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बिहार : तटबंध टूटने से कई गावों में बाढ़ के जैसे हालात, लोगों ने हाईवे पर ली शरण

बिहार के सुपौल जिले में सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध टूट गया है. जिससे कोसी तटबंध के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी घुसा गया. वहीं प्रशासन ने बांध निरोधात्मक कार्य शुरू कर दिया है.

लापरवाही की वजह से टूटा सुपौल का मझारी-सिकरहट्टा बांध
लापरवाही की वजह से टूटा सुपौल का मझारी-सिकरहट्टा बांध
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Published : Jul 24, 2021, 1:41 PM IST

पटना : बिहार सरकार बाढ़ (Flood In Bihar) निरोधी कार्य को लेकर लाख दावे करे, लेकिन सच्चाई कुछ और दिखाई देती है. सुपौल (Supaul) जिले में कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ रहा है. इसी दौरान गुरुवार की रात नदी की तेज धारा ने डगमारा पंचायत के वार्ड नंबर 9 स्थित हनुमान मंदिर के पास स्थित बांध को तोड़ दिया. हालात ये हैं कि 10 फीट लंबाई में टूटा बांध देखते ही देखते 100 फीट की लंबाई में तब्दील हो गया. अगर प्रशासन ने समय रहते निरोधी कार्य किया होता तो आज इस इलाके की हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित नहीं होती.

देखें वीडियो

पढ़ें : सुपौल में सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध टूटा, तिलयुगा नदी में कोसी का पानी घुसने से इलाके में हाहाकार

जानकारों के मुताबिक कोसी नदी में पानी ज्यादा होने पर बाढ़ के हालात उत्पन्न होते हैं. कुनौली थाना क्षेत्र स्थित स्पर एक एवं स्पर दो के बीच का बांध टूट गया. समय पर बाढ़ निरोधात्मक कार्य शुरू नहीं करने का नतीजा रहा कि नदी की तेज धारा का दबाव मझारी-सिकरहट्टा निम्न बांध पर बना रहा. गुरुवार की रात बांध टूटने के बाद निम्न बांध के पश्चिमी दिशा में बसे लोगों के घर तक पानी पहुंच गया जिससे लोगों में हाहाकर मच गया.

वहीं सिकरहट्टा-मझारी बांध टूटने से निर्मली-कुनौली, कमलपुर, डगमारा, नया टोला सिकरहट्टा, दिघिया, बेला सिंगार मोती, मझारी, हरियाही आदि गांवों के लोगों का सड़क संपर्क टूट चुका है. इन लोगों को कुनौली व नेपाल की ओर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. इसके बाद लोग अपने बच्चों के साथ कोसी महासेतु एवं बांध की ओर शरण लेने लगे.

'इस बांध को बांधने के बाद पानी का वेग स्वत: कम हो जायेगा. इसके बाद मझारी-सिकराहट्टा बांध का मरम्मति कार्य कराया जायेगा. उनके निर्देश पर एनडीआरफ की भी एक टीम वहां पहुंची है.' :- महेंद्र कुमार, सुपौल जिलाधिकारी

मझारी-सिकराहट्टा बांध टूटने के बाद शुक्रवार की अहले सुबह मौके पर डीएम महेंद्र कुमार, मनोज कुमार सहित अनुमंडल स्तरीय तमाम अधिकारी पहुंचे. इसके बाद जल संसासन विभाग के मुख्य अभियंता मनोज रमण, कार्यपालक अभियंता सतीश कुमार सहित दर्जनों अभियंता की टीम टूटे हुए स्थल पर पहुंचे. जहां डीएम के निर्देश पर तीन पूर्व टूटे बांध पर निरोधात्मक कार्य शुरु किया गया.

पढ़ें : नदियों के उफान से लखनदेई नदी का जमींदारी बांध टूटा, पानी रोकने में जुटे ग्रामीण

वहीं बांध व एनएच 57 पर शरण लिये लोगों के लिए डीएम के निर्देश पर तत्काल कम्युनिटी किचन की शुरूआत कर दी गयी है. निर्मली अनुमंडल पदाधिकारी नीरज नारायण पांडेय ने बताया कि बांध पर शरण लिए पीड़ितों को भोजन मुहैया के लिए कम्युनिटी किचन की शुरुआत की गई है. यह व्यवस्था मध्य विद्यालय सिकरहट्टा और चुटियाही विद्यालय में शुरू की गई है.

'विभाग और प्रशासन की लापरवाही के कारण कारण बांध टूटा. बाढ़ निरोधी कार्य की राशि का बंदरबांट किया गया है. जिस वजह से आज हजारों की आबादी को बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है.' :- यदुवंश कुमार यादव, राजद के पूर्व विधायक

पढ़ें : कोसी का कहर:सुपौल के मरौना प्रखंड के खुखनाहा पंचायत में 25 घर कटाव से प्रभावित, लोगों ने ऊंचे स्थान पर लिया सहारा

पटना : बिहार सरकार बाढ़ (Flood In Bihar) निरोधी कार्य को लेकर लाख दावे करे, लेकिन सच्चाई कुछ और दिखाई देती है. सुपौल (Supaul) जिले में कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ रहा है. इसी दौरान गुरुवार की रात नदी की तेज धारा ने डगमारा पंचायत के वार्ड नंबर 9 स्थित हनुमान मंदिर के पास स्थित बांध को तोड़ दिया. हालात ये हैं कि 10 फीट लंबाई में टूटा बांध देखते ही देखते 100 फीट की लंबाई में तब्दील हो गया. अगर प्रशासन ने समय रहते निरोधी कार्य किया होता तो आज इस इलाके की हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित नहीं होती.

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जानकारों के मुताबिक कोसी नदी में पानी ज्यादा होने पर बाढ़ के हालात उत्पन्न होते हैं. कुनौली थाना क्षेत्र स्थित स्पर एक एवं स्पर दो के बीच का बांध टूट गया. समय पर बाढ़ निरोधात्मक कार्य शुरू नहीं करने का नतीजा रहा कि नदी की तेज धारा का दबाव मझारी-सिकरहट्टा निम्न बांध पर बना रहा. गुरुवार की रात बांध टूटने के बाद निम्न बांध के पश्चिमी दिशा में बसे लोगों के घर तक पानी पहुंच गया जिससे लोगों में हाहाकर मच गया.

वहीं सिकरहट्टा-मझारी बांध टूटने से निर्मली-कुनौली, कमलपुर, डगमारा, नया टोला सिकरहट्टा, दिघिया, बेला सिंगार मोती, मझारी, हरियाही आदि गांवों के लोगों का सड़क संपर्क टूट चुका है. इन लोगों को कुनौली व नेपाल की ओर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. इसके बाद लोग अपने बच्चों के साथ कोसी महासेतु एवं बांध की ओर शरण लेने लगे.

'इस बांध को बांधने के बाद पानी का वेग स्वत: कम हो जायेगा. इसके बाद मझारी-सिकराहट्टा बांध का मरम्मति कार्य कराया जायेगा. उनके निर्देश पर एनडीआरफ की भी एक टीम वहां पहुंची है.' :- महेंद्र कुमार, सुपौल जिलाधिकारी

मझारी-सिकराहट्टा बांध टूटने के बाद शुक्रवार की अहले सुबह मौके पर डीएम महेंद्र कुमार, मनोज कुमार सहित अनुमंडल स्तरीय तमाम अधिकारी पहुंचे. इसके बाद जल संसासन विभाग के मुख्य अभियंता मनोज रमण, कार्यपालक अभियंता सतीश कुमार सहित दर्जनों अभियंता की टीम टूटे हुए स्थल पर पहुंचे. जहां डीएम के निर्देश पर तीन पूर्व टूटे बांध पर निरोधात्मक कार्य शुरु किया गया.

पढ़ें : नदियों के उफान से लखनदेई नदी का जमींदारी बांध टूटा, पानी रोकने में जुटे ग्रामीण

वहीं बांध व एनएच 57 पर शरण लिये लोगों के लिए डीएम के निर्देश पर तत्काल कम्युनिटी किचन की शुरूआत कर दी गयी है. निर्मली अनुमंडल पदाधिकारी नीरज नारायण पांडेय ने बताया कि बांध पर शरण लिए पीड़ितों को भोजन मुहैया के लिए कम्युनिटी किचन की शुरुआत की गई है. यह व्यवस्था मध्य विद्यालय सिकरहट्टा और चुटियाही विद्यालय में शुरू की गई है.

'विभाग और प्रशासन की लापरवाही के कारण कारण बांध टूटा. बाढ़ निरोधी कार्य की राशि का बंदरबांट किया गया है. जिस वजह से आज हजारों की आबादी को बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है.' :- यदुवंश कुमार यादव, राजद के पूर्व विधायक

पढ़ें : कोसी का कहर:सुपौल के मरौना प्रखंड के खुखनाहा पंचायत में 25 घर कटाव से प्रभावित, लोगों ने ऊंचे स्थान पर लिया सहारा

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