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भोपाल की जामा मस्जिद पर विवाद: 'संस्कृति बचाओ मंच' का दावा- शिव मंदिर पर बनी है मस्जिद, सर्वे कराया जाए

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित जामा मस्जिद को लेकर हंगामा शुरू हो गया है. संस्कृति बचाओ मंच का दावा है कि जामा मस्जिद का निर्माण मंदिर को गिराकर किया गया था. मंच का कहना है कि मस्जिद का पुरातत्व सर्वेक्षण कराया जाए. इसके पुरात्व सर्वेक्षण से सबूत मिल सकते हैं. चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि इस संबंध वे शीघ्र ही अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. (Bhopal Jama Masjid Controversy) (Bhopal jama masjid is built on Shiv temple)

Bhopal Jama Masjid Controversy
भोपाल संस्कृति बचाओ मंच
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Published : May 19, 2022, 10:10 PM IST

भोपाल। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब भोपाल की जामा मस्जिद पर विवाद शुरू हो गया है. जामा मस्जिद के भी हिंदू मंदिर पर बने होने का दावा किया जा रहा है. संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने सवाल खड़े करते हुए पुरातत्व विभाग से जामा मस्जिद का सर्वे कराने की अपील की है. संस्कृति बचाओ मंच का दावा है कि जामा मस्जिद के नीचे शिव मंदिर है. अगर यहां भी मंदिर है, तो उसे हिंदू समाज के सुपुर्द कर देना चाहिए.

भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई: संस्कृति बचाओ मंच (Sanskriti bachao manch) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मित्रा से भी मांग की है कि मस्जिद का हर एंगल से सर्वे कराया जाए. इससे सही स्थिति का पता लग सकेगा. आरोप है कि मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़कर जामा मस्जिद को बनाया था. संस्कृति बचाओ मंच ने यह भी कहा कि वो मस्जिद का सर्वे कराने के लिए कोर्ट में याचिका दायर करेगा.

भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

भोपाल के चौक में स्थित है मस्जिद: जामा मस्जिद भोपाल के चौक क्षेत्र में स्थित है. यह मस्जिद लाल रंग के पत्थरों से निर्मित है. इसके अलावा संगमरमर के गुंबदों से सजी है. इसका निर्माण भोपाल राज्य की 8वीं शासिका नवाब कुदसिया बेगम (Nawab Qudsia Begum) ने 1832 ई. में शुरू करवाया था. यह जामा मस्जिद 1857 ई. में बनकर पूर्ण हुई. मस्जिद के निर्माण पर लगभग पांच लाख रुपये का खर्च आया था.

भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

सुल्तान जहां बेगम ने 'हयाते कुदसी' में इस बात का जिक्र किया है कि जामा मस्जिद का निर्माण उस स्थान पर हुआ, जहां हिन्दुओं का एक पुराना मंदिर था, जो सभा मण्डल के नाम से जाना जाता था. हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री से मस्जिद का पुरातत्व सर्वेक्षण कराएं.

चंद्रशेखर तिवारी, संरक्षक संस्कृति बचाओ मंच

Bhopal Jama Masjid Controversy
भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

ऐसी है मस्जिद की वास्तुकला: भोपाल की जामा मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद के समान ही चार बाग पद्धति पर आधारित है. नौ मीटर वर्गाकार ऊंची जगह पर निर्मित इस मस्जिद के चारों कोनों पर 'हुजरे' बने हुए हैं. इसमें तीन दिशाओं से प्रवेश द्वार है. अन्दर एक विशाल आंगन है. पूर्वी एवं उत्तरी द्वार के मध्य हौज है. यहां का प्रार्थना स्थल अर्द्ध स्तम्भों एवं स्वतंत्र स्तम्भों पर आधारित है. स्तम्भों की संरचना इस प्रकार है कि भवन स्वत: दो समानांतर भागों में विभाजित हो जाता है. प्रार्थना स्थल के दोनों ओर पांच मंजिली विशाल गगनचुम्बी मीनारें हैं. मस्जिद की पहली मंजिल पर छज्जे हैं. जिसको आधार प्रदान करने के लिए कोष्ठकों का प्रयोग किया गया है. मीनार के हर पहलू में चार कोष्ठक यानि एक मंजिल में 32 कोष्ठक हैं.

(Bhopal Jama Masjid Controversy) (Sanskriti bachao manch claims) (Bhopal jama masjid built on Shiv temple) (Demand archaeological survey jama masjid)

भोपाल। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब भोपाल की जामा मस्जिद पर विवाद शुरू हो गया है. जामा मस्जिद के भी हिंदू मंदिर पर बने होने का दावा किया जा रहा है. संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी ने सवाल खड़े करते हुए पुरातत्व विभाग से जामा मस्जिद का सर्वे कराने की अपील की है. संस्कृति बचाओ मंच का दावा है कि जामा मस्जिद के नीचे शिव मंदिर है. अगर यहां भी मंदिर है, तो उसे हिंदू समाज के सुपुर्द कर देना चाहिए.

भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई: संस्कृति बचाओ मंच (Sanskriti bachao manch) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मित्रा से भी मांग की है कि मस्जिद का हर एंगल से सर्वे कराया जाए. इससे सही स्थिति का पता लग सकेगा. आरोप है कि मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़कर जामा मस्जिद को बनाया था. संस्कृति बचाओ मंच ने यह भी कहा कि वो मस्जिद का सर्वे कराने के लिए कोर्ट में याचिका दायर करेगा.

भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

भोपाल के चौक में स्थित है मस्जिद: जामा मस्जिद भोपाल के चौक क्षेत्र में स्थित है. यह मस्जिद लाल रंग के पत्थरों से निर्मित है. इसके अलावा संगमरमर के गुंबदों से सजी है. इसका निर्माण भोपाल राज्य की 8वीं शासिका नवाब कुदसिया बेगम (Nawab Qudsia Begum) ने 1832 ई. में शुरू करवाया था. यह जामा मस्जिद 1857 ई. में बनकर पूर्ण हुई. मस्जिद के निर्माण पर लगभग पांच लाख रुपये का खर्च आया था.

भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

सुल्तान जहां बेगम ने 'हयाते कुदसी' में इस बात का जिक्र किया है कि जामा मस्जिद का निर्माण उस स्थान पर हुआ, जहां हिन्दुओं का एक पुराना मंदिर था, जो सभा मण्डल के नाम से जाना जाता था. हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री से मस्जिद का पुरातत्व सर्वेक्षण कराएं.

चंद्रशेखर तिवारी, संरक्षक संस्कृति बचाओ मंच

Bhopal Jama Masjid Controversy
भोपाल संस्कृति बचाओ मंच

ऐसी है मस्जिद की वास्तुकला: भोपाल की जामा मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद के समान ही चार बाग पद्धति पर आधारित है. नौ मीटर वर्गाकार ऊंची जगह पर निर्मित इस मस्जिद के चारों कोनों पर 'हुजरे' बने हुए हैं. इसमें तीन दिशाओं से प्रवेश द्वार है. अन्दर एक विशाल आंगन है. पूर्वी एवं उत्तरी द्वार के मध्य हौज है. यहां का प्रार्थना स्थल अर्द्ध स्तम्भों एवं स्वतंत्र स्तम्भों पर आधारित है. स्तम्भों की संरचना इस प्रकार है कि भवन स्वत: दो समानांतर भागों में विभाजित हो जाता है. प्रार्थना स्थल के दोनों ओर पांच मंजिली विशाल गगनचुम्बी मीनारें हैं. मस्जिद की पहली मंजिल पर छज्जे हैं. जिसको आधार प्रदान करने के लिए कोष्ठकों का प्रयोग किया गया है. मीनार के हर पहलू में चार कोष्ठक यानि एक मंजिल में 32 कोष्ठक हैं.

(Bhopal Jama Masjid Controversy) (Sanskriti bachao manch claims) (Bhopal jama masjid built on Shiv temple) (Demand archaeological survey jama masjid)

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