शिमला: हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को 53,413 करोड़ का बजट पेश किया. करीब ढाई घंटे के अपने बजट भाषण में सीएम सुक्खू ने कई नई घोषणाएं की. इस दौरान उन्होंने कई बार व्यवस्था परिवर्तन का जिक्र किया.
हिमाचल पर बढ़ता कर्ज का बोझ- सीएम सुक्खू ने बजट भाषण की शुरुआत में ही कर्ज की बात छेड़ी और बताया कि प्रत्येक हिमाचलवासी पर आज 92,833 रुपये का कर्ज है. सीएम सुक्खू ने 53,413 करोड़ रुपये का बजट पेश किया लेकिन हिमाचल पर कर्ज का बोझ 75 हजार करोड़ पहुंच चुका है. बजट का एक बड़ा हिस्सा तो कर्ज के भुगतान में चला जाता है जबकि एक बड़ा हिस्सा सैलरी और पेंशन देने में खर्च होता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में हर 100 रुपये में से सैलरी पर 26 रुपये, पेंशन पर 16 रुपये, ब्याज अदा करने पर 10 रुपये और ऋण अदा करने पर 10 रुपये खर्च होंगे. स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 9 रुपये जबकि बचे हुए 29 रुपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे.
मार्च 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य- मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में हिमाचल को 31 मार्च 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाएं और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारी भरकम सब्सिडी का ऐलान किया गया. 2023-24 में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी. इसके अलावा युवाओं के लिए रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए लीज पर ली हुई भूमि पर 250 किलोवाट से 2 मेगावाट की सौर परियोजनाएं लगाने पर सरकार 40 फीसदी सब्सिडी देगी.
ई-व्हीकल्स पर जोर- ग्रीन स्टेट का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने ई-वाहन खरीदने पर भारी भरकम सब्सिडी देने का ऐलान किया है. इलेक्ट्रिक बस और ट्रक खरीदने के पर 50 लाख तक की सब्सिडी सरकार देगी इसी तरह टैक्सी के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी. HRTC की 1500 डीजल बसों को ई-बसों में बदला जाएगा. जिसके लिए 1 हजार करोड़ का प्रावधान है. इसके अलावा 20 हजार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी पर 25 हजार की सब्सिडी दी जाएगी. इसी तरह हर जिले दो पंचायतों को पायलट आधार पर ग्रीन पंचायतों में विकसित किया जाएगा.
शराब पर लगेगा मिल्क सेस- प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को ध्यान में रखते हुए सीएम सुक्खू ने बजट में शराब की हर बोतल पर 10 रुपये मिल्क सेस लगाने का ऐलान किया है. प्रदेश में पहले से ही ढाई फीसदी काउ सेस शराब पर लगा हुआ है. जिसका इस्तेमाल गौ वंश के विकास के लिए होता है. मिल्क सेस का इस्तेमाल पशुपालकों और खासकर दुग्ध उत्पादकों की बेहतरी के लिए होगा. दरअसल सरकार ने गाय का दूध 80 रुपये प्रति किलो और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति किलो खरीदने की घोषणा की थी. जिसकी भरपाई सरकार ने शराब पर मिल्क सेस लगाकर की है.
पर्यटन का विकास- मंडी और कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाएगा. साथ ही जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा. संजौली और बद्दी से हैलीटेक्सी का संचालन जल्द ही शुरू होगा. कांगड़ा जिले को टूरिज्म कैपिटल के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसके तहत यहां इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का गोल्फ कोर्स, स्थानीय कला संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पर्यटक ग्राम, आइस स्केटिंग और रोलर स्केटिंग रिंक के निर्माण के साथ-साथ बनखड़ी में 300 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण किया जाएगा. पौंग डैम में वाटर स्पोर्टस, शिकारा, क्रूज, यॉट आदि की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही कांगड़ा में वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धाश्रम भी बनाया जाएगा. एशियन डेवलपमेंट बैंक के जरिये 1311 की लागत से कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, हमीरपुर समेत अन्य जिलों में हैरिटेज साइट के सौंदर्यकरण और इको टूरिज्म का विकास होगा.
राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल- सीएम सुक्खू ने ऐलान किया कि हिमाचल के हर विधानसभा क्षेत्र में एक राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोला जाएगा. जिनमें खेल से लेकर स्वीमिंग पूल आदि सुविधाएं होंगी. कॉलेजों में साल में दो बार रोजगार मेले और प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन होगा. 10 हजार मेधावी छात्रों और 17,510 प्राइमरी रेगुलर अध्यापकों को टेबलेट दिए जाएंगे. स्पोर्ट्स हॉस्टल में रह रहे खिलाड़ियों की डाइट मनी को 120 रुपये से बढ़ाकर 240 कर दिया गया है. तकनीकी शिक्षा संस्थानों में रोबोटिक्स से लेकर ड्रोन टेक्नीशियन और सोलर टेक्निशियन से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक जैसे कोर्स करवाए जाएंगे.
महिलाओं के लिए घोषणाएं- कांग्रेस ने चुनाव में 18 साल से 59 साल तक की महिलाओं को 1500 रुपये मासिक पेंशन देने का ऐलान किया था. सीएम सुक्खू ने बजट में घोषणा की है कि पहले चरण में 2.31 लाख महिलाओं को मासिक 1500 रुपये दिए जाएंगे. इस पर 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बुजुर्गों के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की गई है. जिसके तहत 27 सालतक के अनाथ बच्चे children of the state होंगे और इनके लिए सरकार ही माता-पिता की भूमिका निभाएगी. दिव्यांग और विधवाओं की पेंशन के लिए आय सीमा समाप्त कर दी गई है. 20 हजार मेधावी छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी पर 25 हजार की सब्सिडी दी जाएगी.
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नई औद्योगिक नीति- राज्य में निवेशकों की सुविधा के लिए ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन की स्थापना की जाएगी. जहां निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए हर मंजूरी दिलाने की जिम्मेदारी सरकार की होगी. इसे निवेशक जल्द से जल्द उद्योग लगा सकेंगे. सीएम ने बताया कि 2023-24 में 20 हजार करोड़ रुपये के निजी निवेश आने का अनुमान है. जबकि 90 हजार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर खुलेंगे.
इन प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी- इसके अलावा आंगनबाड़ी वर्कर से लेकर पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है. मनरेगा की दिहाड़ी में भी 28 रुपये बढ़ाए गए हैं जिसका फायदा लगभग 9 लाख मनरेगा मजदूरों को होगा. इसके अलावा शिक्षा से लेकर स्वास्थ और शहर से लेकर ग्रामीण विकास को लेकर भी कई घोषणाएं की गई हैं. लेकिन इस बजट में हिमाचल सरकार का फोकस व्यवस्था परिवर्तन और कर्ज तले दब रहे राज्य में आय स्रोत तलाशने पर रहा है.
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