लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश ने अचानक अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को यूनिफार्म सिविल कोड पर बात करने से रोक लगा दी है. भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पार्टी में उच्च स्तर से कहा गया है कि इस विषय पर अब मीडिया में बात नहीं रखी जाएगी. इसके पीछे दो पहलू हो सकते हैं. पहली बात तो यह है कि कुछ प्रवक्ता और पदाधिकारी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पक्ष को ठीक से नहीं रख पा रहे हैं क्योंकि अभी तक औपचारिक ड्राफ्ट के सामने नहीं आया है. दूसरी ओर माना यह भी जा रहा कि सम्भवतः यूसीसी को भाजपा मानसून सत्र में पटल पर नहीं लाएगी. इसकी वजह से इस मुद्दे पर बातचीत कम की जा रही है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पहले अपने सभी प्रवक्ताओं और नेताओं को करीब 25 बिंदुओं का एजेंडा भेजा था. जिसमें उनको यह बताया गया था कि यूसीसी में क्या-क्या बोलना है. मीडिया में किस तरह से पार्टी का पक्ष रखा जाना है. जिस पर लंबी बहस भी चुके रही थी. भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रवक्ता यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अच्छी खासी पढ़ाई भी कर रहे थे. ताकि वे अपनी बात रखते समय कोई गलती न करें, मगर अब हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि अब इस मुद्दे पर बोलने से सभी प्रमुख नेताओं और प्रवक्ताओं को मना कर दिया गया है. कोई भी अब पार्टी की ओर से यूसीसी पर अपनी बात नहीं रखेगा. यह मुद्दा जितनी तेजी से गर्म था अब उसको उतनी तेजी से ठंडा क्यों किया जा रहा है. इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. माना जा रहा था कि 2024 में राम मंदिर के साथ में यूनिफॉर्म सिविल कोड भी बड़ा मुद्दा हो जाएगा, मगर अब ऐसा नजर नहीं आ रहा.