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लॉकडाउन के बाद भी सरकारी दफ्तरों में जारी रह सकती है घर से कामकाज की व्यवस्था

सरकारी कर्मियों के लिए लॉकडाउन के बाद भी घर से काम करना नई व्यवस्था बन सकती है ताकि कोरोना वायरस काबू में आने तक एक-दूसरे के बीच दूरी सुनिश्चित की जा सके. जानें विस्तार से...

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : May 15, 2020, 12:27 AM IST

नई दिल्ली : सरकारी कर्मियों के लिए लॉकडाउन के बाद भी घर से काम करना नई व्यवस्था बन सकती है ताकि कोरोना वायरस काबू में आने तक एक-दूसरे के बीच दूरी सुनिश्चित की जा सके.

कार्मिक मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार के सभी विभागों को भेजे मसौदा दिशानिर्देश में उनसे 21 मई तक उनकी टिप्पणी मांगी गयी है. जो विभाग ऐसा नहीं कर पाता है तो यह मान लिया जाएगा कि वह इस प्रस्तावित मसौदे से सहमत है.

कोविड-19 के बीच जीवन की तैयारी करते हुए मंत्रालय ने कहा कि ये कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं, क्योंकि वायरस के कारण कई मंत्रालयों के लिए आपस में दूरी बनाकर चलने के लिए घर से कामकाज जरूरी बन गया है.

मसौदे के अनुसार सरकार अधिकारियों एवं कर्मियों को नीतिगत विषय के तौर पर साल में 15 दिनों के लिए घर से काम करने का विकल्प दे सकती है. फिलहाल केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मी हैं.

उसमें कहा गया है, 'सरकार के कई मंत्रालयों एवं विभागों ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र के ई-ऑफिस और वीडियो कांफ्रेंस की सुविधाओं का लाभ उठाकर इस लॉकडाउन के दौरान वर्तमान महामारी के खिलाफ लड़ाई को बखूबी संभाला और अनुकरणीय परिणाम दिए. भारत सरकार में यह अपने तरह का पहला अनुभव है.'

मंत्रालय ने कहा कि इस बात की बड़ी संभावना है कि निकट भविष्य में केंद्रीय सचिवालय में कार्यस्थल पर एक दूसरे से दूरी बनाने के लिए थोड़ी थोड़ी उपस्थिति और विभिन्न पालियों की व्यवस्था जारी रहे.

उसने कहा, 'इसलिए, लॉकडाउन के बाद भी संचालन प्रक्रिया के मानकीरकण के लिए घर से काम के वास्ते व्यापक रूपरेखा जरूरी है और यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि घर से सरकारी फाइलों एवं सूचनाओं तक पहुंच के दौरान उनकी सुरक्षा बनी रहे.'

इस मसौदे में मानक संचालन प्रक्रिया का ब्योरा दिया गया है जो कार्यालयी काम की निरंतरता के संबंध में सरकार का सुचारू कामकाज सुनिश्चित करेगा तथा लॉकडाउन के बाद भी स्थिति में भी लचीलापन प्रदान करेगा.

मसौदे के अनुसार कर्मियों को लैपटॉप या डेस्कटॉप संबंधित मंत्रालय या विभाग उपलब्ध करायेगा और कर्मियों को घर से काम के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल में लायी गयी इंटरनेट सेवाओं के लिए खर्च उपलब्ध कराया जाएगा.

मसौदा दिशानिर्देश में कहा गया है, 'व्यय विभाग घर से काम कर रहे अधिकारियों को डाटा व्यय का खर्च देने पर विचार कर सकता है और यदि जरूरी हो तो वह इस संबंध में अलग से दिशानिर्देश जारी कर सकता है.'

इसमें स्पष्ट किया गया है कि गोपनीय कागजातों को फिलहाल घर से कामकाज के दौरान उपयोग में नही लाया जा सकता है. यह तबतक होगा जबतक एनआईसी गोपनीय फाइलों एवं सूचनाओं को दूर से हासिल करने संबंधी वर्तमान सुरक्षा नियमों पर गृहमंत्रालय से विचार विमर्श नहीं कर लेता और उपयुक्त दिशानिर्देश या एसओपी जारी नहीं करता.

कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि जिन अधिकारियों को लैपटॉप प्रदान किया जाता है, वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इस उपकरण पर बस सरकारी काम हो.

अभी करीब 75 मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय मंच का सक्रियता से इस्तेमाल कर रहे हैं जिनमें से 57 ने अपने काम का 80 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया है.

नई दिल्ली : सरकारी कर्मियों के लिए लॉकडाउन के बाद भी घर से काम करना नई व्यवस्था बन सकती है ताकि कोरोना वायरस काबू में आने तक एक-दूसरे के बीच दूरी सुनिश्चित की जा सके.

कार्मिक मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार के सभी विभागों को भेजे मसौदा दिशानिर्देश में उनसे 21 मई तक उनकी टिप्पणी मांगी गयी है. जो विभाग ऐसा नहीं कर पाता है तो यह मान लिया जाएगा कि वह इस प्रस्तावित मसौदे से सहमत है.

कोविड-19 के बीच जीवन की तैयारी करते हुए मंत्रालय ने कहा कि ये कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं, क्योंकि वायरस के कारण कई मंत्रालयों के लिए आपस में दूरी बनाकर चलने के लिए घर से कामकाज जरूरी बन गया है.

मसौदे के अनुसार सरकार अधिकारियों एवं कर्मियों को नीतिगत विषय के तौर पर साल में 15 दिनों के लिए घर से काम करने का विकल्प दे सकती है. फिलहाल केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मी हैं.

उसमें कहा गया है, 'सरकार के कई मंत्रालयों एवं विभागों ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र के ई-ऑफिस और वीडियो कांफ्रेंस की सुविधाओं का लाभ उठाकर इस लॉकडाउन के दौरान वर्तमान महामारी के खिलाफ लड़ाई को बखूबी संभाला और अनुकरणीय परिणाम दिए. भारत सरकार में यह अपने तरह का पहला अनुभव है.'

मंत्रालय ने कहा कि इस बात की बड़ी संभावना है कि निकट भविष्य में केंद्रीय सचिवालय में कार्यस्थल पर एक दूसरे से दूरी बनाने के लिए थोड़ी थोड़ी उपस्थिति और विभिन्न पालियों की व्यवस्था जारी रहे.

उसने कहा, 'इसलिए, लॉकडाउन के बाद भी संचालन प्रक्रिया के मानकीरकण के लिए घर से काम के वास्ते व्यापक रूपरेखा जरूरी है और यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि घर से सरकारी फाइलों एवं सूचनाओं तक पहुंच के दौरान उनकी सुरक्षा बनी रहे.'

इस मसौदे में मानक संचालन प्रक्रिया का ब्योरा दिया गया है जो कार्यालयी काम की निरंतरता के संबंध में सरकार का सुचारू कामकाज सुनिश्चित करेगा तथा लॉकडाउन के बाद भी स्थिति में भी लचीलापन प्रदान करेगा.

मसौदे के अनुसार कर्मियों को लैपटॉप या डेस्कटॉप संबंधित मंत्रालय या विभाग उपलब्ध करायेगा और कर्मियों को घर से काम के दौरान उनके द्वारा इस्तेमाल में लायी गयी इंटरनेट सेवाओं के लिए खर्च उपलब्ध कराया जाएगा.

मसौदा दिशानिर्देश में कहा गया है, 'व्यय विभाग घर से काम कर रहे अधिकारियों को डाटा व्यय का खर्च देने पर विचार कर सकता है और यदि जरूरी हो तो वह इस संबंध में अलग से दिशानिर्देश जारी कर सकता है.'

इसमें स्पष्ट किया गया है कि गोपनीय कागजातों को फिलहाल घर से कामकाज के दौरान उपयोग में नही लाया जा सकता है. यह तबतक होगा जबतक एनआईसी गोपनीय फाइलों एवं सूचनाओं को दूर से हासिल करने संबंधी वर्तमान सुरक्षा नियमों पर गृहमंत्रालय से विचार विमर्श नहीं कर लेता और उपयुक्त दिशानिर्देश या एसओपी जारी नहीं करता.

कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि जिन अधिकारियों को लैपटॉप प्रदान किया जाता है, वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इस उपकरण पर बस सरकारी काम हो.

अभी करीब 75 मंत्रालय/विभाग ई-कार्यालय मंच का सक्रियता से इस्तेमाल कर रहे हैं जिनमें से 57 ने अपने काम का 80 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया है.

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