नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की 'गांधी शांति यात्रा' गुरुवार को समाप्त हो गई. राजघाट पर यात्रा के समापन के बाद यशवंत सिन्हा ने महात्मा गांधी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला.
सिन्हा ने यात्रा के आधार पर बताया, 'मैंने पाया है कि लोगों में अब भी महात्मा गांधी की अहिंसा और सत्य की विचारधारा में विश्वास है.'
दरअसल यशवंत सिन्हा गत नौ जनवरी से पांच हजार किलोमीटर की लंबी यात्रा पर थे. उनकी यात्रा का मार्ग 'गेटवे ऑफ इंडिया' मुंबई से लेकर 'राजघाट' दिल्ली तक था.
भाजपा को घेरे में लेते हुए सिन्हा ने कहा, 'भाजपा की शब्दावली में केवल तीन शब्द हैं - हिन्दू, मुस्लिम और पाकिस्तान, इसके बाद उन्हें नहीं पता है कि चौथा शब्द क्या है.'
गांधी यात्रा के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि लोगों के मन में अब भी गांधी के लिए सम्मान है और नाथूराम गोडसे को जो बढ़ावा देना चाहते हैं, वे कभी सफल नहीं होंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तुलना एक 'आतंकवादी' से करने वाले भाजपा नेता प्रवेश सिंह वर्मा के बयान पर भी सिन्हा ने जबाव दिया. उन्होंने कहा कि वह जिस भाषा का उपयोग कर रहे हैं, वह पूरी तरह से 'तानाशाही' की भाषा है.
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बकौल सिन्हा, 'वे (भाजपा) जानते हैं कि वे दिल्ली चुनाव हार रहे हैं, इसलिए ऐसी भाषाओं का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि वे चुनाव से पहले दिल्ली के लोगों के बीच साम्प्रदायिक विभाजन पैदा करना चाहते हैं.'
यशवंत सिन्हा ने कहा कि भाजपा का एजेंडा अब स्पष्ट रूप से लोगों के सामने आ गया है. हर चुनाव में उसका एक ही एजेंडा होता है और वह है हिन्दू-मुस्लिम और अगर इसके बाद भी कुछ बचा तो वे पाकिस्तान को इसमें ला देते हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री रहे यशवंत ने कहा कि लोग भाजपा की साम्प्रदायिक टिप्पणी से डरते हैं और अब जो कोई भी इस तरह का बयान देगा, वह लोगों की मानसिकता को प्रभावित नहीं करेगा. वे एक साधारण जीवन जीना चाहते हैं और वे धर्म के नाम पर हिंसा नहीं चाहते.
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और मोदी सरकार के प्रबल आलोचक यशवंत सिन्हा ने गत नौ जनवरी से 'गांधी शांति यात्रा' की शुरुआत मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया से की थी. इस यात्रा का समापन गुरुवार को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर दिल्ली स्थित राजघाट पर हुआ.