नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यायल (जेएनयू) एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में है. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने मीडियाकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की थी. पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि प्रदर्शन के लिये जुटे छात्र किस तरह से पत्रकार के साथ बदसलूकी कर रहे हैं.
कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र इकाइयों से जुड़े छात्रों की इस शर्मनाक हरकत पर जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सीपीआई (एम) के महासचिव और वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी से सवाल पूछा गया तो इस घटना की निंदा करने की बजाय वो सरकार के खिलाफ अपना राजनीतिक व्यक्तव्य देने लगे.
'आवाज उठाने वाले को अर्बन नक्सल की संज्ञा'
येचुरी ने पहले मुख्य सवाल को टालते हुए कहा कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाये उसको टुकड़े टुकड़े गैंग, देशद्रोही और अर्बन नक्सल की संज्ञा दे दी जाती है. लेकिन जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने उनसे पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो सीताराम येचुरी ये कहते हुए कन्नी काट गये कि वो वहां पर मौजूद नहीं थे और इस मामले पर सवाल उनसे पूछा जाए जो वहां पर मौजूद थे.
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हैरानी की बात है कि जब इन्हीं वामपंथी छात्र संगठन से जुड़े छात्रों के खिलाफ कोई मामला होता है. तमाम वामपंथी पार्टियों के नेता खुद जेएनयू पहुंच जाते हैं लेकिन आज जब उन्हीं छात्रों ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी की है तो ये वरिष्ठ नेता निंदा के दो शब्द भी नहीं बोल पाते हैं.