ETV Bharat / bharat

RCEP वार्ता को सार्वजनिक करे सरकार : योगेंद्र यादव

स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने RCEP समझौते पर कहा है कि आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर करने से पहले सरकार को आरसीईपी के मुद्दे पर हुई वार्ता को सार्वजनिक चाहिए.

स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव
author img

By

Published : Nov 4, 2019, 8:44 PM IST

नई दिल्ली : आरसीईपी (रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप) ट्रेड डील को लेकर देश की राजनीति गरम हो गई है, स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सरकार को इस डील पर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर करने से पहले, बैठक के दौरान आरसीईपी के मुद्दे पर हुई वार्ता को सार्वजनिक करने की बात कही है.

योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा, 'हमारी पहली और प्राथमिक मांग की आरसीईपी पर हुई वार्ता को सार्वजनिक करना है. इस संधि 25 अध्यायों में एक भी पेज को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. हम मांग करते हैं कि सरकार को किसानों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करना चाहिए साथ ही उन्हें संसद में भी इस बारे में चर्चा करनी चाहिए.'

योगेंद्र यादव ने RCEP समझौते पर की ईटीवी भारत से बातचीत.

योगेंद्र ने मोदी सरकार पर इस सौदे को गुप्त रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने यहां तक ​​आरोप लगाया कि इस आरसीईपी सौदे से देश के बड़े कॉरपोरेट्स को ही फायदा होगा. उन्होंने मांग की कि कृषि को इससे बाहर रखा जाना चाहिए.

उन्होंने अन्य किसानों के संघ प्रमुखों के साथ RCEP व्यापार सौदे के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया. ये किसान संघ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के अंतर्गत एकत्र हुए.

यादव ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है. उनके अनुसार, यह आरसीईपी सौदा डेयरी उद्योग और उससे संबंधित लगभग 100 मिलियन लोगों की आजीविका को बरबाद कर देगा.

पढ़ें- RCEP से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है सरकार: सोनिया

उन्होंने कहा कि आसियान देशों के साथ पिछले मुक्त व्यापार समझौतों से देश को कोई लाभ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि कृषि वस्तुओं का व्यापार नहीं किया जाता है क्योंकि यह देश की खाद्य संप्रभुता के बारे में है.

इस बीच, भारत सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगी जब तक कि भारत के हित को ध्यान में नहीं रखा जाता. सरकारी सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर फरवरी तक टाल दिए जाएंगे

आरसीईपी समझौता पिछले छह साल से चल रहा है, यह आसियान-ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के 10 सदस्यों के राज्यों के बीच एक प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता है. चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इसके छह एफटीए साझेदार हैं.

नई दिल्ली : आरसीईपी (रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप) ट्रेड डील को लेकर देश की राजनीति गरम हो गई है, स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने सरकार को इस डील पर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर करने से पहले, बैठक के दौरान आरसीईपी के मुद्दे पर हुई वार्ता को सार्वजनिक करने की बात कही है.

योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा, 'हमारी पहली और प्राथमिक मांग की आरसीईपी पर हुई वार्ता को सार्वजनिक करना है. इस संधि 25 अध्यायों में एक भी पेज को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. हम मांग करते हैं कि सरकार को किसानों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करना चाहिए साथ ही उन्हें संसद में भी इस बारे में चर्चा करनी चाहिए.'

योगेंद्र यादव ने RCEP समझौते पर की ईटीवी भारत से बातचीत.

योगेंद्र ने मोदी सरकार पर इस सौदे को गुप्त रखने का आरोप लगाया है. उन्होंने यहां तक ​​आरोप लगाया कि इस आरसीईपी सौदे से देश के बड़े कॉरपोरेट्स को ही फायदा होगा. उन्होंने मांग की कि कृषि को इससे बाहर रखा जाना चाहिए.

उन्होंने अन्य किसानों के संघ प्रमुखों के साथ RCEP व्यापार सौदे के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया. ये किसान संघ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के अंतर्गत एकत्र हुए.

यादव ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है. उनके अनुसार, यह आरसीईपी सौदा डेयरी उद्योग और उससे संबंधित लगभग 100 मिलियन लोगों की आजीविका को बरबाद कर देगा.

पढ़ें- RCEP से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी में है सरकार: सोनिया

उन्होंने कहा कि आसियान देशों के साथ पिछले मुक्त व्यापार समझौतों से देश को कोई लाभ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि कृषि वस्तुओं का व्यापार नहीं किया जाता है क्योंकि यह देश की खाद्य संप्रभुता के बारे में है.

इस बीच, भारत सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगी जब तक कि भारत के हित को ध्यान में नहीं रखा जाता. सरकारी सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर फरवरी तक टाल दिए जाएंगे

आरसीईपी समझौता पिछले छह साल से चल रहा है, यह आसियान-ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के 10 सदस्यों के राज्यों के बीच एक प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता है. चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इसके छह एफटीए साझेदार हैं.

Intro:New Delhi: As the clamour over the RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership) trade deal continues to escalate, Swaraj India chief Yogendra Yadav has asked government to make RCEP negotiations public before officially signing it.


Body:Talking exclusively to ETV Bharat, Swaraj India chief Yogendra Yadav said, 'the first and elementary demand is to make it public. So far 25 chapters of this pact not one page has been made public. We demand that government should hold consultations with farmers and other stakeholders. They should discuss it in parliament as well.'

Swaraj India chief slammed Modi government of keeping this deal secretive. He even alleged that this deal will only benefit the big corporates of the country. He demanded that agriculture should be kept out of it.

Yogendra Yadav along with other farmers' union body chiefs staged protest at Delhi's Jantar Mantar against the RCEP trade deal. These farmers' union bodies came under the banner of All India Kisan Sangarsh Coordination Committee.




Conclusion:Yadav also alleged that Modi government has made mockery of democracy. According to him, this mega trade deal will destroy the dairy industry and livelihood of nearly 100 million people related to it.

He asserted that previous Free Trade Agreements with ASEAN countries haven't benefited the country. He asserted that agricultural goods aren't commodities to be traded as it is about food soverignity of the country.

Meanwhile, government of India has already hinted that it won't sign the RCEP agreement until India's interest is taken into consideration. Government sources have told ETV Bharat that the signing of this agreement will be deferred till February.

The RCEP negotiations have been going on for six years. It is a proposed free trade agreement between 10 members states of the ASEAN-Brunei, Cambodia, Indonesia, Laos, Malaysia, Myanmar, Philippines, Singapore, Thailand and Vietnam- and it's six FTA partners China, South Korea, Japan, India, Australia and New Zealand.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.