नई दिल्ली : भाजपा की पश्चिम बंगाल राज्य इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि उन्हें हरीश चटर्जी स्ट्रीट पर प्रचार करने से रोका गया, जो ममता बनर्जी के आवास की ओर जाती है. ममता भी इस उपचुनाव में उम्मीदवार हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने भाजपा को प्रचार करने से रोक दिया क्योंकि तृणमूल कांग्रेस को 30 सितंबर को होने वाले चुनाव में हार का डर है. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) आकाश मघारिया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, उनके पास टीकाकरण प्रमाणपत्र नहीं था और वे उच्च सुरक्षा क्षेत्र में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए उन्हें दूसरी सड़क पर जाने को कहा गया.
भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो और मघरिया के बीच मौके पर कहासुनी भी हुई. महतो ने दावा किया कि वे घर-घर प्रचार करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा लोगों की निर्दिष्ट सीमित संख्या का पालन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने कहा कि दल में अधिक लोग थे. अन्य सड़क पर प्रचार कर रहे मजूमदार ने पत्रकारों से कहा कि तृणमूल डर गई है और भाजपा को प्रचार नहीं करने दे रही, लेकिन लोग अवरोधक तोड़ेंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस विपक्षी राजनीतिक दलों के खिलाफ पक्षपात भरा रवैया अपना रही है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस का पेशेवर रवैया खत्म हो गया है.
मजूमदार ने कहा कि पार्टी में चर्चा के बाद मामले पर आगे कदम उठाया जाएगा. ममता के खिलाफ भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने भी मंगलवार को दावा किया था कि पुलिसकर्मियों उन्हें प्रचार करने से रोक दिया.
यह भी पढ़ें-टूलकिट मामला: रमन सिंह, संबित पात्रा को राहत- छत्तीसगढ़ सरकार की याचिकाएं खारिज
साथ ही उन्होंने सवाल किया था कि उस गली में मतदाता हैं और अनुमति होने के बावजूद मैं या हमारी पार्टी वहां प्रचार करने क्यों नहीं जा सकती? उन्होंने दावा किया था कि सत्तारूढ़ तृणमूल को इसी इलाके में आराम से प्रचार करने दिया जा रहा है.
(पीटीआई-भाषा)