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भाजपा-एजीपी-यूपीपीएल गठबंधन असम में बनाएगा सरकार : प्रमोद बोरो

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Published : Mar 4, 2021, 10:42 PM IST

प्रमोद बोरो ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत को एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि विपक्षी दलों द्वारा बनाया गया गठबंधन चुनाव में कोई प्रभाव नहीं डाल पाएगा.कांग्रेस का सत्ता में आना दूर का सपना है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा-एजीपी-यूपीपीएल तीन पार्टियों का गठबंधन ही सरकार बनाएगा.

प्रमोद बोरो
प्रमोद बोरो

नई दिल्ली : यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के अध्यक्ष प्रमोद बोरो ने कहा है कि भाजपा-एजीपी-यूपीपीएल तीन पार्टियों का संयोजन असम में अगली राज्य सरकार बनाएगा. गठबंधन हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. वास्तव में उनका कोई प्रभाव नहीं है.

प्रमोद बोरो ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत को एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि विपक्षी दलों द्वारा बनाया गया गठबंधन शायद ही इस पर कोई प्रभाव डाल पाए.

बोरो ने कहा कि कांग्रेस का सत्ता में आना दूर का सपना है, गठबंधन हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. वास्तव में उनका कोई प्रभाव नहीं है. कांग्रेस-एआईयूडीएफ-बीपीएफ और अन्य कोई सकारात्मक परिणाम नहीं ला सकते हैं.

कांग्रेस, एआईयूडीएफ, सीपीआई, सीपीआई (एम), बीपीएफ और अन्य मनमौजी पार्टियों द्वारा नेतृत्व ने आगामी चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए एक गठबंधन का गठन किया.

ईटीवी भारत से बात करते प्रमोद बोरो

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के बारे में बात करते हुए, बोरो ने कहा कि इस पार्टी का प्रभाव उनकी उपस्थिति वाले क्षेत्रों में होगा. अन्य क्षेत्रों में AIUDF का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसी तरह कांग्रेस का भी स्थानीय स्तर पर कोई चेहरा नहीं है और लोगों का वर्तमान राज्य के नेतृत्व में विश्वास नहीं है.

यूपीपीएल भाजपा और एजीपी गठबंधन में आगामी चुनाव साथ लड़ रहा है. बोरो, जो पहले ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) के अध्यक्ष थे, ने BTR चुनाव से ठीक पहले UPPL को साथ लाए और अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (BPF) को हराकर स्थानीय सरकार का गठन किया.

उन्होंने कहा कि असम में भाजपा की नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अपने पूर्व सहयोगी (BPF) से समर्थन वापस लेकर BTR में स्थानीय सरकार बनाने में UPPL का समर्थन किया. BTR क्षेत्रमें हमारे पास 12 सीटें हैं. हम अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं. हम भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रहे हैं.

बोरो ने आगे कहा कि बीआरटी क्षेत्र में एजीपी का कोई प्रभाव नहीं है. उनकी पार्टी भाजपा को कुछ सीटें देकर 8-10 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है.

बोरो ने कहा कि मिश्रित आबादी वाली कई सीटें हैं और जहां से भाजपा के सदस्यों ने पिछला बीटीआर चुनाव जीता है. गठबंधन के नियम के अनुसार, हम भाजपा को कुछ सीटें देंगे. यूपीपीएल ने भाजपा को मिश्रित आबादी वाली सीटें देने की पेशकश की है. 'हमें उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में अन्य समुदाय निश्चित रूप से हमारा समर्थन करेंगे.'

बोरो ने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्हें एक विकास के लिए बदलाव की आवश्यकता है. यहां उल्लेख किया जा सकता है कि वर्तमान में बीपीआर क्षेत्र के बीपीएफ के 12 विधायक हैं.

यह पूछे जाने पर कि तीन पार्टी गठबंधन में से मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा, बोरो ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, भाजपा इसका फैसला करेगी.

पढ़ें - बंगाल में मिठाइयों पर चढ़ा चुनावी रंग, बिक रहे 'मोदी-दीदी सोंदेश'

बोरो ने कहा, सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री का आह्वान करेगा. हालांकि, सहयोगी के रूप में हम (यूपीपीएल और एजीपी) को मंत्रालय जरूर मिलेंगे.

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि आने वाले चुनाव में शिक्षा क्षेत्र में विकास, पार्टी के लिए प्रमुख एजेंडा होगा, तो बोरो ने कहा कि बीटीआर समझौते के बाद, क्षेत्र के लोग विकास के साक्षी रहे हैं.

हमें विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज और अन्य लाभ मिल रहे हैं. हमारे क्षेत्र में भी एनआईटी होगी.

27 जनवरी, 2020 को बीटीआर समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले, प्रमोद बोरो और उनका संगठन ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) अलग बोडोलैंड राज्य की मांग करता रहा है.

उन्होंने कहा कि एक अलग राज्य के लिए आंदोलन राजनीतिक, भाषाई और अन्य जैसे कई आधारों पर आधारित है. हमारी लड़ाई राजनीतिक अभाव और भेदभाव के खिलाफ थी. हमारी विकेंद्रीकरण की मांग थी.

बीटीआर समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, हम अपने लोगों के समग्र विकास के लिए समझौते के सभी खंडों को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.

नई दिल्ली : यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल के अध्यक्ष प्रमोद बोरो ने कहा है कि भाजपा-एजीपी-यूपीपीएल तीन पार्टियों का संयोजन असम में अगली राज्य सरकार बनाएगा. गठबंधन हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. वास्तव में उनका कोई प्रभाव नहीं है.

प्रमोद बोरो ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत को एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि विपक्षी दलों द्वारा बनाया गया गठबंधन शायद ही इस पर कोई प्रभाव डाल पाए.

बोरो ने कहा कि कांग्रेस का सत्ता में आना दूर का सपना है, गठबंधन हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. वास्तव में उनका कोई प्रभाव नहीं है. कांग्रेस-एआईयूडीएफ-बीपीएफ और अन्य कोई सकारात्मक परिणाम नहीं ला सकते हैं.

कांग्रेस, एआईयूडीएफ, सीपीआई, सीपीआई (एम), बीपीएफ और अन्य मनमौजी पार्टियों द्वारा नेतृत्व ने आगामी चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए एक गठबंधन का गठन किया.

ईटीवी भारत से बात करते प्रमोद बोरो

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के बारे में बात करते हुए, बोरो ने कहा कि इस पार्टी का प्रभाव उनकी उपस्थिति वाले क्षेत्रों में होगा. अन्य क्षेत्रों में AIUDF का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसी तरह कांग्रेस का भी स्थानीय स्तर पर कोई चेहरा नहीं है और लोगों का वर्तमान राज्य के नेतृत्व में विश्वास नहीं है.

यूपीपीएल भाजपा और एजीपी गठबंधन में आगामी चुनाव साथ लड़ रहा है. बोरो, जो पहले ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) के अध्यक्ष थे, ने BTR चुनाव से ठीक पहले UPPL को साथ लाए और अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (BPF) को हराकर स्थानीय सरकार का गठन किया.

उन्होंने कहा कि असम में भाजपा की नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अपने पूर्व सहयोगी (BPF) से समर्थन वापस लेकर BTR में स्थानीय सरकार बनाने में UPPL का समर्थन किया. BTR क्षेत्रमें हमारे पास 12 सीटें हैं. हम अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं. हम भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत कर रहे हैं.

बोरो ने आगे कहा कि बीआरटी क्षेत्र में एजीपी का कोई प्रभाव नहीं है. उनकी पार्टी भाजपा को कुछ सीटें देकर 8-10 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है.

बोरो ने कहा कि मिश्रित आबादी वाली कई सीटें हैं और जहां से भाजपा के सदस्यों ने पिछला बीटीआर चुनाव जीता है. गठबंधन के नियम के अनुसार, हम भाजपा को कुछ सीटें देंगे. यूपीपीएल ने भाजपा को मिश्रित आबादी वाली सीटें देने की पेशकश की है. 'हमें उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव में अन्य समुदाय निश्चित रूप से हमारा समर्थन करेंगे.'

बोरो ने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगे, क्योंकि उन्हें एक विकास के लिए बदलाव की आवश्यकता है. यहां उल्लेख किया जा सकता है कि वर्तमान में बीपीआर क्षेत्र के बीपीएफ के 12 विधायक हैं.

यह पूछे जाने पर कि तीन पार्टी गठबंधन में से मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा, बोरो ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, भाजपा इसका फैसला करेगी.

पढ़ें - बंगाल में मिठाइयों पर चढ़ा चुनावी रंग, बिक रहे 'मोदी-दीदी सोंदेश'

बोरो ने कहा, सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री का आह्वान करेगा. हालांकि, सहयोगी के रूप में हम (यूपीपीएल और एजीपी) को मंत्रालय जरूर मिलेंगे.

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि आने वाले चुनाव में शिक्षा क्षेत्र में विकास, पार्टी के लिए प्रमुख एजेंडा होगा, तो बोरो ने कहा कि बीटीआर समझौते के बाद, क्षेत्र के लोग विकास के साक्षी रहे हैं.

हमें विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज और अन्य लाभ मिल रहे हैं. हमारे क्षेत्र में भी एनआईटी होगी.

27 जनवरी, 2020 को बीटीआर समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले, प्रमोद बोरो और उनका संगठन ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) अलग बोडोलैंड राज्य की मांग करता रहा है.

उन्होंने कहा कि एक अलग राज्य के लिए आंदोलन राजनीतिक, भाषाई और अन्य जैसे कई आधारों पर आधारित है. हमारी लड़ाई राजनीतिक अभाव और भेदभाव के खिलाफ थी. हमारी विकेंद्रीकरण की मांग थी.

बीटीआर समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, हम अपने लोगों के समग्र विकास के लिए समझौते के सभी खंडों को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.

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