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बिलकिस बानो के पति की मांग, रिहा किए गए दोषियों को फिर भेजा जाए जेल

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Published : Oct 20, 2022, 7:37 PM IST

Updated : Oct 20, 2022, 9:26 PM IST

बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को 14 साल जेल की सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया है. इसको लेकर पीड़ित परिवार में रोष है. बिलकिस बानो के पति की मांग है कि दोषियों को जेल भेजा जाए (Bilkis Bano husband demand sent culprits to jail).

Bilkis Bano husband
बिलकिस बानो के पति

पंचमहल (गुजरात) : बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई से पीड़ित परिवार में रोष है. बिलकिस बानो के पति याकूब ने कहा कि 11 जघन्य अपराधियों को जिस तरह से छोड़ दिया गया है, इससे हम मायूस हैं, डर भी है. याकूब ने कहा कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट से यही उम्मीद है कि इन्हें दोबारा जेल भेजे. याकूब ने बताया कि जब भी ये लोग पैरोल पर आते थे, तो गवाहों को धमकाते थे. याकूब ने कहा कि इतने सालों की लड़ाई का न्याय तब पूरा होगा जब दोषियों को फिर से जेल भेजा जाएगा.

सुनिए बिलिकस बानो के पति से खास बातचीत

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को 14 साल जेल की सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया है, क्योंकि उनका व्यवहार अच्छा पाया गया और उनकी रिहाई को केंद्र ने भी मंजूरी दी थी. राज्य के गृह विभाग के अवर सचिव ने एक हलफनामे में कहा, 'राज्य सरकार ने सभी राय पर विचार करने के बाद 11 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया, क्योंकि उन्होंने जेलों में 14 साल से अधिक की सजा पूरी कर ली है और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया है.'

ये है मामला : 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन में आग लगा दी गई थी. इसमें 58 हिंदू कार सेवक जिंदा जल गए थे. इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. इन दंगों में एक नाम जो काफी चर्चा में था, वह था दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की बिलकिस बानो और उनके परिवार का. 2002 के दंगों में उनके साथ दुष्कर्म हुआ था. उनके परिवार के सदस्य की हत्या की गई थी. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. इस मामले में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी लेकिन 15 अगस्त को 11 आरोपियों को राज्य सरकार ने रिहा कर दिया.

2008 में दोषी करार दिया गया: 21 जनवरी 2008 को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म और बिलकिस बानो परिवार के सात सदस्यों की हत्या के 11 संदिग्धों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके दोषी की सजा की पुष्टि तब बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी की थी. इनमें से एक अपराधी ने 15 साल से अधिक जेल की सजा पाने के बाद जल्द रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

आरटीआई के जरिए मांगी गई सारी जानकारी: इसके अलावा अब्दुल रजाक मंसूरी ने 17, 2022 अगस्त को एक आरटीआई दायर कर गोधरा कलेक्टर से गोधरा सबजेल काउंसिल की बैठकों के मिनट्स और गृह मंत्रालय के दस्तावेजों के तहत कैदियों की रिहाई को मंजूरी देने वाले दस्तावेजों की जानकारी मांगी है.

पढ़ें- सीबीआई कोर्ट के पूर्व जज ने बिल्किस बानो के 11 दोषियों की रिहाई पर जतायी आपत्ति

पंचमहल (गुजरात) : बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई से पीड़ित परिवार में रोष है. बिलकिस बानो के पति याकूब ने कहा कि 11 जघन्य अपराधियों को जिस तरह से छोड़ दिया गया है, इससे हम मायूस हैं, डर भी है. याकूब ने कहा कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट से यही उम्मीद है कि इन्हें दोबारा जेल भेजे. याकूब ने बताया कि जब भी ये लोग पैरोल पर आते थे, तो गवाहों को धमकाते थे. याकूब ने कहा कि इतने सालों की लड़ाई का न्याय तब पूरा होगा जब दोषियों को फिर से जेल भेजा जाएगा.

सुनिए बिलिकस बानो के पति से खास बातचीत

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को 14 साल जेल की सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया है, क्योंकि उनका व्यवहार अच्छा पाया गया और उनकी रिहाई को केंद्र ने भी मंजूरी दी थी. राज्य के गृह विभाग के अवर सचिव ने एक हलफनामे में कहा, 'राज्य सरकार ने सभी राय पर विचार करने के बाद 11 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया, क्योंकि उन्होंने जेलों में 14 साल से अधिक की सजा पूरी कर ली है और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया है.'

ये है मामला : 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती ट्रेन में आग लगा दी गई थी. इसमें 58 हिंदू कार सेवक जिंदा जल गए थे. इसके बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे. इन दंगों में एक नाम जो काफी चर्चा में था, वह था दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की बिलकिस बानो और उनके परिवार का. 2002 के दंगों में उनके साथ दुष्कर्म हुआ था. उनके परिवार के सदस्य की हत्या की गई थी. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. इस मामले में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी लेकिन 15 अगस्त को 11 आरोपियों को राज्य सरकार ने रिहा कर दिया.

2008 में दोषी करार दिया गया: 21 जनवरी 2008 को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म और बिलकिस बानो परिवार के सात सदस्यों की हत्या के 11 संदिग्धों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके दोषी की सजा की पुष्टि तब बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी की थी. इनमें से एक अपराधी ने 15 साल से अधिक जेल की सजा पाने के बाद जल्द रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

आरटीआई के जरिए मांगी गई सारी जानकारी: इसके अलावा अब्दुल रजाक मंसूरी ने 17, 2022 अगस्त को एक आरटीआई दायर कर गोधरा कलेक्टर से गोधरा सबजेल काउंसिल की बैठकों के मिनट्स और गृह मंत्रालय के दस्तावेजों के तहत कैदियों की रिहाई को मंजूरी देने वाले दस्तावेजों की जानकारी मांगी है.

पढ़ें- सीबीआई कोर्ट के पूर्व जज ने बिल्किस बानो के 11 दोषियों की रिहाई पर जतायी आपत्ति

Last Updated : Oct 20, 2022, 9:26 PM IST
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