बेंगलुरु: सिर्फ 14 महीने में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने के बाद कर्नाटक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. येदियुरप्पा के साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली है.
शपथ के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि वे सोमवार, 29 जुलाई को विधानसौधा में बहुमत साबित करेंगे. उन्होंने कहा कि वे वित्त बिल भी पेश करेंगे. येदियुरप्पा ने कई अन्य योजनाओं का भी एलान किया है.
बता दें कि कर्नाटक में अचानक हुए एक राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने पक्ष में आंकड़े जुटाने की है. शपथ ग्रहण करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि हम 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखेंगे.
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में येदियुरप्पा के नेतृत्व में स्थिर सरकार बनने का विश्वास जताया. कांग्रेस -जद (एस) गठबंधन सरकार के तीन दिन पहले विश्वास मत हारने के बाद येदियुरप्पा ने शुक्रवार को अकेले शपथ ली.
राज्यपाल वजुभाई वाला ने शाम में राजभवन में हुए एक समारोह में 76 वर्षीय येदियुरप्पा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. दक्षिण भारत में 2008 में पहली बार भाजपा सरकार बनवाने का श्रेय येदियुरप्पा को जाता है.
लिंगायत नेता ने शुक्रवार की सुबह अचानक सरकार गठन का दावा करने की पहल की. एक दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस- जद (एस) के तीन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया था.
केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया, 'कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बधाई. मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा राज्य में स्थिर, किसान समर्थक और विकासोन्मुखी सरकार देगी. मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वास्त करता हूं कि भाजपा उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.'
सरकार गठन पर अचानक बदले घटनाक्रम में येदियुरप्पा ने शपथ ग्रहण करने से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह में उनसे फोन पर बात की और शुक्रवार को उन्हें शपथ लेने के लिए तैयार रहने को कहा.
हफ्तों चले राजनीतिक ड्रामा और कानूनी लड़ाई के बाद उन्होंने शपथ ग्रहण किया. राज्य में कांग्रेस और जद (एस) के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद मंगलवार को गठबंधन की सरकार गिर गई थी.
मई 2018 में राज्य में येदियुरप्पा की सरकार महज तीन दिन टिक पाई थी जब चुनावों में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया था. लेकिन कांग्रेस- जद (एस) के बीच गठबंधन होने के कारण वहां
कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बनी और येदियुरप्पा को तीन दिनों के अंदर ही मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.
दिल्ली में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने विपक्ष के दावे को खारिज कर दिया कि गठबंधन सरकार को गिराने में उनकी पार्टी ने दल- बदल करवाया. नड्डा ने कहा कि गठबंधन की सरकार अंदरूनी कलह की वजह से गिरी और पार्टी के लिए येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार थे.
- राज्यपाल ने येदियुरप्पा को दी शुभकामनाएं
- कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा ने चौथी बार ली शपथ
- समर्थकों के साथ येदियुरप्पा पहुंचे राजभवन
- राजभवन में जुटे मेहमान
- शपथ लेने से पहले बेंगलुरु के मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे येदियुरप्पा
इससे पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. येदियुरप्पा ने बताया कि वे आज शाम छह बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
येदियुरप्पा ने राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल ने शपथ का समय 12.30 बजे के स्थान पर शाम छह बजे किया है.
कर्नाटक भाजपा के नेता बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने आज शाम सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है.
कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के मंगलवार को शक्ति परीक्षण में असफल रहने के बाद से येदियुरप्पा सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए पार्टी आलाकमान से 'निर्देश' मिलने का इंतजार कर रहे थे.
पढ़ें-कर्नाटक के 3 बागी विधायक को स्पीकर रमेश कुमार ने अयोग्य घोषित किया
जगदीश शेट्टार, अरविंद लिंबावली, मधुस्वामी, बसवराज बोम्मई और येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र समेत कर्नाटक भाजपा के नेताओं ने नई दिल्ली में शाह से मुलाकात की थी और ऐसा बताया जा रहा है कि उन्होंने सरकार गठन के बारे में चर्चा की.
कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने गुरुवार को कांग्रेस के तीन बागी विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया.