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Report On Doklam : डोकलाम पर स्टैंड बदलने के लिए भूटान पर चीन का भारी दबाव

भारत में काम करने वाली थिंक टैंक थिंक रेड लैंटर्न एनालिटिका ने कहा है चीन भूटान पर उसकी विदेश नीति और भारत के साथ संबंधों को लेकर दबाव बना रहा है. थिंक टैंक ने इस बात पर चिंता जताते हुए कहा है कि भूटान को चीन के असली चेहरे को पहचानना होगा.

Report On Doklam
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Apr 15, 2023, 11:37 AM IST

थिम्फू (भूटान) : 'चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने डोकलाम में अपना रुख बदलने के लिए भूटान पर भारी दबाव बना रही है. भूटान और भारत एक दूसरे के साथ विदेश नीति के मामले में समन्वय के साथ चलने पर राजी हुए हैं. दिल्ली स्थित विदेश नीति पर काम करने वाली थिंक रेड लैंटर्न एनालिटिका (आरएलए) के अनुसार, सीसीपी भूटान पर अपना रुख बदलने के लिए काफी दबाव डाल रही है. यही कारण है कि हाल के दिनों में भूटान के प्रधानमंत्री लोटे टीशरिंग को कहना पड़ा था कि डोकलाम सिर्फ दो देशों के बीच का नहीं बल्कि तीन देशों के बीच का मामला है.

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भूटान के प्रधानमंत्री लोटे टीशरिंग ने कहा था कि डोकलाम में भूटान की भी समान हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा था कि सभी तीन देश - भूटान, भारत और चीन इस मामले में समान हितधारक हैं. बता दें कि डोकलाम भारत, भूटान और चीन के बीच एक विवादित क्षेत्र है. डोकलाम का मुद्दा 2017 में सुर्खियों में आया जब सीसीपी के नेतृत्व में, निर्माण वाहनों और सड़क-निर्माण उपकरणों के साथ चीनी सैनिकों ने डोकलाम में एक मौजूदा सड़क को दक्षिण की ओर बढ़ाना शुरू कर दिया था.

पढ़ें : FM On Climate Change: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- जलवायु परिवर्तन हमारे लिए खरतनाक

चीन पूरे डोकलाम पर दावा करता है, जबकि भारत ऐतिहासिक संधियों के आधार पर बनाई गई सीमा रेखाओं की गरिमा को बनाए रखने का आह्वान करता रहा है. थिंक टैंक के अनुसार, चीन दशकों से भूटान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर उसके ऊपर दबाव बनाता रहा है. कभी-कभी को चीन ने अपने नक्शे में भूटान के एक बड़े हिस्से को चीन का हिस्सा भी बताया है. चीन भूटान की सीमा में भारी बुनियादी ढांचे का निर्माण करके उसपर अवैध कब्जा करने की कोशिश करता रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भूटान के क्षेत्र में चीन के बढ़ते अतिक्रमण को रोकने के संबंध में भूटान के पास सीमित विकल्प हैं. थिंक टैंक ने कहा कि भूटान को चीन के संदिग्ध दावों के जाल में नहीं आना चाहिए और उत्साह के साथ पारस्परिक रूप से भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर देना चाहिए. थिंक टैंक के अनुसार, डोकलाम एक संवेदनशील भू -राजनीतिक मुद्दा है, जिसमें भूटान एक अपरिहार्य हिस्सा है.

पढ़ें : Shah Mumbai visit: अमित शाह का मुंबई दौरा, महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में होंगे शामिल

(एएनआई)

थिम्फू (भूटान) : 'चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने डोकलाम में अपना रुख बदलने के लिए भूटान पर भारी दबाव बना रही है. भूटान और भारत एक दूसरे के साथ विदेश नीति के मामले में समन्वय के साथ चलने पर राजी हुए हैं. दिल्ली स्थित विदेश नीति पर काम करने वाली थिंक रेड लैंटर्न एनालिटिका (आरएलए) के अनुसार, सीसीपी भूटान पर अपना रुख बदलने के लिए काफी दबाव डाल रही है. यही कारण है कि हाल के दिनों में भूटान के प्रधानमंत्री लोटे टीशरिंग को कहना पड़ा था कि डोकलाम सिर्फ दो देशों के बीच का नहीं बल्कि तीन देशों के बीच का मामला है.

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भूटान के प्रधानमंत्री लोटे टीशरिंग ने कहा था कि डोकलाम में भूटान की भी समान हिस्सेदारी है. उन्होंने कहा था कि सभी तीन देश - भूटान, भारत और चीन इस मामले में समान हितधारक हैं. बता दें कि डोकलाम भारत, भूटान और चीन के बीच एक विवादित क्षेत्र है. डोकलाम का मुद्दा 2017 में सुर्खियों में आया जब सीसीपी के नेतृत्व में, निर्माण वाहनों और सड़क-निर्माण उपकरणों के साथ चीनी सैनिकों ने डोकलाम में एक मौजूदा सड़क को दक्षिण की ओर बढ़ाना शुरू कर दिया था.

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चीन पूरे डोकलाम पर दावा करता है, जबकि भारत ऐतिहासिक संधियों के आधार पर बनाई गई सीमा रेखाओं की गरिमा को बनाए रखने का आह्वान करता रहा है. थिंक टैंक के अनुसार, चीन दशकों से भूटान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर उसके ऊपर दबाव बनाता रहा है. कभी-कभी को चीन ने अपने नक्शे में भूटान के एक बड़े हिस्से को चीन का हिस्सा भी बताया है. चीन भूटान की सीमा में भारी बुनियादी ढांचे का निर्माण करके उसपर अवैध कब्जा करने की कोशिश करता रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भूटान के क्षेत्र में चीन के बढ़ते अतिक्रमण को रोकने के संबंध में भूटान के पास सीमित विकल्प हैं. थिंक टैंक ने कहा कि भूटान को चीन के संदिग्ध दावों के जाल में नहीं आना चाहिए और उत्साह के साथ पारस्परिक रूप से भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर देना चाहिए. थिंक टैंक के अनुसार, डोकलाम एक संवेदनशील भू -राजनीतिक मुद्दा है, जिसमें भूटान एक अपरिहार्य हिस्सा है.

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(एएनआई)

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