रांची : मां-बाप बच्चों को बहुत ही लाड़-प्यार से पालते हैं, ताकि बच्चे उनके बुढ़ापे का सहारा बने, लेकिन कई बार बच्चे अपने मां-बाप को बेसहारा छोड़ देते हैं. ऐसा ही एक मामला झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम इलाके में देखने को मिला, जहां एक बुजुर्ग का शव घर में तीन दिन तक पड़ा रहा, लेकिन बच्चे उसे देखने तक नहीं आए. पत्नी उस शव के साथ बैठ तीन दिनों तक बेटों का इंतजार करती रही.
भगवान शर्मा नौकरी से रिटायर हो चुके थे. उनको चलने वाले पेरों का भी सहारा नहीं था. एक पैर कटा हुआ था. भगवान शर्मा के दो बेटे हैं, जो काफी संपन्न हैं. बावजूद इसके अपनी मानसिक रूप से कमजोर पत्नी के साथ एक किराए के मकान में रहते थे. हालांकि, पैसों से छोटा बेटा मदद करता था, लेकिन मां-बाप की स्थिति देखने दोनों में से कोई नहीं पहुंचते थे.
ये भी पढे़ं: तमिलनाडु की पटाखा फैक्ट्री में धमाका, 9 महिलाओं की मौत
भगवान शर्मा की मौत तीन दिन पहले हो गई. जिवन संगिनी पत्नी तीन दिन तक अपने पति के शव के पास बैठी मदद की इंतजार करती रही. हालत ऐसी हो गई कि मकान से शव की दुर्गंध आने लगी, जिसके बाद मकान मालिक ने बेटों को फोन किया और अंतिम संस्कार का काम शुरू हुआ.