नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि आरक्षण पिछड़े वर्ग के लिए उनका मौलिक अधिकार है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर येचुरी ने कहा है की अगर जरूरत है, तो निश्चित रूप से सरकार को इसके लिए कोई संशोधन भी लाना पड़े तो लाना चाहिए. अगर सरकार को ऐसा करना जरूरी नहीं लगता है तो इसका साफ मतलब है कि यह सरकार दलित विरोधी है और इस सरकार को उनके अधिकारों से कोई मतलब नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ शहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ पिछले 55 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके इस प्रदर्शन को हटाने की मांग की गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख 17 फरवरी तय की है.
ये भी पढ़ें- समझें क्या है प्रोन्नति में आरक्षण का पूरा विवाद
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने विरोध प्रदर्शन के मामले को सुप्रीम कोर्ट जाने पर कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश होता है तो निश्चित तौर पर प्रदर्शनकारियों को इस पर अमल करना होगा लेकिन उन्हें शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है और यदि उन्हें वहां से हटाया जाता है तो उन्हें दिल्ली के क्षेत्र में ही कोई और जगह विरोध प्रदर्शन करने के लिए निर्गत की जानी चाहिए.