम्मीदवार के रूप में राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र के नाम की सिफारिश की थी. पार्टी के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने विजयेंद्र को टिकट नहीं देने का फैसला किया, क्योंकि वह उन्हें 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान उम्मीदवार बनाना चाहता है, और चुनाव से पहले उन्हें पार्टी में एक बड़ी भूमिका दिए जाने की संभावना है. कुछ ऐसी खबरें भी थीं कि येदियुरप्पा अपने बेटे को एमएलसी बनाना चाहते थे और फिर उन्हें मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की कैबिनेट में मंत्री बनाने पर जोर देते.

यह भी पढ़ें-मेरे नाम पर हवाईअड्डे का नाम रखने के फैसले पर पुनर्विचार हो : येदियुरप्पा

पिछले साल जुलाई में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थक भी ऐसी ही मांग कर रहे थे. कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी विजयेंद्र को उम्मीदवार नहीं बनाने का फैसला किया, क्योंकि इससे 2023 विधानसभा चुनावों से पहले वंशवाद की राजनीति के खिलाफ भाजपा का रुख कमजोर हो जाता. येदियुरप्पा फिलहाल शिकारीपुरा विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि उनके बड़े बेटे बी. वाई. राघवेंद्र शिवमोगा से सांसद हैं.

बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व ने तीन जून को कर्नाटक विधान परिषद की सात सीट पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को उम्मीदवार बनाने की पार्टी की राज्य इकाई की सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया है. भाजपा ने मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और पार्टी के उपाध्यक्ष लक्ष्मण सावदी, पार्टी की राज्य इकाई के सचिवों हेमलता नायक व एस. केशवप्रसाद और एससी मोर्चे की राज्य इकाई के अध्यक्ष सी. नारायणस्वामी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की.

प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी ने केंद्रीय नेतृत्व को संभावित उम्मीदवार के रूप में राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र के नाम की सिफारिश की थी. पार्टी के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने विजयेंद्र को टिकट नहीं देने का फैसला किया, क्योंकि वह उन्हें 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान उम्मीदवार बनाना चाहता है, और चुनाव से पहले उन्हें पार्टी में एक बड़ी भूमिका दिए जाने की संभावना है. कुछ ऐसी खबरें भी थीं कि येदियुरप्पा अपने बेटे को एमएलसी बनाना चाहते थे और फिर उन्हें मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की कैबिनेट में मंत्री बनाने पर जोर देते.

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पिछले साल जुलाई में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थक भी ऐसी ही मांग कर रहे थे. कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी विजयेंद्र को उम्मीदवार नहीं बनाने का फैसला किया, क्योंकि इससे 2023 विधानसभा चुनावों से पहले वंशवाद की राजनीति के खिलाफ भाजपा का रुख कमजोर हो जाता. येदियुरप्पा फिलहाल शिकारीपुरा विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि उनके बड़े बेटे बी. वाई. राघवेंद्र शिवमोगा से सांसद हैं.

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