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Satpura Bhawan Fire Update: सतपुड़ा की आग के आगे भोपाल का नगर निगम भी हुआ फेल, बुझाने के लिए नहीं थे पर्याप्त फायर फाइटर

सतपुड़ा भवन में लगी आग ने एक बार फिर नगर निगम भोपाल को कटघरे में खड़ा कर दिया है. इस 6 मंजिला इमारत की 3 मंजिलों पर लगी आग बुझाने के लिए नगर निगम के पास पर्याप्त दमकल ही नहीं थे. साथ ही ऐसे फायर फाइटर भी नहीं थे जिसके माध्यम से इतनी ऊंचाई पर आग बुझाई जा सके. हालांकि अब आग पर काबू पा लिया गया है.

Satpura Bhawan Fire Update
भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग पर काबू पाया
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Published : Jun 13, 2023, 6:47 AM IST

Updated : Jun 13, 2023, 7:23 AM IST

स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी

भोपाल। भोपाल नगर निगम हर साल करोड़ों का बजट लेकर आता है, जिसमें फायर सेफ्टी की दृष्टि से नगर निगम के पास कई दमकलें भी मौजूद है. लेकिन भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग ने एक बार फिर नगर निगम के सारे दावों की हकीकत सामने लाकर खड़ी कर दी है. या यूं कहें, नगर निगम का फेलियर एक बार फिर नजर आया है. सतपुड़ा की इमारत पर आग बुझाने के लिए पानी पहुंचाने तक की व्यवस्था भी नगर निगम भोपाल के पास नहीं थे. नगर निगम के पास हाई राइज बिल्डिंग के लिए भी कोई बड़ा वॉटर फायर फाइटर ही मौजूद नहीं था. अगर नगर निगम के पास व्यवस्था होती तो हो सकता है इस आग पर पहले ही काबू पाया जा सकता था, हालांकि फायर फाइटर की कड़ी मशक्कत और आर्मी की मदद से 15 घंटे बाद आग पर मंगलवार सुबह काबू पा लिया गया.

भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग पर काबू पाया

निगम के फायर फाइटर हुए फेल: सोमवार को दोपहर 3:00 बजे के लगभग जब सतपुड़ा भवन में आग लगी तो आनन-फानन में सारे कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया. इस समय ये आग कम स्थिति में थी, चौथे फ्लोर पर इस आग के फैलने की शुरुआत हुई और नगर निगम की दमकल की टीम मौके पर पहुंचना भी शुरू हो गई. लेकिन उनके पाइप्स की इतनी हाईट ही नहीं थी कि इतनी ऊंचाई तक पानी फेंककर आग को बुझाया जा सके. ऐसे में नगर निगम भोपाल ने सेना से मदद की गुहार लगाई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की केंद्र गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात हुई तो सेना के फायर फाइटर भी यहां मौके पर पहुंच गए, लेकिन उसके बाद भी आग पर काबू पाया नहीं जा सका था. नगर निगम के टैंकर तो मात्र पानी फिल करने का काम ही करते हुए नजर आए, जिन फायर फाइटर के भरोसे नगर निगम आग बुझाने के लाख दावे करता है वह यहां फेल होते हुए नजर आए. राहत की बात है कि फायर फाइटर और आर्मी के सहयोग से मंगलवार सुबह तक आग पर काबू पा लिया गया है.

केमिकल का किया इस्तेमाल: नगर निगम के पास सबसे बड़ा एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म भी है, लेकिन उसकी ऊंचाई भी मात्र 50 फीट से ज्यादा नहीं है. ऐसे में इसके ऊपर अगर इमारत पर आग लगती है तो नगर निगम उसको बुझाने में नाकाम ही साबित होता है. सतपुड़ा भवन में लगी आग को बुझाने के लिए एयरपोर्ट से दमकल को बुलाया गया था, जिनमें केमिकल डालकर फॉम विकसित किया गया और इस फॉम के प्रेशर से ही आग पर काबू पाया गया है. इसके साथ ही इंदौर से भी फायर फाइटर भोपाल बुलाए गए, बाद में सेना के फायर फाइटर्स ने भी मिलकर इस धधकती आग पर काबू पाया.

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हाइड्रोलिक मशीन फायर फाइटर: भोपाल नगर निगम के पास फिलहाल 55 से 60 ही दमकल मौजूद हैं, यह भी अलग-अलग हाइडेंट में होती है. इसके साथ ही 2 बड़े फायर फाइटर हैं, जिसमें एक हाइड्रोलिक मशीन है. इसके माध्यम से 50 फीट ऊंची इमारत तक पहुंचा जा सकता है, इससे अधिक ऊंचाई पर पहुंचने के लिए नगर निगम के पास कोई सुविधा नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्री का बयान: इस घटना को लेकर सोमवार की रात 11.30 बजे स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी भी सतपुड़ा भवन पहुंचे थे. बता दें कि इस इमारत में स्वास्थ्य विभाग का भी दफ्तर है जो मंत्री के अधीन आता है. प्रभुराम चौधरी का कहना था कि "आगजनी की घटना के लिए मुख्यमंत्री ने कमेटी बनाई है, वह कमेटी ही जांच कर निष्कर्ष निकालेंगे. फिलहाल जो भी दोषी होगा कमेटी ही यह सब तय करेगी." वहीं कांग्रेस के आरोपों पर प्रभु राम चौधरी का कहना है कि "यह दुर्घटना है और दुर्घटना पर राजनीति नहीं की जाती."

स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी

भोपाल। भोपाल नगर निगम हर साल करोड़ों का बजट लेकर आता है, जिसमें फायर सेफ्टी की दृष्टि से नगर निगम के पास कई दमकलें भी मौजूद है. लेकिन भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग ने एक बार फिर नगर निगम के सारे दावों की हकीकत सामने लाकर खड़ी कर दी है. या यूं कहें, नगर निगम का फेलियर एक बार फिर नजर आया है. सतपुड़ा की इमारत पर आग बुझाने के लिए पानी पहुंचाने तक की व्यवस्था भी नगर निगम भोपाल के पास नहीं थे. नगर निगम के पास हाई राइज बिल्डिंग के लिए भी कोई बड़ा वॉटर फायर फाइटर ही मौजूद नहीं था. अगर नगर निगम के पास व्यवस्था होती तो हो सकता है इस आग पर पहले ही काबू पाया जा सकता था, हालांकि फायर फाइटर की कड़ी मशक्कत और आर्मी की मदद से 15 घंटे बाद आग पर मंगलवार सुबह काबू पा लिया गया.

भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग पर काबू पाया

निगम के फायर फाइटर हुए फेल: सोमवार को दोपहर 3:00 बजे के लगभग जब सतपुड़ा भवन में आग लगी तो आनन-फानन में सारे कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया. इस समय ये आग कम स्थिति में थी, चौथे फ्लोर पर इस आग के फैलने की शुरुआत हुई और नगर निगम की दमकल की टीम मौके पर पहुंचना भी शुरू हो गई. लेकिन उनके पाइप्स की इतनी हाईट ही नहीं थी कि इतनी ऊंचाई तक पानी फेंककर आग को बुझाया जा सके. ऐसे में नगर निगम भोपाल ने सेना से मदद की गुहार लगाई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की केंद्र गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात हुई तो सेना के फायर फाइटर भी यहां मौके पर पहुंच गए, लेकिन उसके बाद भी आग पर काबू पाया नहीं जा सका था. नगर निगम के टैंकर तो मात्र पानी फिल करने का काम ही करते हुए नजर आए, जिन फायर फाइटर के भरोसे नगर निगम आग बुझाने के लाख दावे करता है वह यहां फेल होते हुए नजर आए. राहत की बात है कि फायर फाइटर और आर्मी के सहयोग से मंगलवार सुबह तक आग पर काबू पा लिया गया है.

केमिकल का किया इस्तेमाल: नगर निगम के पास सबसे बड़ा एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म भी है, लेकिन उसकी ऊंचाई भी मात्र 50 फीट से ज्यादा नहीं है. ऐसे में इसके ऊपर अगर इमारत पर आग लगती है तो नगर निगम उसको बुझाने में नाकाम ही साबित होता है. सतपुड़ा भवन में लगी आग को बुझाने के लिए एयरपोर्ट से दमकल को बुलाया गया था, जिनमें केमिकल डालकर फॉम विकसित किया गया और इस फॉम के प्रेशर से ही आग पर काबू पाया गया है. इसके साथ ही इंदौर से भी फायर फाइटर भोपाल बुलाए गए, बाद में सेना के फायर फाइटर्स ने भी मिलकर इस धधकती आग पर काबू पाया.

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हाइड्रोलिक मशीन फायर फाइटर: भोपाल नगर निगम के पास फिलहाल 55 से 60 ही दमकल मौजूद हैं, यह भी अलग-अलग हाइडेंट में होती है. इसके साथ ही 2 बड़े फायर फाइटर हैं, जिसमें एक हाइड्रोलिक मशीन है. इसके माध्यम से 50 फीट ऊंची इमारत तक पहुंचा जा सकता है, इससे अधिक ऊंचाई पर पहुंचने के लिए नगर निगम के पास कोई सुविधा नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्री का बयान: इस घटना को लेकर सोमवार की रात 11.30 बजे स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी भी सतपुड़ा भवन पहुंचे थे. बता दें कि इस इमारत में स्वास्थ्य विभाग का भी दफ्तर है जो मंत्री के अधीन आता है. प्रभुराम चौधरी का कहना था कि "आगजनी की घटना के लिए मुख्यमंत्री ने कमेटी बनाई है, वह कमेटी ही जांच कर निष्कर्ष निकालेंगे. फिलहाल जो भी दोषी होगा कमेटी ही यह सब तय करेगी." वहीं कांग्रेस के आरोपों पर प्रभु राम चौधरी का कहना है कि "यह दुर्घटना है और दुर्घटना पर राजनीति नहीं की जाती."

Last Updated : Jun 13, 2023, 7:23 AM IST
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