लखनऊः उत्तर प्रदेश में एक ओर बीजेपी ने 37 साल बाद सत्ता में लगातार बरकरार रहने का इतिहास रच दिया तो दूसरी तरफ कांग्रेस का बनवास 32 साल से बढ़कर अब 37 साल हो गया है. अब कांग्रेस पार्टी को यूपी की कुर्सी हासिल करने के लिए और भी ज्यादा संघर्ष करना पड़ेगा. जो इतिहास भारतीय जनता पार्टी ने 10 मार्च को बनाया है वही इतिहास कांग्रेस पार्टी 1980 और 1985 में बना चुकी है. कांग्रेस पार्टी का यूपी में सत्ता का इंतजार लगातार लंबा ही होता जा रहा है. जिससे कार्यकर्ता मायूस होते जा रहे हैं.
10 मार्च 2022 को भारतीय जनता पार्टी ने वो करिश्मा कर दिखाया, जो साल 1980 और 1985 में कांग्रेस पार्टी ने किया था. इसके बाद यूपी में सरकार तो कई बनी लेकिन कोई भी पार्टी लगातार सत्ता बरकरार नहीं रख पाई. उसे सत्ता का सिंहासन त्यागना ही पड़ गया. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस मिथक को तोड़ते हुए कांग्रेस के उस इतिहास की भी बराबरी कर ली.
भारतीय जनता पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव में साल 2017 में जीत हासिल की थी और फिर से साल 2022 में सत्ता के शीर्षासन पर काबिज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में वापसी के साथ ही कांग्रेस पार्टी के लिए यूपी में संघर्ष का दायरा और भी लंबा हो गया है. 32 साल से यूपी में सत्ता की कुर्सी के लिए वनवास काट रही कांग्रेस पार्टी को अब 37 साल तक बनवास काटना पड़ेगा.
1980 के चुनाव में कांग्रेस ने 425 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. 309 उम्मीदवार जीते थे. तब प्रदेश में हुए मतदान का 37.76 फीसदी मत कांग्रेस ने हासिल किया था. इसके बाद 1985 के चुनाव में भी कांग्रेस ने 425 उम्मीदवार खड़े किये, जिसमें से 269 प्रत्याशी जीते थे. इस चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश में हुए कुल मतदान का 39.25 फीसदी मत प्राप्त किया था. भारतीय जनता पार्टी ने भी साल 2017 में अकेले दम पर 312 सीटों पर जीत हासिल की थी. सहयोगी दलों को मिलाकर 325 सीटें जीती थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन 273 सीटें भारतीय जनता पार्टी ने जीती हैं.