पटना/नई दिल्ली: बिहार में जातीय गणना पर रोक लगाने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने जातीय गणना पर मामले की सुनवाई करते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पास करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि सभी को सुनने के कोई फैसला दिया जाएगा. इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी.
ये भी पढ़ेंः Bihar Caste Census : बिहार में जारी रहेगी जातीय जनगणना, पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के पक्ष में दिया फैसला
राज्य सरकार ने भी दाखिल की है अर्जी: याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अखिलेश कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वकील तान्याश्री और अधिवक्ता ऋतु राज ने अखिलेश कुमार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं, इससे पहले बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट अर्जी दायर कर अनुरोध किया है कि इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित करने के पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुना जाये. उधर पटना हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद राज्य सरकार ने सर्वेक्षण का काम दोबारा जोर- शोर से जारी कर दिया है.
हाईकोर्ट ने जातीय सर्वेक्षण को ठहराया सहीः दरअसल पटना हाईकोर्ट ने बीते 1 अगस्त को राज्य सरकार के जातीय सर्वेक्षण को सही ठहराते हुए इसके विरुद्ध दायर सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया था. जिसके बाद नीतीश सरकार की ये बड़ी जीत मानी जा रही है. आपको बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ याचिका दायर करने वाले अखिलेश कुमार नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के ही पहने वाले हैं.
फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. अखिलेश अलावा सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य एनजीओ ने भी याचिका दायर की गई है. इन याचिकाओं पर आज न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी