कैमूर: बिहार के कैमूर जिले में एक सरकारी डॉक्टर का कारनामा सामने आया है. हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने गए मरीज की नसबंदी कर दी गयी. जैसे ही इस बात की जानकारी मरीज के परिजनों को हुई सभी आक्रोशित हो गए. वहीं पीड़ित ने मामले को लेकर चैनपुर थाने में आवेदन देकर पुलिस से न्याय की गुहार लगायी है.
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हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने आए युवक की नसबंदी : पीड़ित युवक मनका यादव ने बताया कि जिले के चैनपुर प्रखंड के शेरपुर जगरिया गांव के रहने वाले हैं. पिता रामदहिन यादव के साथ अस्पताल आए थे. मैं उनका छोटा बेटा हूं. हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने के लिए चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए हुए थे. यहां डॉक्टरों द्वारा हाइड्रोसील का ऑपरेशन ना करके नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया गया है.
'मेरी शादी भी नहीं हुई है और नसबंदी कर दी': जैसे ही पीड़ित युवक को डॉक्टर की करतूत का पता चला उसने फौरन चैनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है. इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए पीड़ित व्यक्ति मनका यादव ने बताया कि अभी तक मेरी शादी भी नहीं हुई है. मैं हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने के लिए सरकारी अस्पताल में आया हुआ था, जहां डॉक्टर ने नसबंदी कर दी. वहीं इस पूरे मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चैनपुर के प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी हमें भी हुई है.
"अब बताइए कि मेरी शादी भी नहीं हुई है. मैं अब कैसे आगे का जीवनयापन करूंगा. डॉक्टर की लापरवाही के कारण मेरी पूरी जिंदगी तबाह हो गई. मुझे फिर से पहले जैसा किया जाए."- मनका यादव, पीड़ित
"मामले का हमें पता चला है. आगे की जांच पड़ताल की जा रही है. उसके बाद रिपोर्ट विभाग को दी जाएगी. उसके बाद विभागीय स्तर से आगे कार्रवाई की जाएगी." - सुनील कुमार,प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चैनपुर
"मेरे बेटे को हाइड्रोसील हुआ था. उसे ऑपरेशन के लिए अस्पताल लेकर आए लेकिन यहां नसबंदी कर दिया गया. बेटे की अभी तक शादी भी नहीं हुई है. पत्नी और बच्चे रहते तो कोई बात नहीं था."- रामदहिन यादव, पीड़ित के पिता
लापरवाही का कोई पहला मामला नहीं: चैनपुर स्वास्थ्य विभाग से लापरवाही का यह कोई पहला मामला सामने नहीं आया है. ऐसे कई मामले आ चुके हैं जिसके कारण पूरे स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो चुके हैं. डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने का मामला हो या कर्मियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की बात हो, ऐसे कई मामले में जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग आमने- सामने खड़े रहते हैं.