भीलवाड़ा. तीन दिवसीय योग शिविर में भाग लेने योग गुरु स्वामी रामदेव भीलवाड़ा पहुंचे हैं. इस दौरान प्रेस से मुखातिब हुए कहा कि मेरे को राजनीति में नहीं आना है, लेकिन योगी संन्यासी की तरह और मोदी संन्यासी जैसा जीवन जी कर अच्छे से शासन चला रहे हैं. वहीं पाठ्यक्रम को लेकर किसी में अकबर को महान बताया जाता है. जबकि महाराणा प्रताप व छत्रपति शिवाजी महान हैं.
संत समाज ने किया रामदेव का भव्य स्वागतः इसके अलावा दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को लेकर कहा कि यह बहुत शर्मनाक है. कुश्ती आयोग के अध्यक्ष पर दुराचार करने के आरोप लगाए गए हैं. वह शर्मनाक है, ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करके तुरंत जेल की सलाखों के पीछे भेजना चाहिए. कुश्ती आयोग का अध्यक्ष रोज मां, बहन, बेटियों के बारे में मुंह उठाकर बकवास कर रहा है जो बहुत ही निंदनीय कुर्कत्य है और पाप है. योग गुरु बाबा रामदेव शनिवार से तीन दिवसीय योग चिकित्सा व ध्यान शिविर मैं शिरकत करेंगे. बाबा रामदेव शुक्रवार को भीलवाड़ा पहुंचने पर संत समाज व सामाजिक संगठनों में भव्य स्वागत किया. स्वागत के बाद एक निजी रिसोर्ट में प्रेस से मुखातिब हुए योग गुरु ने कहा कि मेरे को राजनीति में नहीं आना है.
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30-35 वर्षों से योग सिखा रहा हूंः स्वामी रामदेव ने कहा कि योग को जो गौरव इस समय पूरी दुनिया में मिला है वह युग की मांग भी है. इस समय देश की सत्ता के शिखर पर जो महापुरुष हैं. वह भी योग को व्यक्तिगत, राजनीतिक व शारीरिक रूप से आगे बढ़ा रहे हैं. वैसे तो देश के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू व इंदिरा गांधी भी योग करते थे. वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग को आगे बढ़ा रहे हैं. पिछले 50 वर्ष में मैंने योग को जीया है और 30-35 वर्ष से योग सिखा रहा हूं.
विश्व में 177 देशों ने योग को सीखाः भारत में घर-घर तक योग पहुंचा है. हिंदुस्तान का कोई ऐसा गांव गली मोहल्ला नहीं है जो योग के बारे में न जानते हों. कोरोना के समय भी यह संख्या बढ़ी थी. जब चारों तरफ मौत का मंजर था. योग व आयुर्वेद ने लोगों की जान बचाई थी. तब से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जा रहा है. 177 देशों ने योग को सीखा है. रामदेव ने कहा कि पूरी दुनिया का मेडिकल कहता है कि बीपी कंट्रोल नहीं होता है, लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूं कि 5 से 6 दिन योग कीजिए शुगर वह बीपी की दवाइयां बंद हो जाती हैं.
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किसी मजहबी एजेंडे को आगे नहीं बढ़ाताः हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर कहा कि योग करते समय हम सैकड़ों बार बोलते हैं. हम सभी एक ईश्वर की संतान हैं. शब्द भेद व परिभाषा भेद से ईश्वर का भेद नहीं होता है. आस्तिक और नास्तिक भी ईश्वर को मानते हैं. हमारी एक ही माता भारत माता है. मैंने देश में कभी हिंदू-मुस्लिम के नाम पर नफरत की दीवार खड़ी नहीं की. बाबा रामदेव ने गीत गाते हुए कहा कि "जाती पंथ के बंटवारे छूट कहां तेरे द्वारे तेरे लिए सब एक समान सबको सन्मति दे भगवान". मैं किसी मजहबी एजेंडे को आगे नहीं बढ़ाता हूं व न हीं चलाता हूं. देश में सनातन के गौरव के साथ सभी को साथ लेकर आगे बढे़.
योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी भी संन्यासी ही हैंः क्या संन्यासी को राजनीति में आना चाहिए? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है. वह संन्यासी है अच्छे से शासन चला रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संन्यासी जैसे ही हैं. वह भी फकीरी भाव से अध्यात्म धर्म में रहकर अपने राष्ट्र धर्म को निभा रहे हैं. वहीं पाठ्यक्रम को लेकर स्वामी रामदेव ने कहा कि कई जगह पाठ्यक्रम में अकबर को महान बताया जाता है. जबकि महान तो महाराणा प्रताप वह छत्रपति शिवाजी हैं. जिनकी शौर्य वीरता प्रमाण पूरे देश में हैं. सेकुलेज्म के नाम पर पूरे देश में बौद्धिक आतंकवाद फैलाया जाता है वो ठीक नहीं है. देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अच्छा ही काम कर रहे हैं. वही काला धन वापस लाने को लेकर कहा कि मैं पहले भी काला धन लाने को लेकर कहता था मैं देश का वजीरे आजम तो नहीं हूं लेकिन जो पहले काले धन को लेकर मुद्दा उठाया था. वह मुद्दे में पहले भी दम था और आज भी दम है. हमने काला धन का मुद्दा सरकार की झोली में डाल रखा है.