नई दिल्ली : महाभारत के भीम और पूर्व एथलीट प्रवीण कुमार सोबती इन दिनों तंगहाली के दौर से गुजर रहे हैं. माली हालत ठीक न होने की वजह से समाज से उनका जुड़ाव भी कम हो गया है. महाभारत में गदाधारी भीम का किरदार सभी को याद होगा, लेकिन वो जीवंत किरदार आज मुफ्लिसी के दौर में है. साढ़े 6 फुट के ज़िंदादिल आदमी आज हालात के मारे हैं. आय का कोई ज़रिया न होने की वजह से ज़िंदगी गुज़ारना दुश्वार हो गया है. ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान प्रवीण कुमार ने अपनी अहवाले ज़िंदगी बयां की.
उन्होंने कहा कि बीमारी से परेशान हाल अब तंगी से परेशान हो गया हूं. सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है. वह डिस्कस थ्रो में मेडल जीत चुके हैं. उन्हें सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड से नवाज़ा था. लेकिन आज तक पेंशन नहीं जारी की गई. लिहाज़ा उन्होंने सरकार के खिलाफ पेंशन के लिए हाईकोर्ट जाने का मन बनाया है. उन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि सरकार को अवार्ड लौटा दूंगा. सरकार ने मुझे सिर्फ इस्तेमाल किया. बुरे दौर में कोई भी साथ नहीं दे रहा है.
30 साल पहले बीआर चोपड़ा के टीवी शो महाभारत में 'भीम' के किरदार को जीवंत करके मशहूर हुए अभिनेता प्रवीण कुमार आज गुमनामी के अंधेरों में घिरे हुए हैं. महाभारत में कौरवों को दहाड़कर ललकारने वाले भीम. आज चलने में भी लड़खड़ा जाते हैं. बीमारी और आर्थिक तंगी झेल रहे प्रवीण बेसहारा महसूस कर रहे हैं.
देश के लिए कई मेडल भी जीतकर भारत का मान बढ़ाने वाले प्रवीण कुमार सरकार की उदासीनता से इतने नाराज हैं कि अर्जुन अवार्ड लौटाने का एलान कर दिया है. सरकार पर वादा फरामोशी का आरोप लगाते हुए उन्होंने पेंशन के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाने का एलान किया है. उनके घर में देश का मान बढ़ाने वाले मेडल और ट्रॉफियों की कतार लगी हुई है, लेकिन घर चलाने के लिए ये मेडल किसी काम नहीं आने वालीं. ज़िंदगी की आख़िरी दहलीज़ पर आर्थिक तंगी के दौर में यही बात उन्हें अब उठते-बैठते सालती है.
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आज वो 76 की उम्र में आर्थिक तंगी के शिकार हो गए हैं. उन्होंने बताया कि, 'मैं 76 साल का हो गया हूं. काफी समय से घर में ही हूं. तबीयत ठीक नहीं रहती है. खाने में भी कई तरह के परहेज हैं और स्पाइनल प्रॉब्लम है. घर में पत्नी वीना मेरी देखभाल करती हैं.'
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उनकी शिकायत है कि पंजाब की जितनी भी सरकारें आईं, सभी सरकारों के दौरान उन्हें बाकी एथलीट्स की तरह पेंशन नहीं मिली. उन्होंने बताया कि अभी बीएसएफ से पेंशन मिल रही है, लेकिन उनके खर्चों के हिसाब से यह काफी नहीं है. एक्टिंग में कदम रखने से पहले एक दौर में प्रवीण स्पोर्ट्स पर्सन हुआ करते थे. वो हैमर और डिस्कर थ्रो में एशिया में रिकॉर्ड बना चुके हैं. प्रवीण दो बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. उन्होंने एशियन गेम्स में कई पदक जीते हैं. इनमें जिनमें दो गोल्ड भी शामिल हैं. खेल के ही दम पर प्रवीण को सीमा सुरक्षा बल में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिल गई थी. फ़िलहाल BSF से मिलने वाली पेंशन घर चलाने के लिए नाकाफी है.