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जायरा वसीम ने फिल्मों की दुनिया को कहा अलविदा

अभिनेत्री जायरा वसीम ने फिल्म जगत को छोड़ने का मन बनाया है. उनका कहना है कि ये काम उनके धर्म के आड़े आ रहा है. सोशल मीडिया पर कई पोस्ट कर ये जानकारी उन्होंने साझा की है.

जायरा वसीम.
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Published : Jun 30, 2019, 2:10 PM IST

श्रीनगर: राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री जायरा वसीम ने अभिनय क्षेत्र को छोड़ने की रविवार को यह कहते हुए घोषणा की वह इस काम से खुश नहीं है क्योंकि यह उनके धर्म के रास्ते में आ रहा है. इसी के चलते वे फिल्म जगत अलविदा कह रही हैं.

अपने फेसबुक पेज पर विस्तार से लिखे गए एक पोस्ट में 'दंगल' फिल्म से लोकप्रियता पाने वाली जायरा वसीम ने कहा कि उन्हें महसूस हुआ कि, 'भले ही मैं यहा सही तरीके से फिट हो जाऊं लेकिन मैं इस जगह के लिए नहीं बनी हूं.'

zaira waseem
जायरा वसीम.

उन्होंने एक लंबे से पोस्ट में कहा, 'पांच साल पहले मैंने एक फैसला लिया जिसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी. मैंने जैसे ही अपने कदम बॉलीवुड में रखे, इसने मेरे लिए लोकप्रियता के दरवाजे खोल दिए. मैं लोगों के ध्यान का मुख्य चेहरा बन गई. मुझे सफलता के विचार के तौर पर पेश किया जाने लगा और अक्सर युवाओं के रोल मॉडल के तौर पर मेरी पहचान होने लगी.'

जायरा ने कहा, 'हालांकि मैंने कभी भी ऐसा करना या बनना नहीं चाहा था खासकर सफलता एवं विफलता के मेरे विचारों के संबंध में, जिन्हें मैंने समझना एवं खोजना अभी शुरू ही किया है.'

उन्होंने कहा कि अब जब उन्होंने इस पेशे में पांच साल पूरे कर लिए हैं इस बात को स्वीकार करती हैं कि काम की वजह से मिले पहचान से वह खुश नहीं हैं .

उन्होंने कहा, 'बहुत वक्त बाद अब ऐसा लग रहा है कि मैं कोई और बनने के लिए संघर्ष कर रही थी. मैंने चीजों को समझना शुरू ही किया है जिसके लिए मैंने अपना समय, कोशिश एवं भावनाएं दी हैं और नयी जीवनशैली पर पकड़ बनाने का प्रयास करते हुए मुझे अब महसूस हुआ कि भले ही मैं यहां सही तरीके से फिट हो जाऊं लेकिन मैं इस जगह के लिए नहीं बनी हूं.'

उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र निश्चित तौर पर मेरे लिए ढेर सारा प्यार, सहयोग और सरहाना लेकर आया लेकिन साथ ही इसने मुझे अज्ञानता के रास्ते पर धकेल दिया क्योंकि मैं चुपचाप और अनजाने में ‘ईमान’ के रास्ते से भटक गई थी. चूंकि मैं लगातार मेरे ‘ईमान’ के बीच आने वाले माहौल में काम कर रही थी, मेरे धर्म के साथ मेरा रिश्ता खतरे में पड़ गया था.'

श्रीनगर: राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री जायरा वसीम ने अभिनय क्षेत्र को छोड़ने की रविवार को यह कहते हुए घोषणा की वह इस काम से खुश नहीं है क्योंकि यह उनके धर्म के रास्ते में आ रहा है. इसी के चलते वे फिल्म जगत अलविदा कह रही हैं.

अपने फेसबुक पेज पर विस्तार से लिखे गए एक पोस्ट में 'दंगल' फिल्म से लोकप्रियता पाने वाली जायरा वसीम ने कहा कि उन्हें महसूस हुआ कि, 'भले ही मैं यहा सही तरीके से फिट हो जाऊं लेकिन मैं इस जगह के लिए नहीं बनी हूं.'

zaira waseem
जायरा वसीम.

उन्होंने एक लंबे से पोस्ट में कहा, 'पांच साल पहले मैंने एक फैसला लिया जिसने मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी. मैंने जैसे ही अपने कदम बॉलीवुड में रखे, इसने मेरे लिए लोकप्रियता के दरवाजे खोल दिए. मैं लोगों के ध्यान का मुख्य चेहरा बन गई. मुझे सफलता के विचार के तौर पर पेश किया जाने लगा और अक्सर युवाओं के रोल मॉडल के तौर पर मेरी पहचान होने लगी.'

जायरा ने कहा, 'हालांकि मैंने कभी भी ऐसा करना या बनना नहीं चाहा था खासकर सफलता एवं विफलता के मेरे विचारों के संबंध में, जिन्हें मैंने समझना एवं खोजना अभी शुरू ही किया है.'

उन्होंने कहा कि अब जब उन्होंने इस पेशे में पांच साल पूरे कर लिए हैं इस बात को स्वीकार करती हैं कि काम की वजह से मिले पहचान से वह खुश नहीं हैं .

उन्होंने कहा, 'बहुत वक्त बाद अब ऐसा लग रहा है कि मैं कोई और बनने के लिए संघर्ष कर रही थी. मैंने चीजों को समझना शुरू ही किया है जिसके लिए मैंने अपना समय, कोशिश एवं भावनाएं दी हैं और नयी जीवनशैली पर पकड़ बनाने का प्रयास करते हुए मुझे अब महसूस हुआ कि भले ही मैं यहां सही तरीके से फिट हो जाऊं लेकिन मैं इस जगह के लिए नहीं बनी हूं.'

उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र निश्चित तौर पर मेरे लिए ढेर सारा प्यार, सहयोग और सरहाना लेकर आया लेकिन साथ ही इसने मुझे अज्ञानता के रास्ते पर धकेल दिया क्योंकि मैं चुपचाप और अनजाने में ‘ईमान’ के रास्ते से भटक गई थी. चूंकि मैं लगातार मेरे ‘ईमान’ के बीच आने वाले माहौल में काम कर रही थी, मेरे धर्म के साथ मेरा रिश्ता खतरे में पड़ गया था.'

Intro:कसम परेड

पंजाब रेजीमेंट सेंटर रामगढ़ में नव प्रशिक्षित 298 जवानों ने दुश्मनों पर काबू पाने की कई हैरतअंगेज कारनामे दिखाए साथ ही इन जवानों ने मिलिट्री धुन पर शानदार परेड किया।


Body:
पंजाब रेजिमेंट सेंटर में 9 माह की कठिन परिश्रम के बाद इन जवानों ने धार्मिक ग्रंथ श्रीमद भगवत गीता और गुरु ग्रंथ साहिब को साक्षी मानकर राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्य न्योछावर करने की शपथ ग्रहण की आज से ये जवान भारतीय सेना में शामिल हो गए।


रामगढ़ जिले के पंजाब रेजीमेंटल सेंटर में शानदार कसम परेड का आयोजन किया गया। इस कसम परेड में 298 नव प्रशिक्षित जवानों ने देश पर सर्वस्व न्योछावर करने की कसमें खाईं। पीआरसी के किला हरी ड्रिल स्क्वायर में आयोजित कार्यक्रम में 9 महीने तक कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किए 298 जवानों ने आकर्षक परेड का आयोजन किया। सभी जवानों ने मिलिट्री बैंड द्वारा बजाए गए धुन "कदम कदम बढ़ाए जा" के साथ अंतिम पद की ओर प्रस्थान किया। मौके पर ब्रिगेडियर संजीव सोनी ने परेड का निरीक्षण किया और परेड की सलामी ली। मौके पर ब्रिगेडियर ने जवानों को प्रशिक्षण पूरा होने पर बधाई दी और भविष्य में आने वाली चुनौतियों से उन्हें अवगत कराया।

ब्रिगेडियर संजीव सोनी ने कहा कि अच्छी चीज तो यह है कि जिस तरीके से तरक्की हो रही है देश का तरक्की हो रहा है हमारा भी तरक्की हो रहा है हर बार कुछ ना कुछ नया करने की कोशिश होती है ताकि यह बच्चे-

Byte - संजीव सोनी (ब्रिगेडियर पंजाब रेजिमेंट सेंटर रामगढ़)



Conclusion:सैन्य प्रशिक्षण के दौरान अव्वल दर्जे का प्रदर्शन करने वाले नव जवानों को मेडल तथा पुरस्कार भी प्रदान किया। कसम परेड में पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के सभी अधिकारी, जेसीओस के साथ आर्मी पब्लिक स्कूल और केंद्रीय विद्यालय के छात्र भी मौजूद थे।
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