ETV Bharat / bharat

कोरोना : योगी सरकार का बड़ा एलान, 20 लाख मजदूरों को मिलेगा एक हजार रुपये भत्ता - श्रमिकों को भरण-पोषण के लिए मिलेगी आर्थिक मदद

कोरोना वायरस की चपेट में आए देश के नागरिकों के लिए केंद्र और राज्य सरकार जरूरत के लिहाज से सुविधाएं उपल्ब्ध कराने की कोशिश कर रही हैं. यूपी की योगी सरकार ने कोरोना वायरस से बचाव के चलते कार्य प्रभावित होने की वजह से श्रमिकों के भरण-पोषण के लिए एक हजार रुपये देने की घोषणा की है. पढ़ें पूरी खबर...

मीडिया को जानकारी देते सीएम
मीडिया को जानकारी देते सीएम
author img

By

Published : Mar 21, 2020, 1:05 PM IST

Updated : Mar 21, 2020, 2:56 PM IST

लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के उन श्रमिकों को एक हजार रुपये देने की घोषणा की है, जो दिहाड़ी मजदूरी पर अपना जीवन-यापन करते हैं. कोरोना वायरस से बचाव के चलते कार्य प्रभावित होने की वजह से श्रमिकों के भरण-पोषण में समस्या न आए, इसके लिए योगी सरकार ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी. कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने यह निर्णय लिया है.

करीब 20 लाख लोगों को आर्थिक मदद दे रही योगी सरकार
राज्य में करीब छह लाख श्रमिक श्रम विभाग में पंजीकृत हैं, उन्हें एक-एक हजार रुपये दिए जाएंगे. प्रदेश में 15 लाख ऐसे श्रमिक हैं, जिनका पंजीकरण नहीं है, उन्हें भी सरकार ने एक हजार रुपये देने का एलान किया है. कुल मिलाकर प्रदेश में करीब 20 लाख लोगों को योगी सरकार एक-एक हजार रुपये देने जा रही है.

मीडिया से बात करते सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा- कोरोना से घबराएं नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है. इससे बचाव की जरूरत है. बहुत सारी गतिविधियों को हमने रोका है. सिनेमाघर बंद करने पड़े, शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा, अनावश्यक यातायात को भी रोका गया और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने के लिए लोगों से आह्वान किया गया. दिन प्रतिदिन कमाने वाले लोगों की आजीविका पर भी इसका असर पड़ेगा. इसलिए हमारी सरकार ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, जो दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों के भरण-पोषण के लिए एक धनराशि स्थानांतरित करने की बात की थी. सरकार ने कमेटी की संस्तुति पर मंजूरी दे दी है.

प्रदेश के श्रमिकों का कराया गया सर्वे
सीएम ने कहा कि श्रम विभाग में पंजीकृत करीब छह लाख श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम से स्थानांतरित किया जाएगा. इसके अलावा ठेला, खोमचा या रिक्शा चलाने वाले श्रमिकों, कारोबारियों की संख्या करीब 15 लाख है. इन 15 लाख लोगों के लिए भी हम लोगों ने पहले ही अपने प्रदेश के अंदर इन सब का सर्वे करवाया है. इन सभी लोगों को भी 1,000 रुपये की राशि दी जा रही है.

पढ़ें- 'जनता कर्फ्यू' को द्विपक्षीय समर्थन, पीएम मोदी ने की सराहना

गैर सरकारी संस्थानों प्रतिष्ठानों के बंद होने से कर्मचारियों के जीवन-यापन पर भी संकट आ सकता है. इसलिए निजी क्षेत्र के संस्थान मालिकों से कहा गया है कि वह बंदी के दौरान वेतन की कटौती नहीं करेंगे. उन्हें भुगतान करते रहेंगे. सीएम ने कहा कि मनरेगा श्रमिकों की एक करोड़ 65 लाख 31 हजार की संख्या है. इन परिवारों को एक महीने का खाद्यान्न उपलब्ध कराने के शासन की तरफ से निर्देश दिए जा रहे हैं.

मई और जून की पेंशन अप्रैल में ही दे दी जाएगी-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन योजना के तहत इनको पेंशन मिल रही है. ऐसे पेंशन धारकों को अप्रैल में ही मई और जून की पेंशन दे दी जाएगी. सभी व्यापारियों और नागरिकों से आह्वान है कि वह घबराएं नहीं. सतर्कता आवश्यक है. इसके लिए आह्वान करूंगा कि वे लोग कहीं भी भीड़ न लगाएं.

लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के उन श्रमिकों को एक हजार रुपये देने की घोषणा की है, जो दिहाड़ी मजदूरी पर अपना जीवन-यापन करते हैं. कोरोना वायरस से बचाव के चलते कार्य प्रभावित होने की वजह से श्रमिकों के भरण-पोषण में समस्या न आए, इसके लिए योगी सरकार ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी. कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने यह निर्णय लिया है.

करीब 20 लाख लोगों को आर्थिक मदद दे रही योगी सरकार
राज्य में करीब छह लाख श्रमिक श्रम विभाग में पंजीकृत हैं, उन्हें एक-एक हजार रुपये दिए जाएंगे. प्रदेश में 15 लाख ऐसे श्रमिक हैं, जिनका पंजीकरण नहीं है, उन्हें भी सरकार ने एक हजार रुपये देने का एलान किया है. कुल मिलाकर प्रदेश में करीब 20 लाख लोगों को योगी सरकार एक-एक हजार रुपये देने जा रही है.

मीडिया से बात करते सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा- कोरोना से घबराएं नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है. इससे बचाव की जरूरत है. बहुत सारी गतिविधियों को हमने रोका है. सिनेमाघर बंद करने पड़े, शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा, अनावश्यक यातायात को भी रोका गया और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने के लिए लोगों से आह्वान किया गया. दिन प्रतिदिन कमाने वाले लोगों की आजीविका पर भी इसका असर पड़ेगा. इसलिए हमारी सरकार ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, जो दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों के भरण-पोषण के लिए एक धनराशि स्थानांतरित करने की बात की थी. सरकार ने कमेटी की संस्तुति पर मंजूरी दे दी है.

प्रदेश के श्रमिकों का कराया गया सर्वे
सीएम ने कहा कि श्रम विभाग में पंजीकृत करीब छह लाख श्रमिकों को एक-एक हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम से स्थानांतरित किया जाएगा. इसके अलावा ठेला, खोमचा या रिक्शा चलाने वाले श्रमिकों, कारोबारियों की संख्या करीब 15 लाख है. इन 15 लाख लोगों के लिए भी हम लोगों ने पहले ही अपने प्रदेश के अंदर इन सब का सर्वे करवाया है. इन सभी लोगों को भी 1,000 रुपये की राशि दी जा रही है.

पढ़ें- 'जनता कर्फ्यू' को द्विपक्षीय समर्थन, पीएम मोदी ने की सराहना

गैर सरकारी संस्थानों प्रतिष्ठानों के बंद होने से कर्मचारियों के जीवन-यापन पर भी संकट आ सकता है. इसलिए निजी क्षेत्र के संस्थान मालिकों से कहा गया है कि वह बंदी के दौरान वेतन की कटौती नहीं करेंगे. उन्हें भुगतान करते रहेंगे. सीएम ने कहा कि मनरेगा श्रमिकों की एक करोड़ 65 लाख 31 हजार की संख्या है. इन परिवारों को एक महीने का खाद्यान्न उपलब्ध कराने के शासन की तरफ से निर्देश दिए जा रहे हैं.

मई और जून की पेंशन अप्रैल में ही दे दी जाएगी-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन योजना के तहत इनको पेंशन मिल रही है. ऐसे पेंशन धारकों को अप्रैल में ही मई और जून की पेंशन दे दी जाएगी. सभी व्यापारियों और नागरिकों से आह्वान है कि वह घबराएं नहीं. सतर्कता आवश्यक है. इसके लिए आह्वान करूंगा कि वे लोग कहीं भी भीड़ न लगाएं.

Last Updated : Mar 21, 2020, 2:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.