नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की सभी राज्य इकाइयों और सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय के लिए शुक्रवार को 14-सदस्यीय दल (प्रबंधन दल) का गठन किया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस दल का संयोजक नियुक्त किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा इस दल के सदस्यों के साथ रविवार को एक बैठक कर सकते हैं और आगे की रणनीति पर चर्चा कर कर सकते हैं. पार्टी की ओर से जारी एक नोटिस के मुताबिक भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और सी. टी. रवि इस दल में सह-संयोजक की भूमिका निभाएंगे. पार्टी के ही एक अन्य महासचिव तरुण चुग भी दल के सदस्यों में शामिल होंगे.
केंद्रीय मंत्रियों में जी. किशन रेड्डी, अश्विनी वैष्णव, सर्वानंद सोनोवाल, अर्जुन मेघवाल और भारती पवार को इस दल में बतौर सदस्य शामिल किया गया है. अन्य सदस्यों में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी. के. अरुणा, राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा, पार्टी के महिला मोर्चा की अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन, राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और सांसद व पार्टी की असम इकाई के उपाध्यक्ष राजदीप रॉय शामिल हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह दल राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की सभी राज्य इकाइयों और सहयोगी दलों से समन्वय स्थापित करेगा. साथ ही वह अपने मतदाताओं (निर्वाचन मंडल के सदस्य) को मतदान प्रक्रिया की बारिकियों से अवगत कराएगा. इससे पहले, भाजपा ने गत रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए अधिकृत किया था.
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाने के प्रयासों के तहत राजनाथ और नड्डा सहयोगी दलों के साथ ही कुछ प्रमुख विपक्षी नेताओं और कुछ गैर-राजग व गैर-संप्रग दलों के नेताओं से संपर्क साध चुके हैं. विचार-विमर्श की इस प्रक्रिया के तहत रक्षा मंत्री ने पिछले दिनों कांग्रेस नेता व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी, बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव सहित कई अन्य प्रमुख नेताओं से बात की थी.
नड्डा ने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), ऑल झारखंड स्टूडेंट्य यूनियन (आजसू) के नेताओं आदि से बातचीत की. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और उनके उत्तराधिकारी के लिए 18 जुलाई को चुनाव होना है.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है. कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) समेत 17 दलों ने 15 जून को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया था, जिसका आयोजन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विरुद्ध संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर सहमति कायम करने के लिए किया था.
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इन दलों ने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव में उनका संयुक्त उम्मीदवार बनने की अपील भी की, लेकिन उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी. सूत्रों के अनुसार पवार ने 20-21 जून को मुंबई में विपक्षी दलों की एक दूसरी बैठक बुलायी है. बहरहाल, इन सब गतिविधियों के बीच राष्ट्रपति चुनाव के लिए 15 उम्मीदवारों ने शुक्रवार तक अपना नामांकन दाखिल किया, जिनमें से तीन के पर्चे उचित दस्तावेजों के अभाव में खारिज कर दिए गए. सूत्रों ने बताया कि कि 11 लोगों ने पहले दिन 15 जून को नामांकन दाखिल किया, तीन ने बृहस्पतिवार को और एक ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया. पहले दिन एक और दूसरे दिन दो नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया गया था.
(पीटीआई-भाषा)