चेन्नई : तमिलनाडु में बिहार प्रवासी मजदूरों की पिटाई की अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए तमिलनाडु में बिहार एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो नकली थे. वहां हमलों के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. 4 सदस्यीय टीम शनिवार को चेन्नई पहुंची. चेन्नई जिला कलेक्टर, तमिलनाडु श्रम विभाग के आयुक्त और अन्य सरकारी अधिकारियों ने इस मामले में बैठक की. प्रवासी मजदूरों पर कथित हमले की खबरों के बाद बिहार सरकार ने टीम यहां भेजी है.
बिहार सरकार की टीम ने कहा कि हम तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने आए थे. उन्होंने कहा कि हम यहां रह रहे बिहारियों को आश्वस्त करने आए हैं कि बिहार सरकार उनके साथ है. टीम के सदस्य ने कहा कि हमें तमिलनाडु सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है. तमिलनाडु में बिहार एसोसिएशन के सचिव, मुकेश ने कहा कि उन्होंने कथित हमलों के मामलों में तथ्यों का पता लगाने की कोशिश की है. लेकिन उन्हें इन मामलों में कोई सच्चाई नहीं मिली. उन्होंने कहा कि हमने बिहार से आयी हुई टीम को जानकारी दी. मेरे पास प्रतिदिन 150-200 कॉल आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हम कॉल आने के बाद मौके पर जाते हैं स्थिति का आकलन करते हैं. फिर तथ्यों का पता लगाते हैं. हम कॉल प्राप्त करने के तुरंत बाद पुलिस को सूचित नहीं कर सकते जब तक कि हम कॉल के पीछे की वास्तविकता की जांच नहीं लें. उन्होंने कहा कि हमने अब तक करीब 10 से 15 जगहों का दौरा किया. दावों में कोई सच्चाई नहीं थी. यह कहते हुए कि हमले की ऐसी कोई भी घटना राज्य में नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार से आग्रह किया है कि ऐसी किसी भी खबर को प्रसारित नहीं होने दिया जाए जबतक कि उसकी 'प्रामाणिकता का पता नहीं लग जाये.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कहीं भी ऐसी कोई वारदात नहीं हुई है. जिसमें प्रवासी श्रमिकों को नुकसान पहुंचाया गया हो. उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए तमिलनाडु सबसे बेहतर राज्य है. उन्होंने कहा कि हमने बिहार सरकार से कहा है कि बिहार से आने वाली फर्जी खबरों को रोका जाना चाहिए. हमने ऐसी खबरें नहीं देखी हैं. तमिलनाडु के किसी भी चैनल में. उन्होंने कहा कि हमने बिहार सरकार से गुजारिश की है कि खबर की प्रामाणिकता सिद्ध होने से पहले ऐसी खबरों को प्रसारित न होने दें.
मुकेश ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह तमिलनाडु सरकार जिस तरह से मदद कर रही है, कोई अन्य सरकार मदद करेगी. चार सदस्यीय टीम में डी बालमुरुगन, सचिव, ग्रामीण विकास, पी कानन, आईपीएस (आईजी सीआईडी), आलोक, विशेष सचिव, श्रम विभाग और एक आईपीएस अधिकारी शामिल हैं. यह टीम अपनी यात्रा के बाद बिहार के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगी.
(एएनआई)